जुलाई 18, 2025 12:03 अपराह्न

पुणे में ज़िका वायरस का प्रकोप: बढ़ते मामले और भारत की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया

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Zika Virus Outbreak in Pune: Rising Cases and India's Public Health Response

पुणे में ज़िका मामलों में चिंताजनक वृद्धि

2024 में महाराष्ट्र के पुणे ज़िले में ज़िका वायरस के मामले तेजी से बढ़े हैं। देशभर में दर्ज किए गए 151 मामलों में से अकेले पुणे में 125 मामले सामने आए हैं, जिससे यह क्षेत्र महामारी का केंद्र बन गया है। भारतीय स्वास्थ्य प्राधिकरणों और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस बढ़ोतरी को गंभीरता से लिया है। हालांकि राहत की बात यह है कि अब तक माइक्रोसेफली या गिलैनबैरे सिंड्रोम (GBS) जैसे गंभीर लक्षण सामने नहीं आए हैं।

ज़िका वायरस का प्रसार कैसे होता है?

ज़िका वायरस मुख्य रूप से एडीस मच्छर के काटने से फैलता है, जो उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं। यह वायरस केवल मच्छर के काटने तक सीमित नहीं है; यह गर्भवती मां से भ्रूण, यौन संबंध, रक्त संक्रमण, और अंग प्रत्यारोपण के माध्यम से भी फैल सकता है। इन माध्यमों को जानना संक्रमण की रोकथाम के लिए बेहद जरूरी है।

महाराष्ट्र संक्रमण के केंद्र में

2024 में महाराष्ट्र ने ज़िका वायरस मामलों की संख्या में सभी राज्यों को पीछे छोड़ दिया, जहाँ कुल 140 मामले दर्ज हुए। इनमें से अधिकतर पुणे में थे। यह बढ़ोतरी चिंताजनक है क्योंकि 2021 में केवल 1 मामला, 2022 में 3, और 2023 में 18 मामले रिपोर्ट हुए थे। अन्य राज्यों जैसे कर्नाटक और गुजरात में कुछ ही मामले आए हैं, लेकिन महाराष्ट्र की स्थिति ने राष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ा दी है।

सरकारी कार्रवाई और निगरानी तंत्र

स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार ने 3 जुलाई 2024 को ज़िका वायरस पर परामर्श जारी किया, जिसमें सभी राज्यों को निगरानी और मच्छर नियंत्रण उपायों को तेज करने के निर्देश दिए गए। इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP) विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं में मामलों की निगरानी कर रहा है। साथ ही, स्थानीय स्वास्थ्य विभाग जागरूकता अभियानों और मच्छरों के प्रजनन स्थलों को खत्म करने पर काम कर रहे हैं।

ज़िका वायरस: ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

ज़िका वायरस की पहचान सबसे पहले 1947 में युगांडा के बंदरों में हुई थी। 1950 के दशक में यह मानवों में फैलना शुरू हुआ, खासकर अफ्रीका में। भारत में इसका पहला मामला 2016 में गुजरात में दर्ज हुआ। तब से भारत में समय-समय पर छोटे स्तर पर इसके प्रकोप देखे गए हैं, लेकिन ब्राज़ील जैसे देशों में हुई त्रासदी जैसी गंभीर स्थिति भारत में नहीं बनी है।

क्यों ज़िका के मामले अक्सर छूट जाते हैं?

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 60–80% ज़िका संक्रमण या तो हल्के होते हैं या लक्षणहीन, जिससे इसकी पहचान कठिन हो जाती है। स्वास्थ्यकर्मियों में जागरूकता की कमी और सीमित जांच सुविधाएं मामलों की रिपोर्टिंग को प्रभावित करती हैं। इसलिए, ज़िका के बेहतर नियंत्रण के लिए जन जागरूकता और आधुनिक जांच सुविधा का विस्तार अनिवार्य है।

Static GK Snapshot: भारत में ज़िका वायरस

तथ्य विवरण
भारत में पहला ज़िका मामला गुजरात, 2016
मुख्य वाहक एडीस एजिप्टी मच्छर
2024 में सर्वाधिक मामले वाला राज्य महाराष्ट्र (140 मामले, पुणे से 125)
प्रसार के तरीके मच्छर का काटना, गर्भावस्था, यौन संपर्क, रक्त व अंग दान
निगरानी कार्यक्रम इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP)
Zika Virus Outbreak in Pune: Rising Cases and India's Public Health Response
  1. 2024 में, भारत के कुल 151 ज़ीका मामलों में से 125 पुणे ज़िले से सामने आए, जिससे यह प्रकोप का केंद्र बन गया।
  2. ज़ीका वायरस मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी (Aedes aegypti) मच्छर द्वारा फैलता है, जो उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में सामान्य है।
  3. मच्छर के काटने के अलावा, यह वायरस गर्भावस्था, यौन संपर्क, रक्त संक्रमण और अंग प्रत्यारोपण के माध्यम से भी फैल सकता है।
  4. भारत में पहला ज़ीका मामला 2016 में गुजरात में पाया गया था।
  5. 2024 में महाराष्ट्र ने सबसे अधिक 140 मामले दर्ज किए, जिनमें 125 पुणे से थे।
  6. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पुणे के ज़ीका प्रकोप को गंभीर चिंता के रूप में चिह्नित किया है।
  7. सौभाग्य से, भारत में 2024 के प्रकोप से कोई भी माइक्रोसेफली या गिलेनबैरे सिंड्रोम (GBS) का मामला संबंधित नहीं पाया गया।
  8. एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) पूरे भारत में ज़ीका मामलों की निगरानी और ट्रैकिंग कर रहा है।
  9. भारत सरकार ने 3 जुलाई 2024 को ज़ीका को लेकर एक परामर्श जारी किया, जिसका उद्देश्य वेक्टर नियंत्रण और परीक्षण को बढ़ावा देना था।
  10. एडीज मच्छर, डेंगू, चिकनगुनिया और येलो फीवर जैसे अन्य रोगों के लिए भी जिम्मेदार होते हैं।
  11. ज़ीका वायरस की पहली खोज 1947 में युगांडा में बंदरों में हुई थी।
  12. मानव में ज़ीका संक्रमण 1950 के दशक में अफ्रीका में देखे गए
  13. भारत में 2021 में 1, 2022 में 3 और 2023 में 18 ज़ीका मामले सामने आए, जो 2024 के अचानक उछाल की ओर संकेत करते हैं।
  14. 2024 में कर्नाटक और गुजरात जैसे अन्य भारतीय राज्य भी प्रभावित रहे।
  15. ज़ीका के 60–80% मामले हल्के या लक्षणहीन होते हैं, जिससे इसका पता लगाना और निगरानी करना कठिन हो जाता है।
  16. यह वायरस गर्भवती महिलाओं के लिए सबसे बड़ा खतरा है, क्योंकि इससे भ्रूण मस्तिष्क दोष का खतरा होता है।
  17. सीमित परीक्षण क्षमता और स्वास्थ्यकर्मियों में जागरूकता की कमी, कम रिपोर्टिंग का मुख्य कारण है।
  18. महाराष्ट्र भर में जनजागरूकता अभियान और मच्छर नियंत्रण कार्यक्रमों को मजबूत किया जा रहा है।
  19. ज़ीका को भारत की राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग रणनीति में शामिल किया गया है।
  20. बेहतर निदान और सामुदायिक स्तर पर हस्तक्षेप, भविष्य के प्रकोपों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

Q1. भारत में 2024 के ज़ीका वायरस प्रकोप का केंद्र कहाँ था?


Q2. ज़ीका वायरस के प्रसार के लिए मुख्य रूप से कौन सी मच्छर प्रजाति जिम्मेदार है


Q3. ज़ीका वायरस का प्राथमिक प्रसारण किस प्रकार होता है?


Q4. भारत में ज़ीका वायरस के मामलों को ट्रैक करने के लिए कौन सा निगरानी कार्यक्रम अग्रणी है?


Q5. भारत में ज़ीका वायरस का पहला मामला कब दर्ज किया गया था?


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