वित्तीय समावेशन की रीढ़ बनी योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2015 में शुरू की गई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY), भारत में सूक्ष्म उद्यमिता और वित्तीय समावेशन को गति देने वाली प्रमुख योजना रही है। यह योजना उत्पादन, व्यापार, सेवा क्षेत्र के छोटे कारोबारियों को बिना ज़मानत ऋण उपलब्ध कराती है। इसकी सबसे खास बात है लक्षित समावेशन—68% लाभार्थी महिलाएं और 50% SC/ST/OBC वर्ग से हैं। इससे स्पष्ट होता है कि यह योजना हाशिए पर रहने वाले वर्गों को औपचारिक अर्थव्यवस्था में लाने का माध्यम बन रही है।
शिशु, किशोर और तरुण ऋण की संरचना
मुद्रा योजना को तीन श्रेणियों में बाँटा गया है:
- शिशु (₹50,000 तक)
- किशोर (₹50,000 से ₹5 लाख तक)
- तरुण (₹5 लाख से ₹10 लाख तक)
2024 में ‘तरुण प्लस‘ की शुरुआत के साथ एक बड़ा बदलाव आया, जिसमें अच्छे पुनर्भुगतान रिकॉर्ड वाले उधारकर्ताओं को ₹20 लाख तक का ऋण दिया गया। इस सुविधा से अब तक 25,000 से अधिक उद्यमियों को ₹3,790 करोड़ वितरित किए जा चुके हैं।
प्रदर्शन और एनपीए का विश्लेषण
योजना के तहत अब तक 52.37 करोड़ ऋण, कुल ₹33.65 लाख करोड़ की राशि वितरित की गई है। औसत ऋण आकार ₹1.05 लाख तक पहुँच गया है, जो उधारकर्ताओं और बैंकों के बीच बढ़ते भरोसे को दर्शाता है। हालांकि, 2024–25 में मुद्रा योजना के अंतर्गत सकल एनपीए 2.21% रहा, जो पिछले वर्ष के 2.1% से थोड़ा अधिक है। फिर भी यह 2020–21 के महामारीकालीन 3.61% उच्चतम स्तर से काफी कम है, जिससे यह संकेत मिलता है कि ऋण पुनर्भुगतान अनुशासन में सुधार हुआ है।
ऋण संस्थानों के नेटवर्क से बेहतर पहुँच
मुद्रा योजना की सफलता का एक प्रमुख कारण है व्यापक ऋण नेटवर्क, जिसमें वाणिज्यिक बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, लघु वित्त बैंक, एनबीएफसी और माइक्रोफाइनेंस संस्थान शामिल हैं। यह दूरदराज़ या पिछड़े क्षेत्रों के व्यवसायियों को भी ऋण की पहुँच सुनिश्चित करता है। बिना ज़मानत ऋण की सुविधा पहली बार उद्यम शुरू करने वालों के लिए आत्मविश्वास का आधार बनती है।
आगामी लक्ष्य और सरकारी दृष्टिकोण
2025–26 के लिए सरकार का ऋण वितरण लक्ष्य ₹5–6 लाख करोड़ के बीच रहने की संभावना है। इससे रोज़गार सृजन और स्व–रोज़गार को माइक्रोक्रेडिट द्वारा सशक्त करने की मंशा स्पष्ट होती है। ‘तरुण प्लस’ जैसे सुधारों का आगे और विस्तार किया जा सकता है। सरकार इस योजना को केवल वित्तीय सहायता नहीं बल्कि सामाजिक परिवर्तन के उपकरण के रूप में देख रही है।
स्थैतिक जीके झलक (Static GK Snapshot)
तत्व | विवरण |
योजना की शुरुआत | 8 अप्रैल 2015 |
श्रेणियाँ | शिशु, किशोर, तरुण |
नई पहल (2024) | तरुण प्लस – ₹20 लाख तक का ऋण |
कुल स्वीकृत ऋण | 52.37 करोड़ |
कुल वितरित राशि | ₹33.65 लाख करोड़ |
औसत ऋण राशि (2025) | ₹1.05 लाख |
एनपीए दर (2024–25) | 2.21% |
महिला लाभार्थियों का प्रतिशत | 68% |
SC/ST/OBC लाभार्थियों का प्रतिशत | 50% |
वित्त वर्ष 2025–26 का लक्ष्य | ₹5–6 लाख करोड़ |