सितम्बर 1, 2025 6:11 अपराह्न

भारत का परमाणु भंडार 2024 में बढ़ा: वैश्विक परमाणु होड़ में भारत की नई भूमिका

समसामयिक मामले: SIPRI वर्ष पुस्तिका 2025, भारत परमाणु शस्त्रागार 2024, कैनिस्टराइज्ड मिसाइलें, MIRV भारत क्षमता, चीन ICBM विस्तार, वैश्विक परमाणु हथियारों की दौड़, नो फर्स्ट यूज सिद्धांत, स्टॉकहोम अंतर्राष्ट्रीय शांति अनुसंधान संस्थान, भारत-प्रशांत तनाव, परमाणु आधुनिकीकरण प्रवृत्ति

India’s Nuclear Arsenal Grows in 2024 as Global Arms Race Heats Up

भारत की परमाणु क्षमताओं में नया उछाल

SIPRI (स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट) की ताजा 2025 ईयरबुक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2024 में अपने परमाणु भंडार में थोड़ा इज़ाफा किया है। इसके साथ ही भारत ने नवीन मिसाइल प्रणाली, विशेष रूप से कैनिस्टराइज्ड मिसाइलें, विकसित करना शुरू किया है जो तेजी से और सुरक्षित लॉन्च की सुविधा देती हैं। इससे भारत की सैन्य तैयारी और रणनीतिक प्रतिक्रिया समय में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

कैनिस्टर सिस्टम और MIRV क्षमता

कैनिस्टराइज्ड मिसाइलें पहले से माउंट किए गए वॉरहेड्स के साथ स्टोर की जाती हैं, जिससे इनका लॉन्च समय कम होता है। इन प्रणालियों में भविष्य में MIRV (Multiple Independently targetable Reentry Vehicles) तकनीक को जोड़ने की संभावना है। इसका मतलब एक मिसाइल कई लक्ष्यों को भेद सकती है। यह भारत की Credible Minimum Deterrence नीति के तहत आधुनिकता और सुरक्षा का संतुलन बनाए रखने का संकेत है।

वैश्विक परमाणु संतुलन में बदलाव

SIPRI के अनुसार, सभी 9 परमाणु संपन्न देश (अमेरिका, रूस, चीन, भारत, पाकिस्तान, ब्रिटेन, फ्रांस, इज़राइल, उत्तर कोरिया) अपने हथियारों को आधुनिकीकरण की दिशा में ले जा रहे हैं। विशेष रूप से चीन ने 600 से अधिक वॉरहेड और 350 नए ICBM साइलो बनाकर परमाणु क्षमता में जबरदस्त बढ़ोतरी की है। यह संकेत है कि दुनिया एक नई और खतरनाक परमाणु दौड़ में प्रवेश कर चुकी है।

भारत का नीति रुख: नो फर्स्ट यूज़

हालांकि भारत ने तकनीकी रूप से अपने हथियारों को उन्नत किया है, लेकिन उसने अभी भी नो फर्स्ट यूज़” (NFU) नीति को अपनाए रखा है। भारत की रणनीति आक्रामकता नहीं, बल्कि प्रतिरोध और संतुलन पर आधारित है। भारत की भूराजनीतिक स्थिति, जहां इसके दो पड़ोसी चीन और पाकिस्तान दोनों परमाणु हथियार रखते हैं, उसे हर हाल में तकनीकी और रणनीतिक रूप से सक्षम रहने की आवश्यकता बनाती है।

वैश्विक आंकड़े और खतरनाक रुझान

जनवरी 2025 तक विश्व में कुल 12,241 परमाणु हथियार होने का अनुमान है। इनमें से 9,614 सैन्य भंडार में हैं और 3,912 हथियार तैनात किए गए हैं। 2,100 से अधिक हथियार उच्च परिचालन सतर्कता (high alert) पर हैं—अधिकतर अमेरिका और रूस द्वारा, और अब चीन भी संभवतः इस सूची में शामिल हो सकता है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
रिपोर्टिंग संस्था स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI)
भारत की स्थिति 2024 में परमाणु भंडार में हल्का विस्तार
नई क्षमता कैनिस्टराइज्ड मिसाइलें, संभावित MIRV प्रणाली
परमाणु नीति नो फर्स्ट यूज़, न्यूनतम प्रतिरोधक क्षमता (Credible Minimum Deterrence)
चीन का विस्तार 600+ वॉरहेड, 350 नए ICBM साइलो निर्माणाधीन
वैश्विक परमाणु हथियार संख्या 12,241 कुल; 9,614 सैन्य भंडार में; 3,912 तैनात
हाई अलर्ट वॉरहेड्स 2,100+ (अमेरिका, रूस मुख्य रूप से)
परमाणु संपन्न देश अमेरिका, रूस, चीन, भारत, पाकिस्तान, यूके, फ्रांस, इज़राइल, उत्तर कोरिया
भारत का क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य इंडो-पैसिफिक और दक्षिण एशिया
ICBM का फुल फॉर्म इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल

 

India’s Nuclear Arsenal Grows in 2024 as Global Arms Race Heats Up
  1. भारत ने 2024 में अपने परमाणु शस्त्रागार में थोड़ी वृद्धि की है, जैसा कि SIPRI Yearbook 2025 में उल्लेख किया गया है।
  2. भारत तेज़ और कुशल लॉन्च क्षमता के लिए कैनिस्टरयुक्त मिसाइलों का विकास कर रहा है।
  3. कैनिस्टर प्रणाली में मिसाइल पहले से वॉरहेड के साथ संग्रहीत रहती है, जिससे प्रतिक्रिया समय कम होता है।
  4. भारत अब MIRV (मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल) क्षमता की दिशा में अग्रसर है।
  5. MIRV तकनीक से एक मिसाइल कई लक्ष्यों पर प्रहार कर सकती है, जिससे हमले की प्रभावशीलता बढ़ती है।
  6. भारत अब भी नो फर्स्ट यूज़” (NFU) यानी पहले प्रयोग न करने की परमाणु नीति बनाए हुए है।
  7. यह नीति भारत की विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोध” (Credible Minimum Deterrence) ढांचे का हिस्सा है।
  8. भारत की परमाणु रणनीति को इंडोपैसिफिक क्षेत्र के तनावपूर्ण वातावरण में रक्षात्मक रुख माना गया है।
  9. SIPRI ने बताया कि सभी परमाणु शक्तियां अब अपने शस्त्रागार को आधुनिकीकरण की दिशा में ले जा रही हैं।
  10. भारत सहित सभी नौ परमाणुसशस्त्र देश अपने हथियार प्रणाली को उन्नत कर रहे हैं।
  11. चीन का वॉरहेड आंकड़ा 600 पार कर चुका है और वह 350 नई ICBM साइलो बना रहा है।
  12. SIPRI के अनुसार, चीन की परमाणु क्षमता 2030 तक अमेरिका या रूस के बराबर हो सकती है।
  13. भारत की यह धीमी बढ़त तकनीकी प्रतिस्पर्धा में बने रहने की रणनीति दर्शाती है।
  14. जनवरी 2025 तक, दुनिया में 12,241 परमाणु वॉरहेड मौजूद हैं।
  15. इनमें से 9,614 सैन्य स्टॉकपाइल्स में और 3,912 वॉरहेड तैनात अवस्था में हैं।
  16. 2,100 से अधिक वॉरहेड उच्च परिचालन सतर्कता (High Operational Alert) पर हैं, मुख्यतः अमेरिका और रूस के पास।
  17. चीन भी अब शायद कुछ वॉरहेड हाई अलर्ट मोड पर रख रहा है, जो एक नई और चिंताजनक प्रवृत्ति है।
  18. भारत की रणनीतिक स्थिति में दो परमाणुसशस्त्र पड़ोसी, चीन और पाकिस्तान, शामिल हैं।
  19. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) एक प्रमुख वैश्विक हथियार निगरानी संस्था है।
  20. SIPRI के अनुसार, नई परमाणु होड़ अब अधिक क्षेत्रीय और तकनीकी है, जो शीत युद्ध काल की तुलना में ज्यादा जटिल हो गई है।

Q1. SIPRI ईयरबुक 2025 के अनुसार, भारत ने 2024 में अपने परमाणु शस्त्रागार में कौन-सा प्रमुख विकास किया?


Q2. कैनिस्टरयुक्त मिसाइल प्रणालियों की एक मुख्य विशेषता क्या है?


Q3. जनवरी 2025 तक वैश्विक स्तर पर अनुमानित कितने परमाणु हथियार तैनात किए गए हैं?


Q4. किन दो देशों ने अपने अधिकांश परमाणु हथियारों को उच्च परिचालन चेतावनी (High Operational Alert) पर रखा है?


Q5. परमाणु आधुनिकीकरण के बावजूद भारत किस नीति का पालन करना जारी रखता है?


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