उपेक्षा और आक्रामक वनस्पतियों से जर्जर हुई ऐतिहासिक नहर
दशकों तक बकिंघम नहर, जो तमिलनाडु में ईस्ट कोस्ट रोड के समानांतर बहती है, उपेक्षा की शिकार रही। यह धीरे-धीरे कचरे और प्लास्टिक का अड्डा बन गई, और साथ ही एक आक्रामक पौधे—प्रोसोपिस जुलिफ्लोरा—ने इसके किनारों पर कब्ज़ा कर लिया। यह विदेशी प्रजाति, जिसे कभी शीघ्र बढ़ने वाली लकड़ी के लिए लाया गया था, ने स्थानीय वनस्पतियों को खत्म कर दिया और मिट्टी की गुणवत्ता को बिगाड़ दिया। नहर की प्राकृतिक सुंदरता झाड़ियों के जाल में बदल गई।
काझीपट्टूर के पास हरित परिवर्तन की शुरुआत
लेकिन अब बदलाव की बयार बह रही है। तमिलनाडु वन विभाग ने बकिंघम नहर के कायाकल्प के लिए पहल की है। चेन्नई उपनगर काझीपट्टूर के पास, मैन्ग्रोव पुनर्स्थापन परियोजना ने नहर की तस्वीर बदलनी शुरू कर दी है। ग्रीन तमिलनाडु मिशन के तहत अब तक 12,500 मैन्ग्रोव पौधे लगाए जा चुके हैं। इसका उद्देश्य है – एक समृद्ध, आत्मनिर्भर पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करना, जहाँ पक्षी, मछलियाँ और केकड़े फिर से जीवंत हों।
तमिलनाडु के लिए मैन्ग्रोव क्यों महत्वपूर्ण हैं?
मैन्ग्रोव केवल जल-किनारे की सुंदरता नहीं बढ़ाते। ये तूफानों से रक्षा, तट कटाव की रोकथाम, प्रदूषण निवारण और समुद्री जीवों के लिए आश्रय स्थल का कार्य करते हैं। काझीपट्टूर में लगाए गए छह नमक–सहनशील देशी प्रजातियाँ हैं:
Rhizophora mucronata, Bruguiera cylindrica, Avicennia marina, Aegiceras corniculatum, Excoecaria agallocha और Acanthus illicifolius। कुछ प्रजातियाँ स्टिल्ट–जैसी जड़ों के साथ बढ़ती हैं, तो कुछ अत्यधिक लवणता में भी जीवित रहती हैं। ये सभी स्थानीय प्रजातियाँ दीर्घकालिक पारिस्थितिक संतुलन के लिए आवश्यक हैं।
छोटा प्रयास, बड़ा असर
यह केवल सौंदर्यीकरण परियोजना नहीं है, बल्कि जलवायु परिवर्तन से निपटने, जैव विविधता बढ़ाने, और लोगों को प्रकृति से जोड़ने का प्रयास है। इसे प्राकृतिक बाड़ की तरह सोचिए, जो मिट्टी और पानी में जीवन भी लौटाती है। यदि यह मॉडल सफल होता है, तो यह अन्य नहरों और झीलों के लिए मार्गदर्शक बन सकता है। प्रतियोगी परीक्षाओं के दृष्टिकोण से यह उदाहरण बताता है कि स्थानीय समाधान और सतत विकास साथ मिलकर वास्तविक बदलाव ला सकते हैं।
STATIC GK SNAPSHOT
विषय | विवरण |
स्थान | बकिंघम नहर, ईस्ट कोस्ट रोड, काझीपट्टूर, चेन्नई |
परियोजना का नाम | ग्रीन तमिलनाडु मिशन |
कार्यान्वयन विभाग | तमिलनाडु वन विभाग |
हटाई गई आक्रामक प्रजाति | प्रोसोपिस जुलिफ्लोरा |
लगाए गए मैन्ग्रोव पौधे | 12,500 पौधे |
मैन्ग्रोव प्रजातियाँ | Rhizophora mucronata, Bruguiera cylindrica, Avicennia marina, Aegiceras corniculatum, Excoecaria agallocha, Acanthus illicifolius |
पर्यावरणीय लाभ | तटीय सुरक्षा, जैव विविधता पुनर्स्थापन, प्रदूषण नियंत्रण |