23 वर्षों बाद साइप्रस की ऐतिहासिक यात्रा
भारत के प्रधानमंत्री ने 23 वर्षों के अंतराल के बाद साइप्रस की यात्रा की, जो मध्य सागर क्षेत्र में भारत की रणनीतिक पहुंच को मजबूत करने का संकेत है। इस यात्रा का उद्देश्य व्यापार, निवेश और स्वच्छ ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा देना था।
भारत और साइप्रस के बीच संबंध गुटनिरपेक्ष आंदोलन और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आपसी समर्थन पर आधारित हैं।
Static GK तथ्य: साइप्रस यूरोपीय संघ का सदस्य है लेकिन शेंगेन क्षेत्र का हिस्सा नहीं है।
MNRE द्वारा राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम में बदलाव
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों में संशोधन जारी किया है। यह योजना कृषि और जैविक कचरे को ऊर्जा में परिवर्तित करके स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देती है।
2022 में शुरू हुई यह योजना दो चरणों में संचालित होती है और पहले चरण (2021-26) के लिए कुल ₹1715 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है।
Static GK टिप: MNRE भारत में सौर, पवन, बायोमास, और लघु जल विद्युत जैसे सभी अक्षय ऊर्जा स्रोतों के लिए उत्तरदायी है।
कार्यक्रम के उद्देश्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है ग्रामीण भारत में अतिरिक्त बायोमास को बिजली में बदलना, जिससे ग्रामीण परिवारों को अतिरिक्त आय मिले और कोयले जैसे जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता कम हो।
Central Financial Assistance (CFA) के तहत परियोजना विकासकर्ताओं को वित्तीय सहायता दी जाती है। उत्तर पूर्व, पहाड़ी राज्य और SC/ST श्रेणियों को 20% अतिरिक्त सब्सिडी दी जाती है।
कार्यक्रम के प्रमुख घटक
इस योजना के अंतर्गत तीन उप-प्रोग्राम हैं:
• वेस्ट टू एनर्जी कार्यक्रम: शहरी, औद्योगिक और कृषि कचरे से बायोगैस, बायो-CNG, बिजली या सिंगैस का उत्पादन।
• बायोमास कार्यक्रम: ब्रिकेट/पैलेट संयंत्र और नॉन-बैगास आधारित को-जेनरेशन।
• बायोगैस कार्यक्रम: घरेलू बायोगैस संयंत्रों को प्रोत्साहन, जो स्वच्छ खाना पकाने, बिजली, स्वच्छता और महिला सशक्तिकरण में सहायक हैं।
Static GK टिप: बायोगैस में लगभग 95% मीथेन और कार्बन डाइऑक्साइड होती है।
वेस्ट टू एनर्जी योजना में बदलाव
संशोधित दिशानिर्देशों के तहत MSME और औद्योगिक निवेशकों के लिए प्रक्रिया सरल की गई है:
• दो चरणों में CFA रिहाई: 50% राशि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (SPCB) की अनुमति के बाद बैंक गारंटी सहित, शेष 80% क्षमता पूरी होने पर।
• अन्य बदलावों में लचीलापन, प्रदर्शन–आधारित मूल्यांकन और निरीक्षण प्रणाली को सरल बनाना शामिल है।
बायोमास योजना में बदलाव
अब ब्रिकेट/पैलेट संयंत्रों को क्लीयरेंस दस्तावेज़ों की आवश्यकता नहीं होगी।
IoT आधारित निगरानी प्रणाली लागू की गई है ताकि कार्यकुशलता और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।
NCR और समीपवर्ती राज्यों के उत्पादक अब MNRE या CPCB योजना में से किसी एक को चुन सकते हैं।
अतिरिक्त प्रोत्साहनों में लचीला बाजार पहुंच और प्रदर्शन आधारित सब्सिडी शामिल है।
Static Usthadian Current Affairs Table (Hindi)
विषय | विवरण |
साइप्रस यात्रा | 23 वर्षों में पहली प्रधानमंत्री स्तर की यात्रा |
राष्ट्रीय जैव ऊर्जा कार्यक्रम | 2022 में ₹1715 करोड़ बजट के साथ प्रारंभ |
विशेष श्रेणियों को CFA | 20% अतिरिक्त सहायता |
MNRE | भारत में नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय |
वेस्ट टू एनर्जी | कचरे से बायोगैस, बायो-CNG, बिजली उत्पन्न |
बायोमास घटक | ब्रिकेट और पैलेट संयंत्र |
बायोगैस संरचना | 95% मीथेन और CO₂ |
दो-चरण CFA रिहाई | SPCB की मंजूरी और 80% क्षमता के बाद |
IoT निगरानी | बायोमास संयंत्रों में पारदर्शिता के लिए |
NCR समाधान | MNRE या CPCB सब्सिडी योजना का विकल्प |