जुलाई 22, 2025 7:12 अपराह्न

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कांजुरमार्ग लैंडफिल को संरक्षित वन घोषित किया: मुंबई के लिए कचरा संकट की चेतावनी

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Bombay High Court Declares Kanjurmarg Landfill a Protected Forest: Mumbai’s Waste Crisis Looms

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अदालत का निर्णय: मुंबई के अपशिष्ट प्रबंधन पर संकट

2 मई 2025 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने कांजुरमार्ग लैंडफिल को एक संरक्षित वन घोषित कर दिया, जिससे मुंबई के सबसे बड़े कचरा निपटान स्थल का उपयोग बंद हो गया। यह फैसला बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) के लिए झटका है, क्योंकि यही स्थान शहर के 90% ठोस कचरे को संभालता है। BMC ने सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले को चुनौती देने की योजना बनाई है, क्योंकि यदि साइट बंद हुई तो शहर कचरा संकट का सामना कर सकता है।

कानूनी पृष्ठभूमि और विवाद

कांजुरमार्ग स्थल 141.77 हेक्टेयर में फैला है और 2016 से संचालन में है। इसकी भूमि पर मैन्ग्रोव वनस्पति होने के कारण इसे पहले से संरक्षित वन माना गया था। 2003 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत BMC को इसका उपयोग करने की अनुमति मिली थी। हालांकि, 2009 में इसे डीनोटिफाई कर दिया गया, जिसे अब हाईकोर्ट ने अवैध करार दिया है। अदालत ने कहा कि इस तरह की भूमि के उपयोग में बदलाव केवल वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के तहत हो सकता है।

मौजूदा अपशिष्ट प्रबंधन कार्य

कांजुरमार्ग लैंडफिल प्रतिदिन लगभग 6,500 टन कचरा प्रोसेस करता है, जिसमें से 4,000 टन बायोरिएक्टर लैंडफिल विधि द्वारा और 2,000 टन MRF (मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) द्वारा निपटाया जाता है। बायोरिएक्टर तकनीक तेजी से अपघटन को बढ़ावा देती है और कम्पोस्ट RDF (Refuse Derived Fuel) उत्पन्न करती है। लेकिन अब ये तकनीकी व्यवस्थाएं भी न्यायिक फैसले से खतरे में हैं।

पर्यावरणीय और नागरिक चिंताएं

इस साइट को दुर्गंध, प्रदूषण, और स्वास्थ्य जोखिमों के लिए लंबे समय से आलोचना मिलती रही है। पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है कि खुले में डंपिंग, भूजल प्रदूषण, और वायु गुणवत्ता में गिरावट जैसे गंभीर खतरे हैं। वे यह भी मानते हैं कि यह स्थल प्राकृतिक जैव विविधता को नुकसान पहुंचा रहा है और वन क्षेत्र के रूप में इसके महत्व की अनदेखी की जा रही है।

आगे की राह: अपशिष्ट निपटान का अनिश्चित भविष्य

यदि सुप्रीम कोर्ट इस फैसले पर स्थगन आदेश नहीं देती, तो मुंबई को भविष्य में गंभीर कचरा संकट का सामना करना पड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि साइट से मौजूदा कचरे को हटाने में 5 से 10 साल लग सकते हैं। BMC अब वैकल्पिक स्थलों की तलाश में है, लेकिन भूसंकट के कारण यह चुनौतीपूर्ण है। अपशिष्ट-से-ऊर्जा और विकेन्द्रित कम्पोस्टिंग मॉडल पर भी विचार किया जा रहा है, लेकिन इसके लिए समय और निवेश की आवश्यकता है।

परीक्षा हेतु Static GK स्नैपशॉट

विषय विवरण
लैंडफिल का नाम कांजुरमार्ग लैंडफिल
स्थान मुंबई, महाराष्ट्र
कुल क्षेत्रफल 141.77 हेक्टेयर
अदालती निर्णय की तिथि 2 मई 2025
न्यायालय बॉम्बे हाईकोर्ट
घोषित स्थिति संरक्षित वन
पूर्व स्वीकृति 2003 के सुप्रीम कोर्ट निर्देश के आधार पर
कानूनी संदर्भ वन संरक्षण अधिनियम, 1980
प्रतिदिन प्रोसेसिंग कचरा लगभग 6,500 टन
तकनीकी विधियाँ बायोरिएक्टर लैंडफिल, MRF केंद्र
प्रमुख पर्यावरणीय समस्या प्रदूषण, दुर्गंध, खुले में डंपिंग, जनस्वास्थ्य संकट
संभावित संकट यदि बंद हुआ, तो 5–10 वर्षों तक निपटान संकट उत्पन्न होगा

 

Bombay High Court Declares Kanjurmarg Landfill a Protected Forest: Mumbai’s Waste Crisis Looms
  1. 2 मई 2025 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने कांजुरमार्ग लैंडफिल को संरक्षित वन घोषित किया।
  2. यह स्थल मुंबई के 90% कचरे — लगभग 6,500 टन प्रतिदिन — का निपटान करता है।
  3. यह फैसला मुंबई की सबसे बड़ी ठोस कचरा प्रबंधन साइट को प्रभावित करता है।
  4. बीएमसी ने इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की योजना बनाई है।
  5. लैंडफिल मुंबई के पूर्वी भाग में77 हेक्टेयर में फैला हुआ है।
  6. यह स्थान मूलतः 1980 के दशक में घोषित मैन्ग्रोव वन क्षेत्र था।
  7. 2003 में सुप्रीम कोर्ट ने बीएमसी को इस भूमि के उपयोग की अनुमति दी थी।
  8. 2009 की डीनोटिफिकेशन को 2025 के निर्णय ने रद्द कर दिया।
  9. अदालत ने वन संरक्षण अधिनियम, 1980 का हवाला देकर निर्णय सुनाया।
  10. कचरे का निपटान बायोरिएक्टर लैंडफिल और मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (MRF) से होता है।
  11. बायोरिएक्टर विधि से कंपोस्ट और आरडीएफ (Refuse-Derived Fuel) तैयार होता है।
  12. पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह लैंडफिल पारिस्थितिक संतुलन को खतरे में डालता है।
  13. रिपोर्ट्स में खुले में डंपिंग, प्रदूषण और स्वास्थ्य जोखिमों का ज़िक्र किया गया है।
  14. भूजल प्रदूषण और वायु गुणवत्ता गिरावट की आशंका जताई गई है।
  15. बीएमसी वैकल्पिक कचरा स्थल खोज रही है लेकिन भूमि की कमी सबसे बड़ी चुनौती है।
  16. यदि यह लैंडफिल बंद हो गया तो मुंबई में बड़ा कचरा संकट उत्पन्न हो सकता है।
  17. मौजूदा कचरे के ढेर को साफ़ करने में 5 से 10 वर्ष तक लग सकते हैं।
  18. बीएमसी अब वेस्टटूएनर्जी और विकेन्द्रीकृत कम्पोस्टिंग विकल्पों पर विचार कर रही है।
  19. यह फैसला वन कानून के तहत भारत की शहरी अपशिष्ट नीति को प्रभावित कर सकता है।
  20. यह मामला शहरीकरण बनाम पारिस्थितिक संरक्षण के संघर्ष को उजागर करता है।

Q1. मई 2025 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने कंजुरमार्ग लैंडफिल को किस रूप में घोषित किया?


Q2. कंजुरमार्ग लैंडफिल प्रतिदिन कितने टन कचरे को संसाधित करता है?


Q3. बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने निर्णय में किस कानून का हवाला दिया?


Q4. कंजुरमार्ग लैंडफिल में किस अपशिष्ट प्रबंधन विधि का उपयोग किया गया था?


Q5. साइनबोर्डों के लिए तमिलनाडु सरकार ने कौन-सी भाषा नीति को बढ़ावा दिया है?


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Daily Current Affairs May 7

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