9 जनवरी क्यों है भारत की वैश्विक कहानी का प्रतीक
9 जनवरी केवल एक तारीख नहीं है—यह उस ऐतिहासिक क्षण की याद दिलाती है जब महात्मा गांधी 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। उनकी वापसी ने यह साबित किया कि विदेशों में बसे भारतीय भी भारत के भविष्य को आकार दे सकते हैं। उसी भावना को आज प्रवासी भारतीय दिवस (PBD) के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2025 में इसका 18वां संस्करण 8 से 10 जनवरी के बीच भुवनेश्वर, ओडिशा में आयोजित किया गया, जिसमें 35.4 मिलियन प्रवासी भारतीयों की भूमिका को रेखांकित किया गया।
इस वर्ष की थीम: “विकसित भारत में प्रवासियों का योगदान”
2025 की थीम है — “Diaspora’s Contribution to a Viksit Bharat” — जो भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य से जुड़ी है। यूएस के इंजीनियरों, यूएई के डॉक्टरों, और अफ्रीका के उद्यमियों से लेकर, प्रवासी भारतीय निवेश, नवाचार, और संस्कृति के प्रचार के माध्यम से भारत की साख बढ़ा रहे हैं। सुंदर पिचाई जैसे तकनीकी नेतृत्वकर्ता इसका उदाहरण हैं, जो वैश्विक कंपनियों का नेतृत्व करते हुए भारत का नाम रोशन कर रहे हैं।
ओडिशा से विश्व तक: एक वैश्विक संगम
PBD 2025 का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनता मैदान, भुवनेश्वर में किया गया। इस बार की खास बात थी त्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कांगालू का वर्चुअल संबोधन, जो भारत–कैरेबियाई ऐतिहासिक संबंधों की याद दिलाता है, विशेषकर औपनिवेशिक युग में मजदूर प्रवास के संदर्भ में। 50 से अधिक देशों—जैसे अमेरिका, फिजी, मॉरीशस और यूके—से प्रतिनिधियों की भागीदारी ने भारतीय संस्कृति के वैश्विक स्वरूप को दर्शाया।
सम्मान समारोह: प्रवासी भारतीय सम्मान 2025
हर वर्ष की तरह, इस बार भी प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार इस आयोजन का प्रमुख आकर्षण रहा। 2025 में 27 प्रवासी भारतीयों और पीआईओ प्रतिनिधियों को शिक्षा, सामाजिक सेवा, व्यापार और राजनयिक क्षेत्रों में योगदान के लिए चुना गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 10 जनवरी को समापन समारोह में इन पुरस्कारों को प्रदान किया, जो राष्ट्र की ओर से एक गर्वपूर्ण श्रद्धांजलि रही।
प्रदर्शनी, नवाचार और निवेश संवाद
PBD केवल अतीत के सम्मान तक सीमित नहीं है—यह भविष्य निर्माण का भी मंच है। “विश्वरूप राम” प्रदर्शनी ने यह दर्शाया कि कैसे रामायण की संस्कृति ने दक्षिण एशिया और कैरेबियाई क्षेत्रों को जोड़ा। वहीं, “टेक फॉर भारत बाय भारत” जैसे स्टॉलों ने यह दिखाया कि कैसे भारतीय मूल के स्टार्टअप्स AI, जलवायु तकनीक और डिजिटल स्वास्थ्य में वैश्विक नवाचार ला रहे हैं। ओडिशा राज्य ने इस मंच का उपयोग खनिज संसाधनों, बंदरगाहों और कुशल जनशक्ति को वैश्विक निवेशकों के सामने प्रस्तुत करने के लिए किया।
STATIC GK SNAPSHOT FOR COMPETITIVE EXAMS
विषय | तथ्य |
PBD 2025 का स्थल | भुवनेश्वर, ओडिशा |
आयोजन की तिथियां | 8–10 जनवरी 2025 |
PBD स्मरण तिथि | 9 जनवरी (गांधीजी की वापसी, 1915) |
प्रथम PBD वर्ष | 2003 |
2025 की थीम | “Diaspora’s Contribution to a Viksit Bharat” |
उद्घाटनकर्ता | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी |
मुख्य अतिथि (वर्चुअल) | राष्ट्रपति क्रिस्टीन कांगालू (त्रिनिदाद एवं टोबैगो) |
समापन संबोधन | राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू |
प्रवासी भारतीय सम्मान 2025 | 27 पुरस्कार विजेता (यूएसए, फिजी, मॉरीशस आदि से) |
सबसे अधिक NRI आबादी | यूएई – 35 लाख+ |
सबसे अधिक PIO आबादी | अमेरिका – 20 लाख+ |
भारत की कुल प्रवासी आबादी | 35.4 मिलियन (NRI + PIO संयुक्त रूप से) |