समुद्री सहयोग को नया आयाम
केंद्रीय पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री ने BIMSTEC पोर्ट्स कॉन्क्लेव 2025 के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया, जो भारत की क्षेत्रीय समुद्री भागीदारी को सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
यह कॉन्क्लेव बंगाल की खाड़ी से जुड़े देशों के बीच बंदरगाह संपर्क को बढ़ावा देने और व्यापार को सुगम बनाने का मंच बना।
BIMSTEC का संक्षिप्त परिचय
बंगाल की खाड़ी बहु–क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (BIMSTEC) एक सात देशों का अंतर–सरकारी समूह है, जिसमें भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड शामिल हैं।
1997 में बैंकॉक घोषणापत्र के तहत स्थापित यह संगठन दक्षिण एशिया और दक्षिण–पूर्व एशिया के बीच सेतु का कार्य करता है और आर्थिक विकास पर केंद्रित है।
स्थैतिक जीके तथ्य: BIMSTEC एशिया के दो उपक्षेत्रों को जोड़ने वाला पुल है, जिससे क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा मिलता है।
प्रमुख लक्ष्य और कार्य क्षेत्र
BIMSTEC का ध्यान राजनीतिक एकीकरण की बजाय तकनीकी और आर्थिक साझेदारी पर है। यह समूह बुनियादी ढाँचे, सुरक्षा, व्यापार, ऊर्जा और पर्यावरणीय स्थिरता जैसे क्षेत्रों में सक्रिय है।
हाल ही में, डिजिटल कनेक्टिविटी, तटीय परिवहन, जलवायु अनुकूलन और आपदा प्रतिक्रिया जैसे विषयों पर विशेष ज़ोर दिया गया है।
स्थैतिक जीके टिप: BIMSTEC का मुख्यालय ढाका, बांग्लादेश में स्थित है और 2014 से सक्रिय है।
भारत की रणनीतिक भूमिका
भारत BIMSTEC के समुद्री एजेंडा का एक प्रमुख स्तंभ बना हुआ है।
MoPSW द्वारा आयोजित पोर्ट्स कॉन्क्लेव ने लॉजिस्टिक्स सुधार, समुद्री व्यापार और तटीय संपर्क में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका को रेखांकित किया।
सागरमाला योजना के माध्यम से भारत अंतर्राष्ट्रीय समुद्री गलियारों को आंतरिक जलमार्गों से जोड़ने का प्रयास कर रहा है, जो BIMSTEC के उद्देश्यों से मेल खाता है।
बंगाल की खाड़ी का बढ़ता महत्व
बंगाल की खाड़ी इंडो-पैसिफिक व्यापार तंत्र का एक प्रमुख केंद्र बन चुकी है। इसका तट विश्व की 20% से अधिक आबादी को जोड़ता है, और यह क्षेत्र आर्थिक और भू–राजनीतिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है।
स्थैतिक जीके तथ्य: बंगाल की खाड़ी दुनिया की सबसे बड़ी खाड़ी है और ऊर्जा पारगमन, समुद्री जैव विविधता और संसाधनों का केंद्र है।
गहन एकीकरण की दिशा में
BIMSTEC के मोटर वाहन समझौता और तटीय नौवहन समझौता जैसे चल रहे प्रयास, लॉजिस्टिक लागत घटाने, व्यापार प्रवाह आसान करने और जन से जन संपर्क बढ़ाने के लिए हैं।
स्थैतिक जीके टिप: BIMSTEC में पाकिस्तान शामिल नहीं है, जिससे इसे राजनीतिक तनावों से मुक्त और अधिक प्रभावी संगठन माना जाता है।
भविष्य की दिशा
अब BIMSTEC का जोर संवाद से क्रियान्वयन की ओर है।
बुनियादी ढांचे, डिजिटल एकीकरण, और क्षेत्रीय लॉजिस्टिक्स में नए प्रयासों के साथ BIMSTEC बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में विकास और सहयोग को गति देने वाला एक प्रमुख मंच बन चुका है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
पूरा नाम | बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (BIMSTEC) |
स्थापना वर्ष | 1997 |
संस्थापक दस्तावेज | बैंकॉक घोषणापत्र |
सदस्य देश | 7 |
देश | भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड |
मुख्यालय | ढाका, बांग्लादेश |
2025 की प्रमुख घटना | BIMSTEC पोर्ट्स कॉन्क्लेव (द्वितीय संस्करण) |
भारत द्वारा आयोजन | पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) |
भारत की प्रमुख योजना | सागरमाला परियोजना |
प्रमुख फोकस क्षेत्र | व्यापार, परिवहन, ऊर्जा, कनेक्टिविटी |