जुलाई 20, 2025 8:11 पूर्वाह्न

भारत और डेनमार्क ने नवीकरणीय ऊर्जा सहयोग को नवीनीकृत किया: स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों की गति को तेज़ करने की दिशा में बड़ा कदम

करेंट अफेयर्स: भारत और डेनमार्क स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों में तेजी लाने के लिए ऊर्जा सहयोग को नवीनीकृत करेंगे, भारत-डेनमार्क समझौता ज्ञापन 2025, स्वच्छ ऊर्जा सहयोग, नेट-जीरो लक्ष्य 2070, नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण, पावर सिस्टम मॉडलिंग इंडिया, ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, सतत विकास साझेदारी

India and Denmark Renew Energy Cooperation to Accelerate Clean Energy Goals

यह समझौता क्यों है समयोचित और महत्वपूर्ण

जलवायु परिवर्तन और स्थिरता पर बढ़ते वैश्विक ध्यान के बीच, भारत और डेनमार्क ने 2 मई 2025 को स्वच्छ ऊर्जा सहयोग को पुनः सशक्त करने हेतु नई समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता भारत के ऊर्जा मंत्रालय के सचिव श्री पंकज अग्रवाल और भारत में डेनमार्क के राजदूत श्री रासमस एबिलगार्ड क्रिस्टेन्सन के बीच संपन्न हुआ। यह साझेदारी भारत के 2070 तक नेटज़ीरो उत्सर्जन के दीर्घकालिक लक्ष्य को प्रत्यक्ष रूप से समर्थन देती है।

हरित सहयोग की मज़बूत नींव पर आधारित

यह समझौता कोई नया आरंभ नहीं बल्कि जून 2020 में शुरू हुई पांच वर्षीय साझेदारी का नवीनीकरण है। इस अवधि में दोनों देशों ने ऊर्जा क्षेत्र में तकनीक और ज्ञान साझेदारी पर गहराई से काम किया है। डेनमार्क की विशेषज्ञता पवन ऊर्जा, ग्रिड इंटीग्रेशन और लोकार्बन तकनीकों में है, जिससे यह भारत के हरित ऊर्जा अभियान में एक रणनीतिक सहयोगी बन गया है।

प्राथमिकता वाले क्षेत्र: पावर मॉडलिंग से इलेक्ट्रिक मोबिलिटी तक

यह MoU विस्तृत और दूरदर्शी क्षेत्र को कवर करता है। इसमें शामिल हैं:

  • पावर सिस्टम मॉडलिंग, जिससे भारत भविष्य की ऊर्जा मांगों का पूर्वानुमान लगा सके
  • सौर एवं पवन जैसी परिवर्तनीय अक्षय ऊर्जा को राष्ट्रीय ग्रिड में समाहित करना
  • ईवी चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास
  • सीमापार विद्युत व्यापार जैसे क्षेत्र, जो ऊर्जा सुरक्षा और क्षेत्रीय सहयोग के लिए अहम हैं
    यह समझौता भारत को आधुनिक, भविष्यउन्मुख ऊर्जा प्रणालियों की ओर ले जाता है।

नवाचार के लिए ज्ञान साझा करना

समझौते का एक विशेष पहलू ज्ञान हस्तांतरण और क्षमतावृद्धि पर बल है। इसके तहत संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम, विशेषज्ञ बैठकों और अध्ययन यात्राओं का आयोजन होगा, जिससे दोनों देशों के ऊर्जा पेशेवरों को वास्तविक नवाचारों का प्रत्यक्ष अनुभव मिलेगा। इससे दीर्घकालिक सहयोग की नींव मजबूत होगी, और डेनमार्क की विशेषज्ञता भारत के नीति और स्केल से जुड़कर ऊर्जा क्षेत्र में बदलाव लाएगी।

Static GK परीक्षा-संक्षेप सारणी

विषय विवरण
समझौता हस्ताक्षर तिथि 2 मई 2025
समझौते का प्रकार नवीनीकृत समझौता ज्ञापन (MoU)
भारतीय प्रतिनिधि श्री पंकज अग्रवाल (सचिव, विद्युत मंत्रालय)
डेनिश प्रतिनिधि श्री रासमस एबिलगार्ड क्रिस्टेन्सन (भारत में डेनमार्क के राजदूत)
प्रारंभिक समझौता वर्ष जून 2020
भारत का जलवायु लक्ष्य 2070 तक नेट-ज़ीरो उत्सर्जन
प्रमुख फोकस क्षेत्र पावर सिस्टम मॉडलिंग, अक्षय ऊर्जा एकीकरण, ईवी चार्जिंग अवसंरचना
ज्ञान साझेदारी उपकरण संयुक्त प्रशिक्षण, विशेषज्ञ बैठकें, अध्ययन यात्राएं
व्यापक उद्देश्य तीव्र स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन और सतत विकास

 

India and Denmark Renew Energy Cooperation to Accelerate Clean Energy Goals
  1. भारत और डेनमार्क ने 2 मई 2025 को स्वच्छ ऊर्जा सहयोग के लिए एक नया समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।
  2. यह समझौता भारत के 2070 तक नेटज़ीरो उत्सर्जन लक्ष्य को समर्थन देता है।
  3. इस MoU पर श्री पंकज अग्रवाल और राजदूत रस्मस एबिलगार्ड क्रिस्टेन्सन ने हस्ताक्षर किए।
  4. यह जून 2020 में हस्ताक्षरित पहले समझौते का विस्तार है।
  5. डेनमार्क विश्व स्तर पर पवन ऊर्जा और कमकार्बन तकनीक में विशेषज्ञता रखने वाला भारत का प्रमुख भागीदार है।
  6. यह समझौता भारतडेनमार्क ग्रीन स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप को मज़बूत करता है।
  7. एक मुख्य क्षेत्र ऊर्जा मांग की पूर्वानुमान और प्रबंधन के लिए पावर सिस्टम मॉडलिंग है।
  8. यह भारत के पावर ग्रिड में सौर और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों को शामिल करने को बढ़ावा देता है।
  9. समझौता पूरे भारत में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग ढांचे के निर्माण को प्राथमिकता देता है।
  10. सीमापार बिजली व्यापार पर विचार किया जा रहा है जिससे क्षेत्रीय ऊर्जा सुरक्षा को बल मिलेगा।
  11. यह सहयोग सतत विकास और हरित नवाचार को समर्थन देता है।
  12. दोनों देश संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों और विशेषज्ञ आदानप्रदान में भाग लेंगे।
  13. अध्ययन यात्राएं और तकनीकी दौरे वास्तविक समाधानों को साझा करने के लिए आयोजित किए जाएंगे।
  14. यह समझौता भारत के जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम करने के प्रयासों से मेल खाता है।
  15. यह भारत को एक भविष्यतैयार स्वच्छ ऊर्जा नेता के रूप में स्थापित करता है।
  16. डेनमार्क तकनीकी विशेषज्ञता देगा, जबकि भारत नीति नेतृत्व और विस्तार प्रदान करेगा।
  17. यह सहयोग जलवायुकेंद्रित अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों को दर्शाता है।
  18. यह ज्ञान हस्तांतरण और नवाचार के माध्यम से दीर्घकालिक साझेदारी को प्रोत्साहित करता है।
  19. यह MoU भारत की वैश्विक जलवायु कूटनीति में बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।
  20. यह पहल भारत में स्वच्छ, लचीले और सतत ऊर्जा संक्रमण को गति देगी।

 

Q1. भारत-डेनमार्क के ऊर्जा सहयोग समझौते का नवीनीकरण कब किया गया?


Q2. डेनमार्क की साझेदारी से समर्थित भारत का नेट-ज़ीरो उत्सर्जन प्राप्त करने का लक्षित वर्ष क्या है?


Q3. भारत की ओर से इस समझौता ज्ञापन (MoU) पर किस अधिकारी ने हस्ताक्षर किए?


Q4. भारत और डेनमार्क के बीच मूल ऊर्जा MoU पहली बार किस वर्ष हस्ताक्षरित किया गया था?


Q5. 2025 समझौता ज्ञापन में निम्नलिखित में से किसका फोकस क्षेत्र के रूप में उल्लेख नहीं किया गया है?


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