कश्मीर को पहली बार मिली सीधी रेल पहुंच
6 जून 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू–कश्मीर में चिनाब रेलवे पुल का उद्घाटन किया। यह पुल अब दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे आर्च ब्रिज बन चुका है, जिसकी ऊँचाई 359 मीटर है — एफिल टॉवर से भी अधिक। यह पुल उधमपुर–श्रीनगर–बारामूला रेल लिंक (USBRL) की अंतिम कड़ी है, जिसकी 42 वर्षों की लंबी प्रतीक्षा अब पूरी हुई।
यह केवल एक पुल नहीं, बल्कि कश्मीर घाटी के लिए जीवनरेखा है। अब पहली बार हर मौसम में रेल संपर्क संभव हो सका है, जिससे यात्रा तेज, रोजगार के अवसर अधिक, और लॉजिस्टिक्स बेहतर होंगे। राष्ट्रीय दृष्टिकोण से यह सीमावर्ती क्षेत्र के लिए एक सामरिक लिंक भी है।
हिमालयी चुनौतियों को दी मात
यह पुल हिमालय के कठिन इलाके में बनाया गया है, जहाँ अस्थिर मिट्टी, भूकंपीय जोखिम और चरम मौसम आम हैं। फिर भी भारतीय इंजीनियरों ने इसे सफलतापूर्वक पूरा किया। चिनाब ब्रिज की लंबाई 1,315 मीटर है और यह स्टील व कंक्रीट से बना है। यह तेज़ हवाओं और भूकंप का सामना करने में सक्षम है।
USBRL रूट कुल 272 किमी लंबा है, जिसमें 36 सुरंगें और 943 पुल शामिल हैं। पहले के चरण जैसे काजीगुंड से बारामूला और उधमपुर से कटरा पहले ही पूरे हो चुके थे। लेकिन अंतिम खंड, जिसमें यह चिनाब ब्रिज शामिल है, सबसे कठिन रहा।
वंदे भारत अब पहुँचेगी कश्मीर
इस पुल के माध्यम से कटरा से श्रीनगर के बीच जल्द ही वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू की जाएगी। पहले यह यात्रा 5 घंटे से अधिक लेती थी, लेकिन अब केवल 3 घंटे में पूरी होगी। इससे पर्यटन और विशेष रूप से वैष्णो देवी तीर्थयात्रा को बल मिलेगा।
स्वास्थ्य सेवा में बड़ी पहल
पुल के साथ ही पीएम मोदी ने श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस की आधारशिला भी रखी। यह ₹350 करोड़ की लागत से कटरा के पास रियासी जिले में बनने वाला पहला मेडिकल कॉलेज होगा, जो दूरदराज़ क्षेत्रों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करेगा।
सामरिक और सांकेतिक महत्त्व
यह पुल केवल एक इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना नहीं है — यह एकता और जुड़ाव का प्रतीक है। यह हिमालय के दूरस्थ क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ता है, सेना और राहत सेवाओं के लिए लॉजिस्टिक्स को सशक्त बनाता है, और आपदा प्रबंधन को बेहतर बनाता है।
Static Usthadian Current Affairs Table (Hindi)
विषय | विवरण |
चिनाब ब्रिज की ऊँचाई | 359 मीटर (एफिल टॉवर से ऊँचा) |
चिनाब ब्रिज की लंबाई | 1,315 मीटर |
USBRL परियोजना | 272 किमी (उधमपुर से बारामूला) |
पहला पूर्ण खंड | काजीगुंड-बारामूला (2009) |
अंतिम पूर्ण खंड | बनिहाल-संगलदान व चिनाब ब्रिज (2024–25) |
पुल की प्रकार | स्टील आर्च, भूकंप और हवा प्रतिरोधक |
प्रमुख नदी | चिनाब (सिंधु की सहायक नदी) |
अन्य प्रमुख पुल | अंजी पुल – भारत का पहला केबल-स्टे रेल पुल |
मेडिकल कॉलेज परियोजना | वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट, ₹350 करोड़, रियासी |
नई रेल सेवा | वंदे भारत: कटरा–श्रीनगर |
कुल विकास परियोजनाएँ | ₹46,000 करोड़ |
Static GK तथ्य | चिनाब ब्रिज – विश्व का सबसे ऊँचा रेलवे पुल |
अन्य प्रसिद्ध पुल | हावड़ा ब्रिज (कोलकाता), पंबन ब्रिज (रामेश्वरम) |