भारत ने शुरू की इलेक्ट्रिक ट्रकिंग क्रांति
भारत ने PM ई-DRIVE योजना के अंतर्गत अपनी पहली इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए समर्पित प्रोत्साहन योजना शुरू की है। यह पहल हरित मालवाहन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इस योजना के तहत प्रति वाहन ₹9.6 लाख तक की आर्थिक सहायता मिलेगी, जिससे भारत के 2070 नेट-जीरो लक्ष्य की दिशा में प्रगति को बल मिलेगा।
योजना का महत्व
हालांकि डीजल ट्रक सिर्फ 3% कुल वाहनों का हिस्सा हैं, वे 42% ग्रीनहाउस उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हैं। यह योजना इस असंतुलन को सीधे संबोधित करती है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई यह योजना विकसित भारत 2047 मिशन का हिस्सा है।
Static GK तथ्य: भारत ने COP26, ग्लासगो में 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन का संकल्प लिया।
योजना के नियम और पात्रता
PM ई-DRIVE के ₹10,900 करोड़ बजट में से ₹500 करोड़ इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए निर्धारित किए गए हैं। कुल 5,600 ट्रकों को सब्सिडी दी जाएगी। ₹9.6 लाख की अधिकतम सब्सिडी वाहन निर्माताओं (OEMs) के माध्यम से सीधे दी जाएगी, लेकिन लाभ पाने के लिए पुराने प्रदूषणकारी ट्रक को स्क्रैप करना अनिवार्य होगा।
यह योजना N2 और N3 श्रेणी के ट्रकों पर लागू होगी, जिनका कुल भार 3.5 से 55 टन के बीच होता है।
स्थानीय उत्पादन और वारंटी शर्तें
मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए योजना में फेज्ड मैन्युफैक्चरिंग प्रोग्राम लागू है, जिससे आयात को सीमित किया गया है। कंपनियों को 5 वर्ष या 5 लाख किमी बैटरी वारंटी तथा 5 वर्ष या 2.5 लाख किमी वाहन और मोटर वारंटी देनी होगी।
Static GK टिप: मेक इन इंडिया पहल 2014 में शुरू हुई थी ताकि घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दिया जा सके।
उद्योग की प्रतिक्रिया और लाभ
इस योजना से बंदरगाह, सीमेंट, स्टील और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को विशेष लाभ होगा। उदाहरण के लिए, SAIL (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया) दो वर्षों में 150 इलेक्ट्रिक ट्रक खरीदेगा और अपने 15% बेड़े को इलेक्ट्रिक में बदलेगा।
दिल्ली में 1,100 इलेक्ट्रिक ट्रकों को शामिल करने का लक्ष्य है, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार और लॉजिस्टिक लागत में कमी की संभावना है।
समग्र EV रणनीति में एकीकृत प्रयास
यह योजना PM ई-DRIVE के तहत पहले से चल रही दोपहिया और तिपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की सफलता के बाद लाई गई है। इस योजना में 10,900 इलेक्ट्रिक बसों और एंबुलेंसों के लिए निविदाएं भी शामिल हैं। स्वास्थ्य और परिवहन मंत्रालय सुरक्षा मानकों पर मिलकर कार्य कर रहे हैं।
Static GK तथ्य: FAME-II योजना 2019 में शुरू की गई थी ताकि इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को सब्सिडी दी जा सके।
हरित गतिशीलता की दिशा में अग्रसर भारत
सरकार ने OEMs, ट्रांसपोर्टर्स और उद्योगों से इस पहल में भाग लेने का आह्वान किया है। यह कदम भारत की इलेक्ट्रिक वाहन पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करेगा, घरेलू नवाचार को प्रेरित करेगा और हरित लॉजिस्टिक्स क्षेत्र को आगे बढ़ाएगा।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
योजना का नाम | इलेक्ट्रिक ट्रक प्रोत्साहन योजना (PM ई-DRIVE के तहत) |
शुरूआत की तिथि | 12 जुलाई 2025 |
अधिकतम सब्सिडी | ₹9.6 लाख प्रति वाहन |
कुल बजट आवंटन | ₹500 करोड़ (PM E-DRIVE के ₹10,900 करोड़ में से) |
लक्षित वाहन | N2 और N3 श्रेणी (3.5 – 55 टन) |
पात्रता | पुराने ट्रक को स्क्रैप करना अनिवार्य |
वारंटी नियम | बैटरी – 5 वर्ष / 5 लाख किमी, वाहन – 5 वर्ष / 2.5 लाख किमी |
प्रमुख लाभार्थी उद्योग | लॉजिस्टिक्स, बंदरगाह, सीमेंट, स्टील |
उल्लेखनीय उदाहरण | SAIL अगले 2 वर्षों में 150 ई-ट्रक खरीदेगा |
राष्ट्रीय लक्ष्य | 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन |