भारत के अल्पसंख्यकों के लिए समावेशी विकास
प्रधानमंत्री की नई 15 सूत्रीय योजना (PM’s 15 PP) एक ऐतिहासिक पहल है जिसका उद्देश्य वंचित अल्पसंख्यक समुदायों को विकास की मुख्यधारा में लाना है। यह योजना सुनिश्चित करती है कि महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं की 15% संसाधन और लाभ अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हों। इस कार्यक्रम की निगरानी संबंधित मंत्रालयों द्वारा की जाती है और इसे पूरे देश में लागू किया जाता है।
अल्पसंख्यक केंद्रित जिलों की पहचान
यह योजना उन पिछड़े क्षेत्रों को चिह्नित करती है जहां “प्रमुख अल्पसंख्यक जनसंख्या” पाई जाती है। ऐसे जिले जिनमें 25% या उससे अधिक आबादी अल्पसंख्यक समुदायों की हो, उन्हें अल्पसंख्यक बहुल जिले (Minority Concentration Districts – MCDs) कहा जाता है। इन्हीं जिलों पर योजना के अंतर्गत विशेष ध्यान दिया जाता है।
शिक्षा और कौशल विकास पर विशेष ध्यान
शिक्षा के क्षेत्र में, योजना का उद्देश्य सर्व शिक्षा अभियान (SSA) और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV) जैसी योजनाओं के अंतर्गत अल्पसंख्यकों की पहुँच बढ़ाना है। मदरसा आधुनिकीकरण, उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति और अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति देने जैसे कदम शामिल हैं। मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन भी बुनियादी ढांचे के विकास में सहयोग करता है।
रोजगार और आर्थिक भागीदारी को बढ़ावा
आत्मनिर्भरता, तकनीकी प्रशिक्षण और ऋण सुविधा के ज़रिए आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर दिया गया है। SGSY, SJSRY, SGRY जैसी योजनाएं रोजगार के अवसर उपलब्ध कराती हैं। अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों के तकनीकी संस्थानों को Centre of Excellence के रूप में उन्नत किया जा रहा है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास और वित्त निगम (NMDFC) अल्पसंख्यकों को आसान ऋण मुहैया कराता है।
अल्पसंख्यक समुदायों के जीवन स्तर में सुधार
इंदिरा आवास योजना (IAY), एकीकृत आवास और झुग्गी विकास कार्यक्रम (IHSDP), और AMRUT जैसी योजनाओं के माध्यम से आवास व शहरी बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है, जिससे अल्पसंख्यकों की जीवन गुणवत्ता में सुधार हो।
सांप्रदायिक हिंसा की रोकथाम
कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण भाग सांप्रदायिक दंगों की रोकथाम है। इसके लिए संवेदनशील क्षेत्रों में तटस्थ और सक्षम अधिकारियों की नियुक्ति, दंगा पीड़ितों को कानूनी व आर्थिक सहायता और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई की जाती है।
संवैधानिक और कानूनी ढांचा
भारतीय संविधान में “अल्पसंख्यक” शब्द की स्पष्ट परिभाषा नहीं दी गई है, परंतु अनुच्छेद 29 और 30 धार्मिक व भाषायी अल्पसंख्यकों को उनकी संस्कृति और शिक्षा संस्थान स्थापित करने का अधिकार देते हैं। अनुच्छेद 350-B के अंतर्गत भाषायी अल्पसंख्यकों के लिए विशेष अधिकारी की नियुक्ति का प्रावधान है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 के तहत छह समुदायों (मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी) को अधिसूचित अल्पसंख्यक माना गया है।
STATIC GK SNAPSHOT: प्रधानमंत्री की 15 सूत्रीय योजना
विषय | विवरण |
योजना का नाम | प्रधानमंत्री की नई 15 सूत्रीय योजना |
शुरू करने वाला मंत्रालय | अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय |
उद्देश्य | वंचित अल्पसंख्यकों का समावेशी विकास |
लक्षित लाभांश | योजनाओं के 15% लाभ अल्पसंख्यकों को |
अधिसूचित अल्पसंख्यक | मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी |
मुख्य कानूनी आधार | राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम, 1992 |
संवैधानिक अनुच्छेद | अनुच्छेद 29, 30, 350-B |
लक्ष्य जिले | 25% से अधिक अल्पसंख्यक आबादी वाले MCDs |
प्रमुख योजनाएं | SSA, KGBV, IAY, AMRUT, NMDFC, मदरसा आधुनिकीकरण |