ग्रामीण पुनरुत्थान की नई शुरुआत
भारत की ग्रामीण आवास क्रांति को नया संबल मिला है। वर्ष 2016 में शुरू हुई प्रमुख योजना प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (PMAY-G) को मार्च 2029 तक बढ़ा दिया गया है। इस योजना का लक्ष्य महत्वाकांक्षी है—2 करोड़ नए मकान, उन परिवारों के लिए जो आज भी कच्चे या असुरक्षित घरों में रह रहे हैं। यह केवल निर्माण नहीं, बल्कि गरिमा, सुरक्षा और एक बेहतर जीवन की ओर कदम है।
जनवरी 2025 के लिए विशाल लक्ष्य
इस नए चरण की शुरुआत सरकार जनवरी 2025 में ही 10 लाख मकानों को स्वीकृति देकर करना चाहती है। यह केवल एक प्रतीकात्मक आंकड़ा नहीं है, बल्कि स्थानीय निर्माण और श्रमिक बाजारों को सक्रिय करने और मानसून से पहले निर्माण की गति तेज करने की रणनीति है।
पीएमएवाई-जी क्यों है सबसे अलग
PMAY-G पिछली आवास योजनाओं से बिल्कुल अलग है। इसमें लाभार्थियों को घर निर्माण की पूरी जिम्मेदारी दी जाती है। पैसा सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर होता है, वे स्थानीय सामग्री और मिस्त्री का उपयोग करते हैं, जिससे निर्माण सस्ता और निजी अनुभव बनता है। जियो–टैगिंग और रीयल टाइम निगरानी ऐप्स के कारण भ्रष्टाचार और देरी में उल्लेखनीय कमी आई है।
बजट भी अब सोच के बराबर
2024–25 में योजना के लिए ₹54,500 करोड़ का अब तक का सबसे बड़ा बजट आवंटन किया गया है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि अब ग्रामीण आवास सिर्फ एक सहायक कार्यक्रम नहीं, बल्कि राष्ट्रीय प्राथमिकता बन चुका है। सभी राज्यों को निर्देश दिया गया है कि वे लंबित फाइलें निपटाएं, पुराने निर्माण पूरे करें और नए कार्य शीघ्र आरंभ करें।
अधिक समावेशी और न्यायपूर्ण पात्रता
इस बार पात्रता को और अधिक समावेशी बनाया गया है। अब वे परिवार भी शामिल होंगे जो पहले वंचित रह गए थे—जैसे कि भूमिहीन, विधवाएँ, विकलांग जन और कच्चे मकानों में रहने वाले। साथ ही, महिलाओं के नाम पर संयुक्त स्वामित्व को प्रोत्साहित किया जा रहा है, जो जमीनी स्तर पर लैंगिक समानता को बढ़ावा देगा।
केवल ईंट-छत नहीं, सम्मान और सुरक्षा भी
बिहार की रानी देवी जैसी विधवा ने PMAY-G के अंतर्गत मिले धन से शौचालय सहित दो कमरों का घर बनाया। पहले वह लीक होती टिन की छत के नीचे रहती थीं। यह घर उन्हें केवल आश्रय नहीं, बल्कि सम्मान, स्थायित्व और सुरक्षा भी दे रहा है। ऐसे बदलाव देशभर के गांवों में दिखने लगे हैं।
सुधार की आवश्यकता वाले क्षेत्र
अपनी सफलता के बावजूद, PMAY-G में अभी भी कुछ चुनौतियाँ बनी हुई हैं। कुछ राज्यों में मंजूरी प्रक्रिया धीमी है और कुशल श्रमिकों की कमी के कारण निर्माण की गुणवत्ता असमान हो सकती है। कई बार, बुनियादी सुविधाएं जैसे बिजली, पानी, और शौचालय समय पर नहीं पहुँचते। अगले पांच वर्षों में इन समस्याओं का समाधान ज़रूरी है।
सिर्फ मकान नहीं, सम्पूर्ण ग्रामीण विकास की दिशा
सरकार अब इस योजना को जल जीवन मिशन (नल जल), स्वच्छ भारत अभियान (शौचालय), और ग्रामीण विद्युतीकरण जैसी योजनाओं से जोड़ रही है। लक्ष्य है कि सिर्फ मकान नहीं, बल्कि स्वच्छ, सुरक्षित और आत्मनिर्भर गांवों का निर्माण हो।
STATIC GK SNAPSHOT FOR COMPETITIVE EXAMS
विषय | विवरण |
योजना का नाम | प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण (PMAY-G) |
प्रारंभ वर्ष | 2016 |
विस्तार की वैधता | मार्च 2029 तक |
कुल नया लक्ष्य | 2 करोड़ मकान |
बजट आवंटन (वित्त वर्ष 2024–25) | ₹54,500 करोड़ (अब तक का सर्वाधिक) |
जनवरी 2025 माइलस्टोन | 10 लाख मकानों की स्वीकृति |
पात्र समूह | SC/ST, भूमिहीन, महिला-प्रधान परिवार, दिव्यांग |
निर्माण मॉडल | लाभार्थी-नेतृत्व वाला, जियो-टैग ट्रैकिंग के साथ |
संबंधित मंत्रालय | ग्रामीण विकास मंत्रालय |