बिहार ने रचा ऊर्जा क्षेत्र में इतिहास
बिहार का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र अब स्वीकृत हो चुका है, जो राज्य की ऊर्जा व्यवस्था में एक ऐतिहासिक बदलाव लाने वाला है। यह सिर्फ बिजली उत्पादन की बात नहीं है, बल्कि यह भारत के “न्यूक्लियर एनर्जी मिशन“ का हिस्सा है। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब राज्य में विधानसभा चुनाव भी नजदीक हैं, जिससे इसका राजनीतिक महत्व भी बढ़ गया है।
भारत में परमाणु ऊर्जा का विस्तार
परमाणु ऊर्जा मिशन का उद्देश्य भारत के हर राज्य में साफ और स्थिर ऊर्जा उपलब्ध कराना है। केंद्रीय बजट 2025-26 में इस योजना के लिए ₹20,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। सरकार चाहती है कि हर राज्य में कम से कम एक परमाणु संयंत्र स्थापित हो, जिससे देश की दीर्घकालीन ऊर्जा ज़रूरतें पूरी की जा सकें।
स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMRs) क्या हैं?
बिहार का यह संयंत्र स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर तकनीक पर आधारित होगा। यह तकनीक पारंपरिक रिएक्टरों से छोटी, सस्ती और सुरक्षित मानी जाती है। SMR सिस्टम छोटे ग्रिड के लिए उपयुक्त हैं और आसान प्रबंधन योग्य होते हैं। अमेरिका, कनाडा और ब्रिटेन जैसे देश पहले से ही इस तकनीक में निवेश कर रहे हैं।
बिहार के लिए इसका क्या मतलब है?
बिहार में लंबे समय से बिजली की अस्थिरता और कमी रही है। इससे उद्योग, घरेलू उपभोक्ता और अस्पताल सभी प्रभावित हुए हैं। नया संयंत्र इन समस्याओं को हल करने के लिए बनाया गया है। इससे न केवल बिजली की आपूर्ति सुधरेगी, बल्कि नई फैक्ट्रियाँ, रोजगार और बेहतर बुनियादी ढांचा भी तैयार हो सकेगा।
बैटरी स्टोरेज से मिलेगा ग्रिड स्थायित्व
बिजली स्टोरेज के लिए केंद्र सरकार ने 1,000 मेगावाट की बैटरी परियोजना को भी मंजूरी दी है। इससे जब सौर, पवन और परमाणु ऊर्जा एक साथ ग्रिड में आएंगी, तब संतुलन बनाए रखना संभव होगा। सरकार इस परियोजना के लिए ₹18 लाख प्रति मेगावाट की वायबिलिटी गैप फंडिंग देगी।
भविष्य की ऊर्जा योजना
पॉवर विजन 2035 के तहत सरकार थर्मल, सौर, पवन, परमाणु और स्टोरेज स्रोतों का मिश्रण अपनाना चाहती है। बिहार का यह संयंत्र इस योजना की शुरुआत का प्रतीक है। आगे चलकर देश के अन्य राज्य भी इस दिशा में कदम उठाएंगे।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
बिहार का पहला परमाणु संयंत्र | 2025 में स्वीकृत |
उपयोग की गई तकनीक | स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMRs) |
केंद्रीय बजट 2025-26 में आवंटन | ₹20,000 करोड़ |
बैटरी स्टोरेज क्षमता | 1,000 मेगावाट |
वायबिलिटी गैप फंडिंग | ₹18 लाख प्रति मेगावाट |
व्यापक योजना | पॉवर विजन 2035 |
SMRs का वैश्विक उपयोग | अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन |
बिहार की पूर्व ऊर्जा स्थिति | बिजली की कमी, औद्योगिक विकास में बाधा |
SMR का उद्देश्य | सस्ती, कॉम्पैक्ट और ग्रिड-अनुकूल तकनीक |
केंद्रीय लक्ष्य | हर राज्य में एक परमाणु संयंत्र |