जुलाई 18, 2025 10:53 पूर्वाह्न

पीएम मोदी ने ‘राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025’ में पूर्वोत्तर विकास को दी नई दिशा

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PM Modi Boosts Northeast Growth at Investors Summit 2025

पूर्वोत्तर विकास पर पीएम मोदी का ज़ोर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 मई 2025 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन किया। इस आयोजन ने पूर्वोत्तर भारत को आर्थिक शक्ति में बदलने के अभियान को नई ऊर्जा दी। नीति निर्माताओं, उद्योगपतियों और निवेशकों को एक मंच पर लाकर, यह सम्मेलन पूर्वोत्तर की अविकसित क्षमताओं को सामने लाने का प्रयास था।

यह दो दिवसीय समिट केवल प्रतीकात्मक नहीं थी, बल्कि यह संदेश लेकर आई कि अब पूर्वोत्तर भारत, राष्ट्रीय आर्थिक रणनीति के केंद्र में है। पहले उपेक्षित माने जाने वाले ये राज्य अब संभावनाओं से भरपूर रणनीतिक क्षेत्र बन रहे हैं।

समिट में क्या था खास?

इस आयोजन में मंत्रीस्तरीय चर्चाएं, व्यापार से व्यापार (B2B) और व्यापार से सरकार (B2G) बैठकें हुईं। प्रदर्शनी क्षेत्र में पूर्वोत्तर के कई क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं को दर्शाया गया।

प्रमुख क्षेत्र जिन पर फोकस रहा:
• पर्यटन और आतिथ्य
• कृषि-खाद्य प्रसंस्करण
• वस्त्र और हस्तशिल्प
• ऊर्जा और बुनियादी ढांचा
• सूचना प्रौद्योगिकी
• खेल और मनोरंजन
• स्वास्थ्य और शिक्षा

प्रधानमंत्री मोदी ने अष्टलक्ष्मी मॉडल को रेखांकित किया, जिसमें पूर्वोत्तर के आठ राज्यों को समृद्धि के आठ स्तंभों के रूप में प्रस्तुत किया गया। यह विचार बताता है कि हर राज्य की अपनी विशिष्ट भूमिका है भारत की प्रगति में।

बड़ी दूरदृष्टि की पहल

यह समिट कोई एक-दिवसीय प्रयास नहीं है, बल्कि यह पूर्वोत्तर में वर्षों से जारी निवेश का परिणाम है। एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत भारत ने न सिर्फ ASEAN देशों से संबंध मजबूत किए, बल्कि पूर्वोत्तर में सड़कों, रेलवे, हवाई अड्डों और डिजिटल नेटवर्क को भी बेहतर बनाया।

पहले अष्टलक्ष्मी महोत्सव जैसे सांस्कृतिक आयोजनों ने क्षेत्र की संस्कृति को उजागर किया। अब सरकार का लक्ष्य आर्थिक विकास के साथ सांस्कृतिक संरक्षण को जोड़ना है।

पूर्वोत्तर क्यों है महत्वपूर्ण?

पूर्वोत्तर भारत प्राकृतिक संसाधनों और जैव विविधता से समृद्ध है। यह क्षेत्र जैविक खेती, हाथकरघा, और इकोटूरिज्म के लिए आदर्श माना जाता है। जनजातीय परंपराएं और सांस्कृतिक विविधता इस क्षेत्र की विशेषता हैं।

सरकार की योजनाओं से यहां शिक्षा, सड़क निर्माण, और स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा मिला है। निवेश बढ़ने से स्थानीय युवाओं को रोजगार और कौशल प्रशिक्षण के बेहतर अवसर मिलेंगे।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
आयोजन की तिथि 23–24 मई, 2025
स्थान भारत मंडपम, नई दिल्ली
प्रमुख पहल राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025
पीएम की सोच अष्टलक्ष्मी – आठ गुना समृद्धि
मुख्य क्षेत्र पर्यटन, कृषि-प्रसंस्करण, वस्त्र, आईटी
नीति आधार एक्ट ईस्ट पॉलिसी
प्रमुख गतिविधियां B2B/B2G बैठकें, मंत्री-स्तरीय चर्चा
क्षेत्रीय प्रभाव निवेश और रोजगार में वृद्धि
ऐतिहासिक संदर्भ अष्टलक्ष्मी महोत्सव का विस्तार
सामान्य ज्ञान तथ्य पूर्वोत्तर भारत की सीमा 5 देशों से मिलती है
PM Modi Boosts Northeast Growth at Investors Summit 2025
  1. पीएम नरेंद्र मोदी ने 23 मई को भारत मंडपम, नई दिल्ली में राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 का उद्घाटन किया।
  2. इस समिट का उद्देश्य पूर्वोत्तर को एक जीवंत आर्थिक केंद्र में बदलना है।
  3. फोकस सेक्टरों में पर्यटन, कृषि प्रसंस्करण, कपड़ा, आईटी, ऊर्जा और शिक्षा शामिल हैं।
  4. इस कार्यक्रम में बी2बी और बी2जी सत्र, प्रदर्शनी और मंत्रिस्तरीय पैनल शामिल थे।
  5. मोदी ने अष्टलक्ष्मी मॉडल पर जोर दिया, जो क्षेत्र की आठ गुना समृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है।
  6. यह समिट भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी 2025 के अनुरूप है, जो आसियान संबंधों को गहरा करता है।
  7. यह अष्टलक्ष्मी महोत्सव जैसी पिछली पहलों पर आधारित है, जो पूर्वोत्तर संस्कृति का जश्न मनाता है।
  8. सड़क, रेल, हवाई और डिजिटल बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर सुधार पर प्रकाश डाला गया।
  9. पूर्वोत्तर की समृद्ध जैव विविधता और जैविक खेती की संभावनाओं ने निवेशकों का ध्यान आकर्षित किया।
  10. इको-टूरिज्म और हस्तशिल्प को स्थानीय उद्यमिता के प्रमुख चालक के रूप में देखा गया।
  11. सरकार ने कौशल प्रशिक्षण और रोजगार सृजन के माध्यम से युवाओं को सहायता देने का वादा किया।
  12. शिखर सम्मेलन ने क्षेत्र के अप्रयुक्त संसाधनों और रणनीतिक महत्व को प्रदर्शित किया।
  13. यह कार्यक्रम 23-24 मई, 2025 को आयोजित किया गया, जिसमें राष्ट्रीय और क्षेत्रीय भागीदारी अधिक रही।
  14. पांच देश पूर्वोत्तर के साथ सीमा साझा करते हैं, जिससे भू-राजनीतिक और व्यापार प्रासंगिकता बढ़ रही है।
  15. पीएम मोदी ने निवेशकों से पूर्वोत्तर को “विकास के नए इंजन” के रूप में देखने का आग्रह किया।
  16. प्रदर्शनी में स्टार्टअप नवाचारों, आदिवासी कला और बुनियादी ढांचे की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया।
  17. शिखर सम्मेलन सांस्कृतिक उत्सव से आर्थिक परिवर्तन की ओर बदलाव को दर्शाता है।
  18. महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों और युवा सशक्तीकरण पर केंद्रित प्रयासों पर चर्चा की गई।
  19. इस क्षेत्र में निवेश और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होने की उम्मीद है।
  20. राइजिंग नॉर्थ ईस्ट शिखर सम्मेलन क्षेत्रीय एकीकरण और समृद्धि के लिए भारत के दीर्घकालिक दृष्टिकोण को रेखांकित करता है।

Q1. राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 कहाँ आयोजित किया गया था?


Q2. इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर-पूर्व भारत के लिए कौन-सा मुख्य दृष्टिकोण (विज़न) प्रस्तुत किया?


Q3. उत्तर-पूर्व भारत में बुनियादी ढांचा और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के विकास में कौन-सी नीति मुख्य भूमिका निभाती है?


Q4. राइजिंग नॉर्थ ईस्ट इन्वेस्टर्स समिट 2025 के दौरान किस प्रकार की भागीदारियाँ हुईं?


Q5. अष्टलक्ष्मी मॉडल के अंतर्गत कितने पूर्वोत्तर राज्य शामिल हैं?


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