जुलाई 19, 2025 2:14 पूर्वाह्न

पीएम-आवास योजना–ग्रामीण (PMAY-G) पर संसदीय जांच समिति की नजर: तत्काल सुधार की सिफारिश

करेंट अफेयर्स: पीएमएवाई-जी योजना जांच का सामना कर रही है: संसदीय पैनल ने तत्काल सुधार की मांग की, पीएमएवाई-जी 2025 अपडेट, ग्रामीण आवास भारत, सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011, आवास+ सर्वेक्षण 2025, ग्रामीण विकास आवास बैकलॉग, वित्तीय सहायता पक्के मकान, संसदीय समिति पीएमएवाई-जी

PMAY-G Scheme Faces Scrutiny: Parliamentary Panel Calls for Urgent Reforms

ग्रामीण भारत में आवास सपना खतरे में

प्रधानमंत्री आवास योजनाग्रामीण (PMAY-G) की शुरुआत 1 अप्रैल 2016 को इस उद्देश्य से हुई थी कि हर ग्रामीण परिवार को बुनियादी सुविधाओं वाला पक्का घर मिले। शुरू में 2.95 करोड़ घरों के निर्माण का लक्ष्य था, लेकिन हाल ही में संसदीय स्थायी समिति ने जो रिपोर्ट दी है, उससे योजना के क्रियान्वयन में गंभीर खामियां उजागर हुई हैं।

पुराना डेटा, नई समस्याएं: लाभार्थियों की पहचान में बाधा

रिपोर्ट में मुख्य चिंता यह बताई गई कि योजना में आज भी 2011 की सामाजिकआर्थिक जाति जनगणना (SECC) के आंकड़े प्रयोग हो रहे हैं। अब यह डेटा 14 साल पुराना हो चुका है, जिससे कई नए गरीब परिवार छूट गए हैं और कुछ अयोग्य परिवार लाभ उठा रहे हैं। समिति ने नए और समावेशी सर्वेक्षण की सिफारिश की है, जिसमें अस्थायी घरों (कच्चा मकान) में रहने वाले परिवारों को भी शामिल किया जाए।

अपर्याप्त वित्तीय सहायता: निर्माण लागत से पीछे

फिलहाल सरकार मैदानी इलाकों में ₹1.20 लाख और पहाड़ी क्षेत्रों में ₹1.30 लाख की सहायता देती है। लेकिन वर्तमान निर्माण लागत को देखते हुए यह राशि अपर्याप्त है। समिति ने इसे ₹4 लाख प्रति घर करने की सिफारिश की है ताकि पक्के और टिकाऊ घर बनाए जा सकें।

बैकलॉग और नए लक्ष्य: आंकड़े नहीं झूठ बोलते

अक्टूबर 2024 तक 2.66 करोड़ घर पूरे हो चुके हैं, लेकिन 29 लाख घर अभी भी बाकी हैं। अगस्त 2024 में योजना को 2029 तक 2 करोड़ नए घरों के लक्ष्य के साथ बढ़ाया गया, लेकिन समिति के अनुसार यह मुख्य रूप से पुराने बैकलॉग को पूरा करने के लिए है। वास्तव में, रिपोर्ट 1.46 करोड़ घरों की कमी बताती है।

समिति की प्रमुख सिफारिशें

समिति ने कुल लक्ष्य को 3.46 करोड़ घरों तक बढ़ाने की सिफारिश की है, जिसमें पुराने बैकलॉग और नए आवेदन दोनों शामिल हों। साथ ही, 2011 के वर्गीकरण के स्थान पर वर्तमान समय की पात्रता सूची बनाने की आवश्यकता बताई है।

नई आशा: बेहतर डेटा के लिए आवास+ सर्वेक्षण

सरकार ने 2018 में Awaas+ सर्वे की शुरुआत की थी और इसका 2025 का नया चरण भी चल रहा है। फरवरी 2025 तक 80 लाख परिवारों का डेटा जुटा लिया गया है और मार्च 2025 तक अंतिम रिपोर्ट आने की उम्मीद है। यह सही लाभार्थियों की पहचान और सुधारों की दिशा में बड़ा कदम होगा।

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विशेषता विवरण
योजना का नाम प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण (PMAY-G)
शुरुआत तिथि 1 अप्रैल 2016
मूल लक्ष्य 2.95 करोड़ घर
विस्तार घोषणा अगस्त 2024 – 2029 तक 2 करोड़ अतिरिक्त घर
अब तक पूरे घर (अक्टूबर 2024) 2.66 करोड़
लंबित घर 29 लाख
प्रस्तावित वित्तीय सहायता ₹4 लाख (अनुशंसित), वर्तमान ₹1.20–1.30 लाख
सर्वेक्षण प्रगति पर Awaas+ (मार्च 2025 तक पूरा होने की उम्मीद)
डेटा समस्या 2011 के पुराने SECC डेटा पर आधारित
समिति की सिफारिश कुल लक्ष्य 3.46 करोड़ तक बढ़ाया जाए

 

PMAY-G Scheme Faces Scrutiny: Parliamentary Panel Calls for Urgent Reforms
  1. प्रधान मंत्री आवास योजनाग्रामीण (PMAY-G) 1 अप्रैल 2016 को पक्के घर और मूलभूत सुविधाएं देने के लिए शुरू की गई थी।
  2. योजना का मूल लक्ष्य 95 करोड़ ग्रामीण घरों का निर्माण था।
  3. अक्टूबर 2024 तक योजना के तहत 66 करोड़ घरों का निर्माण पूरा हो चुका है।
  4. संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट ने योजना के कार्यान्वयन में गंभीर समस्याओं की ओर इशारा किया है।
  5. योजना अब भी 2011 की पुरानी सामाजिकआर्थिक जाति जनगणना (SECC) डेटा का उपयोग कर रही है, जिससे कई पात्र परिवार छूट गए हैं।
  6. समिति ने नई समावेशी सर्वेक्षण प्रक्रिया की मांग की जो ज़मीनी हकीकत को दर्शाए।
  7. कच्चे मकानों और अर्धपक्के घरों को पात्रता सूची में शामिल करने का आग्रह किया गया है।
  8. मैदानी क्षेत्रों में ₹1.20 लाख और पहाड़ी क्षेत्रों में ₹1.30 लाख की सहायता राशि तय है।
  9. समिति ने निर्माण लागत बढ़ने के कारण इस राशि को ₹4 लाख प्रति घर करने की सिफारिश की।
  10. लगभग 46 करोड़ घरों का बैकलॉग अभी भी अधूरा है, जबकि नए लक्ष्य घोषित हो चुके हैं।
  11. अगस्त 2024 के विस्तार में 2029 तक 2 करोड़ नए घरों का वादा किया गया, लेकिन इससे पुराने बैकलॉग ही पूरे होने की संभावना है।
  12. समिति ने कुल लक्ष्य को 46 करोड़ आवास इकाइयों तक बढ़ाने का सुझाव दिया है।
  13. आवास+ सर्वेक्षण, 2018 में शुरू हुआ था और 2025 में अपडेट किया गया, जो वास्तविक समय में लाभार्थी डेटा एकत्र करता है।
  14. फरवरी 2025 तक 80 लाख से अधिक घरों का सर्वेक्षण पूरा हो चुका है।
  15. अंतिम परिणाम मार्च 2025 तक अपेक्षित हैं, जिससे नीतिगत सुधारों को दिशा मिलेगी।
  16. पुरानी SECC सूची के कारण कई अयोग्य परिवारों को अब भी घर मिल रहे हैं।
  17. बढ़ती मजदूरी और सामग्री लागत मौजूदा सब्सिडी को अपर्याप्त बना रही है।
  18. योजना को वर्तमान मुद्रास्फीति और ग्रामीण चुनौतियों के अनुरूप लाना आवश्यक है।
  19. समिति ने रीयलटाइम डेटा और गतिशील अपडेट की जरूरत पर जोर दिया।
  20. PMAY-G की सफलता संशोधित वित्तीय सहायता, अद्यतन सर्वेक्षण और सटीक लक्ष्य निर्धारण पर निर्भर करेगी।

Q1. प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण (PMAY-G) कब शुरू की गई थी?


Q2. PMAY-G के तहत समतल क्षेत्रों में घरों के लिए वर्तमान में कितनी वित्तीय सहायता दी जाती है?


Q3. अक्टूबर 2024 तक PMAY-G के तहत कुल कितने घर पूरे हो चुके हैं?


Q4. PMAY-G के तहत वर्तमान लाभार्थी पहचान प्रक्रिया की प्रमुख आलोचना क्या है?


Q5. संसदीय समिति द्वारा सुझाया गया कुल संशोधित आवास लक्ष्य क्या है?


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