कम-कार्बन अर्थव्यवस्था की ओर भारत का बड़ा कदम
24–25 फरवरी 2025 को, नई दिल्ली ने प्रकृति 2025, भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय कार्बन बाजार सम्मेलन की मेजबानी की। यह कार्यक्रम ऊर्जा मंत्रालय के तहत ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) द्वारा आयोजित किया गया था, जिसमें 600 से अधिक वैश्विक प्रतिनिधियों ने भाग लिया—जिसमें नीति निर्माता, शोधकर्ता, उद्योग प्रमुख और अंतरराष्ट्रीय संगठन शामिल थे। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य था एक संगठित कार्बन बाजार विकसित करना जो आर्थिक वृद्धि और पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी के बीच संतुलन बनाए, ताकि भारत नेट–जीरो भविष्य की ओर बढ़ सके।
भारत के लिए कार्बन मार्केट क्यों है ज़रूरी
सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि भारत जीवाश्म ईंधन से नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ रहा है, और कार्बन बाजार इस बदलाव को कम लागत में और पारदर्शी रूप से संभव बनाएगा। उन्होंने भारत की संस्कृतिक परंपराओं—जैसे गंगा दीप पूजा और गोवर्धन पूजा—का उल्लेख कर उन्हें सतत जीवनशैली के प्रतीक बताया। उन्होंने उत्सर्जन में सत्यापन योग्य कटौती की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत की वैश्विक जलवायु नेतृत्व की भूमिका को मजबूत बनाने में कार्बन मार्केट एक प्रभावी साधन हो सकता है।
भारतीय कार्बन मार्केट (ICM): लक्ष्य और योजना
ऊर्जा मंत्रालय के अपर सचिव श्री आकाश त्रिपाठी ने ICM की चरणबद्ध कार्यान्वयन योजना प्रस्तुत की। योजना के अनुसार, भारत 2027 तक उत्सर्जन में 40% की कटौती का लक्ष्य रखता है, और 2030 तक इसका पूर्ण संचालन सुनिश्चित किया जाएगा। उद्योगों को कार्बन क्रेडिट व्यापार की अनुमति दी जाएगी, जिससे वे उत्सर्जन में कमी कर स्वच्छ तकनीकों में निवेश के लिए प्रेरित होंगे। इस प्रणाली की सफलता मजबूत विनियमन, उद्योग भागीदारी और पारदर्शी निगरानी पर निर्भर करेगी।
वैश्विक चुनौतियाँ और सुशासन की आवश्यकता
विश्व बैंक के थॉमस केर ने चेतावनी दी कि यूरोपीय संघ की कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (CBAM) जैसे वैश्विक नियम भारतीय स्टील और एल्युमीनियम निर्यात को प्रभावित कर सकते हैं। उन्होंने भारत से घरेलू स्तर पर शीघ्र कार्रवाई की आवश्यकता पर ज़ोर दिया ताकि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में पीछे न रह जाएं। पूर्व वित्त सचिव अशोक लवासा ने MRV (मापन, रिपोर्टिंग, सत्यापन) ढांचे की वकालत की, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और वैश्विक विश्वास कायम हो।
जनभागीदारी के माध्यम से जलवायु कार्रवाई
अभिनेत्री और संयुक्त राष्ट्र सद्भावना दूत दीया मिर्जा ने LiFE (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) मिशन के माध्यम से नागरिक भागीदारी की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि युवाओं द्वारा अपनाई गई टिकाऊ जीवनशैली ही जलवायु समाधान की कुंजी है। सम्मेलन में कार्बन मूल्य निर्धारण, नवीकरणीय ऊर्जा प्रोत्साहन, पेरिस समझौते के अनुच्छेद 6 और प्रकृति–आधारित समाधानों पर भी चर्चा हुई।
STATIC GK SNAPSHOT – प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जानकारी सारांश
विषय | तथ्य |
इवेंट का नाम | प्रकृति 2025 – पहला अंतरराष्ट्रीय कार्बन मार्केट सम्मेलन |
तिथि और स्थान | 24–25 फरवरी 2025 – नई दिल्ली |
आयोजक | ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE), ऊर्जा मंत्रालय |
मुख्य अतिथि | श्री मनोहर लाल, केंद्रीय ऊर्जा एवं आवास मंत्री |
कार्बन मार्केट लक्ष्य | 2027 तक 40% उत्सर्जन कटौती, 2030 तक पूर्ण क्रियान्वयन |
वैश्विक व्यापार चिंता | EU का CBAM – भारतीय स्टील और एल्युमीनियम पर प्रभाव |
सुशासन ढांचा | MRV (मापन, रिपोर्टिंग, सत्यापन) रूपरेखा |
जन भागीदारी पहल | LiFE (पर्यावरण के लिए जीवनशैली) – दीया मिर्जा द्वारा प्रचारित |
प्रमुख जलवायु ढांचा | पेरिस समझौते का अनुच्छेद 6 |