पीएम श्री योजना अस्वीकार करने पर ₹2,152 करोड़ का फंड रोका गया
तमिलनाडु द्वारा प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (PM SHRI) योजना में भाग लेने से इनकार करने के बाद केंद्र सरकार ने समग्र शिक्षा योजना के तहत मिलने वाले ₹2,152 करोड़ के फंड को रोक दिया है। PM SHRI योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप मॉडल स्कूलों का विकास करना है, लेकिन तमिलनाडु ने एनईपी के साथ अनिवार्य संरेखण को लेकर इस योजना को खारिज कर दिया।
भाषा नीति पर तमिलनाडु का स्पष्ट विरोध
तमिलनाडु का विरोध मुख्य रूप से त्रिभाषा सूत्र (Three Language Formula) को लेकर है, जिसे 1968 और 2020 दोनों संस्करणों की एनईपी में शामिल किया गया है। राज्य ने हमेशा द्विभाषा नीति (तमिल और अंग्रेज़ी) का पालन किया है और इसे हिंदी को शिक्षा प्रणाली में पीछे के दरवाज़े से थोपने का प्रयास माना है। NEP 2020 में लचीलापन होने का दावा किया गया, लेकिन तमिलनाडु का तर्क है कि PM SHRI के ज़रिए हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लागू किया जा रहा है, जो राज्य की शिक्षा नीति के खिलाफ है।
हिंदी विरोध की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
तमिलनाडु में हिंदी विरोध का इतिहास 1937 से शुरू होता है, जब तत्कालीन मद्रास प्रेसिडेंसी के मुख्यमंत्री सी. राजगोपालाचारी ने स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव दिया, जिसे जस्टिस पार्टी ने तीव्र विरोध किया। यह विरोध 1965 के व्यापक आंदोलनों में चरम पर पहुंचा, जब हिंदी को भारत की एकमात्र आधिकारिक भाषा बनाए जाने की आशंका ने राज्यव्यापी जनआंदोलन को जन्म दिया। इसके बाद राजभाषा (संशोधन) अधिनियम 1967 पारित हुआ और त्रिभाषा सूत्र 1968 में लागू किया गया।
अन्नादुरै का 1968 प्रस्ताव और तमिलनाडु की द्विभाषा नीति
जनवरी 1968 में मुख्यमंत्री सी.एन. अन्नादुरै ने एक विधान सभा प्रस्ताव लाकर त्रिभाषा नीति को अस्वीकार किया, और द्विभाषा नीति को अपनाया, जो आज तक राज्य की आधिकारिक शिक्षा नीति है। तमिलनाडु ने बार–बार केंद्र सरकार के हिंदी प्रयासों को खारिज किया है। 2019 में जब कस्तूरीरंगन समिति के ड्राफ्ट एनईपी में हिंदी अनिवार्यता की बात सामने आई, तो तमिलनाडु में जनता का भारी विरोध हुआ, जिसके चलते अनिवार्य हिंदी प्रावधान हटाया गया। बावजूद इसके, 2019 में केंद्र ने गैर–हिंदी राज्यों में हिंदी शिक्षकों की भर्ती के लिए ₹50 करोड़ का बजट आवंटित किया, जिसे तमिलनाडु ने हिंदी थोपने की रणनीति माना।
STATIC GK SNAPSHOT – प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जानकारी सारांश
विषय | तथ्य |
प्रभावित योजना | समग्र शिक्षा |
रोक गए फंड की राशि | ₹2,152 करोड़ |
कारण | तमिलनाडु ने PM SHRI को NEP 2020 के कारण खारिज किया |
मुख्य विवाद | त्रिभाषा सूत्र और हिंदी थोपने की आशंका |
तमिलनाडु की भाषा नीति | द्विभाषा नीति (तमिल और अंग्रेज़ी) |
PM SHRI का पूर्ण रूप | Prime Minister Schools for Rising India |
प्रमुख हिंदी विरोध आंदोलन | 1965 का राज्यव्यापी आंदोलन |
विधान सभा का हिंदी विरोध प्रस्ताव | 1968 में अन्नादुरै द्वारा पारित |
हिंदी प्रावधान हटाने वाली समिति | कस्तूरीरंगन समिति (2019) |
हिंदी शिक्षक बजट (2019) | ₹50 करोड़ (गैर-हिंदी राज्यों के लिए) |