ग्रामीण भारत में आवास सपना खतरे में
प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण (PMAY-G) की शुरुआत 1 अप्रैल 2016 को इस उद्देश्य से हुई थी कि हर ग्रामीण परिवार को बुनियादी सुविधाओं वाला पक्का घर मिले। शुरू में 2.95 करोड़ घरों के निर्माण का लक्ष्य था, लेकिन हाल ही में संसदीय स्थायी समिति ने जो रिपोर्ट दी है, उससे योजना के क्रियान्वयन में गंभीर खामियां उजागर हुई हैं।
पुराना डेटा, नई समस्याएं: लाभार्थियों की पहचान में बाधा
रिपोर्ट में मुख्य चिंता यह बताई गई कि योजना में आज भी 2011 की सामाजिक–आर्थिक जाति जनगणना (SECC) के आंकड़े प्रयोग हो रहे हैं। अब यह डेटा 14 साल पुराना हो चुका है, जिससे कई नए गरीब परिवार छूट गए हैं और कुछ अयोग्य परिवार लाभ उठा रहे हैं। समिति ने नए और समावेशी सर्वेक्षण की सिफारिश की है, जिसमें अस्थायी घरों (कच्चा मकान) में रहने वाले परिवारों को भी शामिल किया जाए।
अपर्याप्त वित्तीय सहायता: निर्माण लागत से पीछे
फिलहाल सरकार मैदानी इलाकों में ₹1.20 लाख और पहाड़ी क्षेत्रों में ₹1.30 लाख की सहायता देती है। लेकिन वर्तमान निर्माण लागत को देखते हुए यह राशि अपर्याप्त है। समिति ने इसे ₹4 लाख प्रति घर करने की सिफारिश की है ताकि पक्के और टिकाऊ घर बनाए जा सकें।
बैकलॉग और नए लक्ष्य: आंकड़े नहीं झूठ बोलते
अक्टूबर 2024 तक 2.66 करोड़ घर पूरे हो चुके हैं, लेकिन 29 लाख घर अभी भी बाकी हैं। अगस्त 2024 में योजना को 2029 तक 2 करोड़ नए घरों के लक्ष्य के साथ बढ़ाया गया, लेकिन समिति के अनुसार यह मुख्य रूप से पुराने बैकलॉग को पूरा करने के लिए है। वास्तव में, रिपोर्ट 1.46 करोड़ घरों की कमी बताती है।
समिति की प्रमुख सिफारिशें
समिति ने कुल लक्ष्य को 3.46 करोड़ घरों तक बढ़ाने की सिफारिश की है, जिसमें पुराने बैकलॉग और नए आवेदन दोनों शामिल हों। साथ ही, 2011 के वर्गीकरण के स्थान पर वर्तमान समय की पात्रता सूची बनाने की आवश्यकता बताई है।
नई आशा: बेहतर डेटा के लिए आवास+ सर्वेक्षण
सरकार ने 2018 में Awaas+ सर्वे की शुरुआत की थी और इसका 2025 का नया चरण भी चल रहा है। फरवरी 2025 तक 80 लाख परिवारों का डेटा जुटा लिया गया है और मार्च 2025 तक अंतिम रिपोर्ट आने की उम्मीद है। यह सही लाभार्थियों की पहचान और सुधारों की दिशा में बड़ा कदम होगा।
STATIC GK SNAPSHOT
विशेषता | विवरण |
योजना का नाम | प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण (PMAY-G) |
शुरुआत तिथि | 1 अप्रैल 2016 |
मूल लक्ष्य | 2.95 करोड़ घर |
विस्तार घोषणा | अगस्त 2024 – 2029 तक 2 करोड़ अतिरिक्त घर |
अब तक पूरे घर (अक्टूबर 2024) | 2.66 करोड़ |
लंबित घर | 29 लाख |
प्रस्तावित वित्तीय सहायता | ₹4 लाख (अनुशंसित), वर्तमान ₹1.20–1.30 लाख |
सर्वेक्षण प्रगति पर | Awaas+ (मार्च 2025 तक पूरा होने की उम्मीद) |
डेटा समस्या | 2011 के पुराने SECC डेटा पर आधारित |
समिति की सिफारिश | कुल लक्ष्य 3.46 करोड़ तक बढ़ाया जाए |