कुपोषण के खिलाफ हथियार बना पीकेएम1
पीकेएम1 (PKM1) सहजन किस्म ने वैश्विक स्तर पर सहजन की उपयोगिता को नया रूप दिया है। इसे 1980 के दशक के अंत में तमिलनाडु के डिंडिगुल जिले में स्थित पेरियाकुलम बागवानी महाविद्यालय द्वारा विकसित किया गया था। पारंपरिक सहजन किस्मों की तुलना में पीकेएम1 अधिक छोटे आकार का होता है—यह लगभग छह फीट तक बढ़ता है, जिससे इसे तोड़ना और व्यावसायिक खेती के लिए उपयोगी बनाना आसान हो गया।
इसकी पत्तियों और फूलों में विटामिन A, C, कैल्शियम, आयरन और पोटैशियम जैसे आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं। अफ्रीका के सेनेगल, रवांडा और मेडागास्कर जैसे देशों में, इस किस्म ने बच्चों में कुपोषण को कम करने में मदद की है। इसकी तेज़ी से बढ़ने की क्षमता और पोषणवर्धक गुणों ने इसे वैश्विक खाद्य रणनीतियों का हिस्सा बना दिया है।
सहजन उत्पादन में अग्रणी है तमिलनाडु
तमिलनाडु विश्व सहजन उत्पादन का लगभग 24% हिस्सा अकेले उत्पन्न करता है। इसके प्रमुख जिले हैं—थेनी, डिंडिगुल और करूर—जहां का गर्म और अर्ध-शुष्क मौसम इसकी खेती के लिए आदर्श है। अब सरकार इन इलाकों में ‘सहजन निर्यात क्षेत्र’ (Moringa Export Zone) बनाने की योजना बना रही है, ताकि निर्यात को सुगम बनाया जा सके और किसानों को अधिक मूल्य मिल सके।
यह कदम न केवल कृषि के वैश्वीकरण की ओर संकेत करता है, बल्कि तमिलनाडु को सहजन का वैश्विक ब्रांड बनाने की दिशा में भी है।
पीकेएम1 से जुड़ी स्थैतिक जानकारी
पीकेएम1 सहजन किस्म की उत्पत्ति यह दर्शाती है कि भारत के कृषि अनुसंधान संस्थान नवीन और व्यावसायिक दृष्टिकोण वाली किस्मों के विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। PKM का मतलब ‘Periyakulam’ होता है, जिससे यह स्थानीय पहचान को भी दर्शाता है। यह किस्म पारंपरिक 30 वर्षों तक जीवित रहने वाले सहजन वृक्षों के विपरीत एक या दो साल में तैयार हो जाती है।
आज सहजन को भारत में ड्रमस्टिक ट्री कहा जाता है, लेकिन दुनिया भर में इसे एक सुपरफूड के रूप में अपनाया जा रहा है—जो पोषण के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी लाभकारी है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
PKM का पूरा रूप | पेरियाकुलम (Periyakulam) |
विकसित किया | पेरियाकुलम बागवानी महाविद्यालय |
प्रारंभिक वर्ष | 1980 के दशक के अंत |
सर्वोच्च उत्पादक राज्य | तमिलनाडु |
वैश्विक उत्पादन में हिस्सा | 24% |
प्रमुख जिले | थेनी, डिंडिगुल, करूर, मदुरै, आदि |
निर्यात क्षेत्र नाम | Moringa Export Zone |
पारंपरिक सहजन की उम्र | 30 वर्ष तक |
PKM1 के पोषक तत्व | विटामिन A, C, कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम |
उपयोग करने वाले देश | सेनेगल, रवांडा, मेडागास्कर |