पीएम-किसान का डिजिटल बदलाव: 2025 से क्या बदल रहा है?
1 जनवरी 2025 से, पीएम-किसान योजना के सभी नए आवेदकों को डिजिटल किसान आईडी देना अनिवार्य होगा — जो भूमि अभिलेखों से जुड़ी डिजिटल रूप से सत्यापित पहचान होगी। पहले से लाभार्थी किसान इससे प्रभावित नहीं होंगे। इस कदम का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, धोखाधड़ी रोकना, और सब्सिडी लक्ष्यीकरण को अधिक कुशल बनाना है।
पीएम-किसान क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?
24 फरवरी 2019 को शुरू हुई पीएम–किसान योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को ₹6,000 वार्षिक सहायता दी जाती है — जिसे ₹2,000 की तीन किस्तों में सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है। यह पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित है और इसका उद्देश्य लघु एवं सीमांत किसानों के लिए इनपुट लागत और दैनिक खर्च को कम करना है।
अक्टूबर 2024 की किस्त में, 9.4 करोड़ किसानों को ₹2,000 की राशि डीबीटी के माध्यम से प्राप्त हुई — जो योजना की सफलता और आवश्यकता को दर्शाता है।
किसान आईडी क्या है और यह क्यों ज़रूरी है?
किसान आईडी एक डिजिटल पहचान संख्या है जिसमें निम्नलिखित जानकारी शामिल होती है:
- भूमि स्वामित्व का सत्यापन
• फसल की जानकारी और आधार से लिंक
• डिजिटल कृषि बाज़ारों तक पहुंच
यह एग्री–स्टैक पहल के तहत तैयार की जा रही किसान रजिस्ट्री का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य सभी सरकारी योजनाओं को केवल वास्तविक किसानों तक पहुँचाना है।
मुख्य लाभ:
- नकली लाभार्थियों में कमी
• आगामी योजनाओं के लिए सरल पंजीकरण
• डीबीटी के लिए तत्काल सत्यापन
अब तक किन राज्यों में लागू हुआ है?
जनवरी 2025 तक, 10 राज्यों में किसान आईडी अनिवार्य की जा चुकी है:
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़ — ये राज्य कुल पीएम–किसान लाभार्थियों के 84% को कवर करते हैं।
तमिलनाडु जैसे राज्य भूमि डिजिटलीकरण के बाद इसे लागू करने की प्रक्रिया में हैं।
संसद ने लाभ बढ़ाने की सिफारिश की
मुद्रास्फीति और बढ़ती खेती लागत को देखते हुए, संसदीय समिति ने पीएम–किसान लाभ को ₹12,000 वार्षिक करने की सिफारिश की है। इससे छोटे किसानों की जलवायु आपदाओं और मूल्य अस्थिरता के प्रति सहनशीलता बढ़ेगी।
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विषय | विवरण |
योजना का नाम | प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) |
आरंभ तिथि | 24 फरवरी 2019 |
वार्षिक लाभ | ₹6,000 (₹2,000 की 3 किस्तों में) |
नया नियम लागू | 1 जनवरी 2025 से |
किसान आईडी अनिवार्यता | केवल नए आवेदकों के लिए |
लागू करने वाले राज्य | 10 (84% लाभार्थी कवर) |
किसान आईडी लक्ष्य (मार्च 2025 तक) | 6 करोड़ |
अब तक जारी किसान आईडी (जनवरी 2025 तक) | 1 करोड़ |
नवीनतम डीबीटी ट्रांसफर | अक्टूबर 2024 – 9.4 करोड़ किसानों को |
वित्त स्रोत | पूरी तरह केंद्र सरकार द्वारा |
डीबीटी प्रणाली | हाँ, बैंक खातों में सीधा भुगतान |
प्रस्तावित नई वार्षिक सहायता | ₹12,000 (संसदीय समिति की सिफारिश) |