वरनेरी में ऐतिहासिक लाइब्रेरी फिर से चालू
त्रिची के वरகनेरी में स्थित फ्रांसिस लाइब्रेरी का नवीनीकरण कर इसे तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री द्वारा फिर से खोला गया। यह पुस्तकालय तमिलनाडु के सामाजिक सुधार आंदोलन की ऐतिहासिक धरोहर रहा है। 1952 में इसकी स्थापना ई.वी. रामासामी (पेरियार) ने अपने सहयोगी फ्रांसिस की स्मृति में की थी।
द्रविड़र कज़गम और फ्रांसिस की विरासत
यह पुस्तकालय द्रविड़र कज़गम (DK) के तहत शुरू की गई थी, जो पेरियार द्वारा नेतृत्व किया गया सामाजिक सुधार आंदोलन था। इसका उद्देश्य तर्कवाद, शिक्षा, और सामाजिक चेतना को बढ़ावा देना था, खासकर वंचित वर्गों में। फ्रांसिस, जिनके नाम पर यह पुस्तकालय है, पेरियार के निकट सहयोगी और आत्म–सम्मान आंदोलन के सक्रिय कार्यकर्ता थे।
Static GK Tip: द्रविड़र कज़गम की स्थापना 1944 में हुई थी, जब जस्टिस पार्टी को पेरियार ने सामाजिक सुधार संगठन में परिवर्तित किया।
उद्घाटन में सार्वजनिक स्थानों पर सरकार का ध्यान
पुनः उद्घाटन समारोह में राज्य सरकार ने सामाजिक सुधार से जुड़ी विरासतों को संरक्षित करने और सार्वजनिक पठन स्थलों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दोहराई। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे पुस्तकालय तर्कशील विचारधारा और समानता की दिशा में समाज को आगे बढ़ाने में सहायक होते हैं।
अब यह पुस्तकालय आधुनिक सुविधाओं, उन्नत पठन अनुभागों, और बेहतर बुनियादी ढांचे के साथ फिर से जनता के लिए खुला है।
तमिलनाडु के राजनीतिक इतिहास में पुस्तकालयों की भूमिका
तमिलनाडु में पुस्तकालयों ने सामाजिक न्याय, आत्म–सम्मान, और तर्कवाद जैसे विचारों को जनता तक पहुँचाने में प्रमुख भूमिका निभाई है। पेरियार, सी.एन. अन्नादुरई, और के. कामराज जैसे नेताओं ने सामुदायिक पुस्तकालयों के माध्यम से जन शिक्षा को बढ़ावा दिया।
Static GK Fact: तमिलनाडु भारत के उन पहले राज्यों में से एक है जहाँ मद्रास पब्लिक लाइब्रेरी अधिनियम, 1948 के तहत जिला स्तरीय पुस्तकालय प्रणाली लागू की गई थी।
सांस्कृतिक और बौद्धिक धरोहर को सुदृढ़ करना
फ्रांसिस लाइब्रेरी का पुनरुद्धार सिर्फ एक निर्माण परियोजना नहीं, बल्कि यह तमिलनाडु के सुधारवादी अतीत से जुड़ने का प्रतीकात्मक प्रयास है। यह स्थान तर्कशीलता, बौद्धिक स्वतंत्रता, और जाति–विरोधी सिद्धांतों का प्रतीक है, जिसने आधुनिक तमिल समाज को आकार दिया।
सरकार की ऐसी पहलों से यह स्पष्ट है कि वह विरासत संरचनाओं के संरक्षण और समावेशी ज्ञान पहुंच को प्राथमिकता दे रही है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
पुस्तकालय का नाम | फ्रांसिस लाइब्रेरी |
स्थान | वरगनेरी, त्रिची, तमिलनाडु |
संस्थापक | ई.वी. रामासामी (पेरियार) |
स्थापना वर्ष | 1952 |
उद्घाटनकर्ता | तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री |
समर्पित व्यक्ति | फ्रांसिस, सामाजिक सुधारक |
संबंधित आंदोलन | द्रविड़र कज़गम |
सुधार उद्देश्य | तर्कवाद, जातिविरोध, आत्म-सम्मान |
विधायी मील का पत्थर | मद्रास पब्लिक लाइब्रेरी अधिनियम, 1948 |
सांस्कृतिक भूमिका | शिक्षा और सामाजिक चेतना का प्रसार |