सोनोबॉय क्या हैं और ये क्यों महत्वपूर्ण हैं?
सोनोबॉय छोटे, तैरने वाले उपकरण होते हैं जिन्हें विमानों या जहाजों से समुद्र में छोड़ा जाता है। एक बार जल में पहुंचने के बाद ये उपकरण पनडुब्बियों की गतिविधियों, टॉरपीडो और अन्य पानी के भीतर हलचलों को सुन सकते हैं और उनकी जानकारी रेडियो सिग्नल के माध्यम से वास्तविक समय में पास के संचालन केंद्रों तक भेजते हैं।
ये पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW) के लिए आवश्यक हैं और हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) जैसे विवादित समुद्री क्षेत्रों में सामरिक सतर्कता बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
भारत-अमेरिका सहयोग: सामरिक आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
2024 में, भारत और अमेरिका ने एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत सोनोबॉय का सह–उत्पादन भारत में ही किया जाएगा। यह पहली बार है कि भारत इस तकनीक का उत्पादन स्वयं करेगा, जिससे निम्नलिखित लाभ होंगे:
- उन्नत जलमग्न निगरानी तकनीक का भारत को हस्तांतरण
• स्वदेशी उत्पादन क्षमता का विकास
• हिंद–प्रशांत क्षेत्र में समुद्री शक्ति को मजबूती
यह समझौता खरीदार–विक्रेता संबंध से आगे बढ़कर संयुक्त विकासकर्ता संबंध की ओर संकेत करता है — जो भारत की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ नीतियों को मजबूती देता है।
भारतीय नौसेना को इससे कैसे लाभ होगा?
हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती नौसेना गतिविधियों को देखते हुए, भारत के लिए Undersea Domain Awareness (UDA) बहुत जरूरी है। सोनोबॉय निम्नलिखित में मदद करेंगे:
- विदेशी पनडुब्बियों का भारतीय जलक्षेत्र में प्रवेश से पहले पता लगाना
• गुप्त निगरानी के माध्यम से संदिग्ध गतिविधियों को ट्रैक करना
• नौसेना संसाधनों पर भार कम करना
• तटीय सुरक्षा, खुफिया जानकारी, और समुद्री मानचित्रण में सहायता
यह सहयोग भारत को अपने सामरिक समुद्री मार्गों, बंदरगाहों और विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) की सुरक्षा करने में अधिक सक्षम बनाएगा।
रक्षा से आगे: नागरिक और पर्यावरणीय उपयोग
सोनोबॉय का उपयोग सिर्फ रक्षा तक सीमित नहीं है। इसका उपयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में भी होता है:
- समुद्री जैव विविधता निगरानी (जैसे व्हेल प्रवास ट्रैक करना)
• जलवायु परिवर्तन पर समुद्र संबंधी अध्ययन
• भूकंपीय गतिविधियों की निगरानी – आपदा प्रबंधन में मदद
• समुद्री धाराओं और तापमान का मानचित्रण
भारत में इनके सह-निर्माण से वैज्ञानिक अनुसंधान और पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक सस्ती तकनीकें उपलब्ध हो सकेंगी।
स्थैतिक जीके स्नैपशॉट – परीक्षा हेतु
विषय | तथ्य |
सोनोबॉय | जलमग्न ध्वनिक उपकरण – पनडुब्बी की निगरानी हेतु |
मुख्य उपयोग | पनडुब्बी रोधी युद्ध (ASW), जलमग्न क्षेत्र निगरानी |
भारत–अमेरिका समझौता | 2024 – सह-उत्पादन समझौते पर हस्ताक्षर |
सहायक नीतियाँ | मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत |
रणनीतिक क्षेत्र | हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) |
नागरिक उपयोग | समुद्र विज्ञान, जलवायु अध्ययन, समुद्री जीवन निगरानी |
UDA का पूर्ण रूप | Undersea Domain Awareness (जलमग्न क्षेत्र जागरूकता) |
भारत की भूमिका | हिंद-प्रशांत में नेट सुरक्षा प्रदाता (Net Security Provider) |