ऐतिहासिक संबंध जो आज भी जीवित हैं
भारत और मध्य एशिया के बीच का रिश्ता नया नहीं है। इसकी जड़ें सिल्क रोड तक जाती हैं, जहाँ से वस्त्र, विचार और संस्कृति का आदान-प्रदान तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व से होता आ रहा है। आधुनिक सीमाओं के अस्तित्व में आने से पहले ही ये क्षेत्र भारत के निकटतम सांस्कृतिक और व्यापारिक पड़ोसी थे। आज भी कजाखस्तान, किर्गिज़स्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़्बेकिस्तान को भारत अपने “विस्तारित पड़ोस” के रूप में देखता है।
चौथे संवाद की प्रमुख उपलब्धियाँ
नई दिल्ली में आयोजित चौथे भारत-मध्य एशिया संवाद में इन पाँचों देशों के विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया। एक महत्वपूर्ण संदेश के रूप में, सभी देशों ने पहलगाम आतंकी हमले की एक स्वर में निंदा की, जो भारत के प्रति उनकी सुरक्षा साझेदारी को दर्शाता है।
साथ ही, दुर्लभ खनिजों और क्रिटिकल मिनरल्स पर संयुक्त खोज की योजना बनी। ये खनिज इलेक्ट्रिक वाहनों, रक्षा उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। यह सहयोग भारत-मध्य एशिया संबंधों में नई ऊर्जा कूटनीति का अध्याय खोल सकता है।
साझा वैश्विक चिंताएँ और पर्यावरणीय सहयोग
बैठक में संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित 2025 को “अंतरराष्ट्रीय शांति और विश्वास वर्ष” के रूप में मान्यता देने का स्वागत किया गया। इसके साथ ही, हिमनद संरक्षण सम्मेलन जो हाल ही में ताजिकिस्तान में हुआ, उसमें ग्लेशियरों की रक्षा को लेकर एकजुटता दिखाई गई। भारत और मध्य एशिया दोनों ही बर्फ से पोषित नदियों पर निर्भर हैं, इसलिए यह विषय जल सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
व्यापार और संपर्क को बढ़ावा
भारत ने इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (INSTC) और चाबहार पोर्ट जैसे प्रमुख प्रोजेक्ट्स के ज़रिए मध्य एशिया से सीधे जुड़ने की रणनीति बनाई है। ये मार्ग व्यापार समय और लागत दोनों को कम करने में मदद करेंगे।
भारत का कजाखस्तान से यूरेनियम आयात, जो 2009 से जारी है, भी एक महत्वपूर्ण ऊर्जा कड़ी है, जो देश की नाभिकीय ऊर्जा जरूरतों को पूरा करता है।
ऊर्जा और रक्षा सहयोग
एक मुख्य परियोजना है TAPI पाइपलाइन, जो तुर्कमेनिस्तान से भारत तक गैस पहुंचाने के लिए बनाई जा रही है, और अफगानिस्तान व पाकिस्तान से होकर गुजरेगी। हालांकि परियोजना में देरी हुई है, लेकिन यह भारत की भविष्य की ऊर्जा रणनीति का अहम हिस्सा है।
रक्षा संबंधों को भी नया आयाम मिला है। भारत “खंजर” सैन्य अभ्यास किर्गिज़स्तान के साथ और “काज़इंड” अभ्यास कजाखस्तान के साथ नियमित रूप से करता है। ये अभ्यास सैन्य सहयोग और सामरिक तालमेल को मजबूत करते हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | जानकारी |
सिल्क रोड इतिहास | भारत और मध्य एशिया के बीच प्राचीन व्यापार मार्ग |
INSTC | ईरान के रास्ते भारत-मध्य एशिया व्यापार गलियारा |
पहलगाम आतंकी हमला | मध्य एशियाई देशों द्वारा निंदा |
TAPI पाइपलाइन | तुर्कमेनिस्तान से भारत तक गैस ट्रांसपोर्ट |
यूरेनियम आयात | 2009 से भारत-कजाखस्तान के बीच |
शांति और विश्वास वर्ष 2025 | संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित, संवाद में स्वागत |
हिमनद संरक्षण सम्मेलन | ताजिकिस्तान में आयोजित, 2025 के तहत |
खंजर अभ्यास | भारत और किर्गिज़स्तान के बीच सैन्य अभ्यास |
काज़इंड अभ्यास | भारत और कजाखस्तान के बीच सैन्य अभ्यास |
दुर्लभ खनिज खोज | भारत और मध्य एशिया के बीच प्रस्तावित सहयोग |