जुलाई 18, 2025 9:28 पूर्वाह्न

बाढ़ राहत और शांति के लिए असम-मेघालय जलविद्युत समझौता

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Assam Meghalaya Hydropower Deal for Flood Relief and Peace

नई ऊर्जा और सिंचाई साझेदारी

असम और मेघालय ने आपसी सहयोग के एक नए युग में कदम रखा है। दोनों राज्यों ने 55 मेगावाट की संयुक्त जलविद्युत एवं सिंचाई परियोजना की योजना बनाई है। यह सिर्फ बिजली उत्पादन नहीं बल्कि गुवाहाटी में शहरी बाढ़ नियंत्रण और लंबे समय से लंबित सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में भी एक कदम है। यह निर्णय असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा की बैठक के बाद सार्वजनिक किया गया।

कुलसी नदी पर केंद्रित परियोजना

परियोजना का केंद्र कुलसी नदी है, जो ब्रह्मपुत्र की एक सहायक नदी है। यह नदी भारत के राष्ट्रीय जलीय पशुगंगा नदी डॉल्फिन का प्राकृतिक आवास है। परियोजना के माध्यम से दोनों राज्य बिजली उत्पादन और सिंचाई क्षमता को बढ़ाना चाहते हैं। खासकर असम को सिंचाई सुविधाओं में बड़ा लाभ मिलेगा। स्थानीय समुदायों से सलाह लेकर उनकी चिंताओं का समाधान भी किया जाएगा।

गुवाहाटी की बाढ़ की समस्या पर काम

गुवाहाटी, जो पूर्वोत्तर भारत का तेजी से बढ़ता शहर है, हर वर्ष शहरी बाढ़ का सामना करता है। इससे निपटने के लिए उत्तरपूर्व अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (NESAC) और IIT रुड़की जैसे संस्थानों की मदद ली जा रही है। उपग्रहआधारित बाढ़ क्षेत्र मानचित्रण और वैज्ञानिक रणनीति से समस्या का हल खोजा जाएगा।

52 वर्ष पुराना सीमा विवाद

असम और मेघालय के बीच 12 सीमावर्ती क्षेत्रों को लेकर 52 वर्षों से विवाद चल रहा था। अब इनमें से 6 क्षेत्रों पर सहमति बन गई है। 15 अगस्त 2025 तक 5 क्षेत्रों में सीमा स्तंभ स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, कुछ क्षेत्रों में भूमि समायोजन की भी योजना है जिससे गाँवों का प्रशासनिक स्थानांतरण हो सकता है।

मिलकर नेतृत्व का उदाहरण

इस पूरी प्रक्रिया की सबसे बड़ी उपलब्धि सहयोगात्मक नेतृत्व दृष्टिकोण है। दोनों मुख्यमंत्रियों ने राजनीति को परे रखकर साझा विकास और शांति पर ध्यान केंद्रित किया है। इस मॉडल से यह संदेश जाता है कि भारत में सहयोगात्मक संघवाद सफल हो सकता है, विशेषकर संसाधन साझा करने और आपदाओं से निपटने में।

भविष्य की संभावनाएँ

यदि यह परियोजना सफल रहती है, तो इसका लाभ केवल बिजली और सिंचाई तक सीमित नहीं रहेगा। इससे पर्यटन, रोजगार और सीमा क्षेत्रों के बुनियादी ढांचे को भी बढ़ावा मिलेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे असम और मेघालय के लोगों के बीच विश्वास बढ़ेगा। यह समझौता अन्य राज्यों के लिए भी सहयोगात्मक विकास का उदाहरण बन सकता है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
परियोजना प्रकार जलविद्युत और सिंचाई
कुल क्षमता 55 मेगावाट
संबंधित नदी कुलसी नदी (ब्रह्मपुत्र की सहायक)
पारिस्थितिक महत्व गंगा नदी डॉल्फिन का आवास
शहरी फोकस गुवाहाटी में बाढ़ राहत
तकनीकी सहयोग NESAC और IIT रुड़की
सीमा विवाद 52 साल पुराना, 12 में से 6 क्षेत्रों में प्रगति
प्रमुख तिथि 15 अगस्त तक सीमा स्तंभ
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा
मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा
राष्ट्रीय जलीय पशु गंगा नदी डॉल्फ़िन
मॉडल सहयोगात्मक संघवाद का उदाहरण

 

Assam Meghalaya Hydropower Deal for Flood Relief and Peace
  1. असम और मेघालय ने मिलकर 55 मेगावॉट की जलविद्युत एवं सिंचाई परियोजना की शुरुआत की है।
  2. इस परियोजना का उद्देश्य गुवाहाटी में बाढ़ की समस्या को हल करना और 52 वर्षों से लंबित सीमा विवाद का समाधान करना है।
  3. यह परियोजना ब्रह्मपुत्र की सहायक नदीकुलसी पर केंद्रित है।
  4. कुलसी नदी में लुप्तप्राय गंगेटिक डॉल्फ़िन, जो भारत का राष्ट्रीय जलीय प्राणी है, के प्रजनन स्थल मौजूद हैं।
  5. यह पहल स्थानीय समुदायों की भागीदारी से सतत विकास को बढ़ावा देती है।
  6. आईआईटी रुड़की इस परियोजना के लिए वैज्ञानिक बाढ़ न्यूनीकरण योजना बनाएगा।
  7. NESAC (नॉर्थ ईस्टर्न स्पेस एप्लीकेशन सेंटर) उपग्रह आधारित बाढ़ मानचित्रण की जिम्मेदारी निभाएगा।
  8. गुवाहाटी में बारबार शहरी बाढ़ आने के कारण यह परियोजना अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
  9. यह समझौता भारत में सहकारी संघवाद का एक प्रभावशाली उदाहरण प्रस्तुत करता है।
  10. असम-मेघालय के 12 विवादित क्षेत्रों में से 6 क्षेत्रों में अब समाधान हो चुका है
  11. 15 अगस्त तक 5 क्षेत्रों में सीमा स्तंभ स्थापित किए जाएंगे।
  12. सीमा पर शांति पूर्ण समाधान के लिए भूमि समायोजन भी किए जा सकते हैं।
  13. इस परियोजना से पर्यटन को बढ़ावा और स्थानीय रोजगार सृजन की उम्मीद है।
  14. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (असम) और कॉनराड के. संगमा (मेघालय) इस परियोजना का नेतृत्व कर रहे हैं।
  15. यह पहल अंतर्राज्यीय सहयोग और संसाधन साझेदारी का आदर्श मॉडल है।
  16. परियोजना का एक उद्देश्य असम में सिंचाई प्रणाली को सुदृढ़ करना भी है।
  17. आपदा प्रबंधन में आंकड़ाआधारित नीति निर्माण को प्राथमिकता दी जा रही है।
  18. यह समझौता राज्यों द्वारा विकास कूटनीति के माध्यम से विवाद समाधान की दुर्लभ सफलता गाथा है।
  19. गंगेटिक डॉल्फ़िन संरक्षण को आवश्यक अधोसंरचना विकास के साथ जोड़ा गया है
  20. यह परियोजना साझा विकास के माध्यम से शांति निर्माण का ब्लूप्रिंट प्रस्तुत करती है।

Q1. बिजली उत्पादन के अलावा असम-मेघालय जलविद्युत परियोजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?


Q2. असम और मेघालय के बीच 55 मेगावाट की जलविद्युत और सिंचाई परियोजना किस नदी पर केंद्रित है?


Q3. कुलसी नदी का पारिस्थितिक महत्व क्या है?


Q4. गुवाहाटी के लिए वैज्ञानिक बाढ़ न्यूनीकरण योजनाओं में कौन-कौन से संस्थान सहयोग कर रहे हैं?


Q5. 2025 तक असम और मेघालय के बीच कितने विवादित क्षेत्रों का समाधान हो चुका है?


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