एशियाई शेरों के लिए भारत का नया युग
भारत ने अपने एशियाई शेरों की रक्षा के लिए एक साहसी कदम उठाते हुए प्रोजेक्ट लायन की शुरुआत की है, जिसका बजट ₹2,927.71 करोड़ है। ये शेर केवल गुजरात में पाए जाते हैं और ये राष्ट्रीय गौरव और पारिस्थितिक संतुलन का प्रतीक हैं। सरकार अब केवल गिर राष्ट्रीय उद्यान पर निर्भर न रहते हुए बारदा डूंगर जैसे नए आवास क्षेत्रों को विकसित कर रही है। 2023 में वहां पहली बार एक शेर देखा गया, जो प्राकृतिक रूप से आवास विस्तार की ओर इशारा करता है।
बीमारियों से जंग और स्वास्थ्य की निगरानी
2018 में कैनाइन डिस्टेंपर वायरस (CDV) और 2020 में बेबेसिया संक्रमण ने शेरों की सेहत को लेकर गंभीर चिंता खड़ी कर दी थी। अब गिर के सासन क्षेत्र में एक राष्ट्रीय वन्यजीव रोग निदान केंद्र बनाया जा रहा है। यह केंद्र शेरों की सेहत की निगरानी करेगा, बीमारी की चेतावनी देगा और टीकाकरण एवं बचाव उपायों में मदद करेगा।
मानव और शेर: सुरक्षित दूरी बनाए रखना
शेरों और इंसानों के बीच टकराव को रोकने के लिए सरकार 1,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को शेरों के लिए आरक्षित कर रही है और वहां की मानव बस्तियों को पुनर्वासित कर रही है। अब तक किसानों को 11,000 मचान (वॉच टावर) दिए गए हैं ताकि वे रात में शेरों को दूर से देख सकें और खुद को सुरक्षित रख सकें। यह कदम मानव और वन्यजीव दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
तकनीक और ज़मीन पर तैनात टीमें
प्रोजेक्ट लायन केवल स्थानांतरण नहीं बल्कि स्मार्ट संरक्षण का प्रयास है। इसके लिए ड्रोन, सीसीटीवी और 33 रैपिड रिस्पॉन्स टीमें तैनात की गई हैं जो शेरों के गांवों में भटकने या घायल होने पर तुरंत कार्रवाई करती हैं। 2024 में 100 ट्रैकर और 237 बीट गार्ड की भर्ती की गई है, जो पूरे क्षेत्र की निगरानी और आपात स्थिति में मदद के लिए तैयार हैं।
स्थानीय सहयोग और वैश्विक लक्ष्य
किसी भी वन्यजीव संरक्षण परियोजना की सफलता स्थानीय समुदाय पर निर्भर करती है। इसलिए शेरों के निकट रहने वाले ग्रामवासियों को शिक्षित किया जा रहा है, रोजगार दिए जा रहे हैं और ईको–टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है। जब स्थानीय लोग इससे लाभ उठाते हैं, तो वे संरक्षक बनते हैं न कि केवल दर्शक। इससे भारत को वैश्विक जैव विविधता लक्ष्यों को भी हासिल करने में मदद मिलती है।
STATIC GK SNAPSHOT
विषय | विवरण |
परियोजना का नाम | प्रोजेक्ट लायन |
शुरुआत वर्ष | 2020 (2024–25 में विस्तार) |
कुल बजट | ₹2,927.71 करोड़ |
शेर जनगणना 2020 | 674 शेर (2015 की तुलना में 29% वृद्धि) |
प्रमुख आवास क्षेत्र | गिर, बारदा डूंगर, गिरनार, मितियाला, जेसोर |
रोग निगरानी केंद्र | सासन, गिर |
संघर्ष रोकथाम उपाय | 11,000 मचान, 1,000 वर्ग किमी शेर-विशिष्ट क्षेत्र |
सामुदायिक भागीदारी | रोजगार, ईको-टूरिज्म, जागरूकता अभियान |
बीट गार्ड भर्ती (2024) | 237 |
शेर संरक्षण दिवस (भारत) | 10 अगस्त |