जुलाई 27, 2025 8:47 अपराह्न

पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की कड़ी प्रतिक्रिया: CCS ने पांच सूत्रीय रणनीति की घोषणा की

करेंट अफेयर्स: पहलगाम आतंकी हमले पर भारत की जवाबी प्रतिक्रिया: सीसीएस ने पांच सूत्री रणनीति का खुलासा किया, पहलगाम आतंकी हमला 2025, सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस), सिंधु जल संधि निलंबन, सार्क वीजा छूट योजना, भारत-पाकिस्तान संबंध, अटारी-वाघा सीमा बंद

India’s Retaliatory Response to Pahalgam Terror Attack: CCS Unveils Five-Point Strategy

CCS की आपात बैठक और कड़ा जवाब

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम (जम्मूकश्मीर) के बैसरन क्षेत्र में हुए आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मृत्यु के बाद, जिसमें एक विदेशी पर्यटक भी शामिल था, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) की आपात बैठक हुई।
बैठक में रक्षा, गृह, वित्त और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ मंत्री शामिल थे।
CCS ने पाकिस्तान पर कूटनीतिक और रणनीतिक दबाव बढ़ाने के लिए एक पांच सूत्रीय कार्य योजना तैयार की, जिससे भारत की सुरक्षा नीति में एक निर्णायक मोड़ आया।

घोषित की गई प्रमुख प्रतिउपाय योजना

  1. सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) का निलंबन – 1960 में हस्ताक्षरित यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच जल वितरण का प्रमुख समझौता है।
  2. अटारीवाघा सीमा मार्ग को बंद करना – यह भारत-पाक के बीच एकमात्र स्थलीय वाणिज्यिक व यात्री मार्ग था।
  3. सार्क वीज़ा छूट योजना (SVES) से भारत की वापसी – 1992 में शुरू हुई यह योजना 24 श्रेणियों के दक्षिण एशियाई गणमान्य व्यक्तियों (MPs, पत्रकार, राजनयिक) को वीज़ा मुक्त यात्रा की सुविधा देती थी।
  4. नई दिल्ली में तैनात पाकिस्तानी सैन्य सलाहकारों को निष्कासित करना
  5. इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 करना

ऐतिहासिक और रणनीतिक संदर्भ

CCS भारत की शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा निर्णय लेने वाली समिति है, जो कारगिल युद्ध और IC 814 अपहरण जैसे संकटों के समय भी सक्रिय रही है।
सिंधु जल संधि का निलंबन भारत की जल कूटनीति में ऐतिहासिक परिवर्तन को दर्शाता है।
हालांकि जल प्रवाह को पूरी तरह से मोड़ने के लिए बुनियादी ढांचा निर्माण आवश्यक होगा, लेकिन यह निर्णय पाकिस्तान को किशनगंगा और रैटल जैसी परियोजनाओं पर पहुँच सीमित कर सकता है।

क्षेत्रीय असर: सार्क और राजनयिक संबंधों पर प्रभाव

भारत द्वारा सार्क वीज़ा योजना से बाहर निकलना न केवल क्षेत्रीय सहयोग को कमजोर करता है बल्कि पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन पर भारत की स्पष्ट असहमति को भी दर्शाता है।
सैन्य सलाहकारों का निष्कासन और राजनयिक कर्मियों में कटौती दोनों देशों के बीच राजनयिक और सांस्कृतिक संपर्कों को सीमित कर देंगे।

ज़मीन पर चल रहे सुरक्षा अभियान

इस बीच भारतीय सुरक्षा बलों ने जम्मूकश्मीर में व्यापक तलाशी अभियान शुरू किया है ताकि बैसरन हमले में शामिल 7 संदिग्ध आतंकवादियों को पकड़ा जा सके।
प्रारंभिक खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, हमलावर पाकिस्तानी नागरिक थे, जिससे घरेलू स्तर पर सख्त कार्रवाई की मांग बढ़ गई है।
सरकार ने आतंकियों को न्याय दिलाने और भविष्य के हमलों को रोकने के लिए आंतरिक सुरक्षा को और मजबूत करने का संकल्प दोहराया है।

स्थैतिक सामान्य ज्ञान झलक (STATIC GK SNAPSHOT)

विषय विवरण
हमला स्थान बैसरन, पहलगाम, जम्मू-कश्मीर
हमला तिथि 22 अप्रैल 2025
शीर्ष समिति सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCS)
प्रमुख निर्णय सिंधु जल संधि निलंबित, अटारी-वाघा सीमा बंद, सार्क वीज़ा योजना रद्द
सार्क वीज़ा योजना आरंभ 1992 – 24 प्रकार के गणमान्य व्यक्तियों के लिए
सिंधु जल संधि 1960 में हस्ताक्षरित; विश्व बैंक की मध्यस्थता
राजनयिक कार्रवाई पाक सैन्य सलाहकार निष्कासित; भारतीय मिशन में कटौती
ऐतिहासिक उदाहरण कारगिल युद्ध, IC 814 अपहरण के दौरान CCS बैठक
वर्तमान कार्रवाई आतंकियों की खोज हेतु ऑपरेशन शुरू
India’s Retaliatory Response to Pahalgam Terror Attack: CCS Unveils Five-Point Strategy
  1. सुरक्षा पर मंत्रिमंडलीय समिति (CCS) की बैठक 22 अप्रैल 2025 को हुई, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद चर्चा की गई।
  2. पहलगाम हमला जम्मू-कश्मीर के बैसारन मीडो में हुआ, जिसमें एक विदेशी नागरिक की भी मौत हुई।
  3. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आपातकालीन बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें रक्षा, गृह, वित्त विदेश मंत्रियों ने भाग लिया।
  4. CCS ने पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने के लिए पाँच सूत्रीय रणनीति की घोषणा की।
  5. पहला कदम1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि (IWT) का निलंबन था।
  6. भारत ने अटारी-वाघा सीमा को बंद कर दिया, जिससे एक प्रमुख स्थलीय मार्ग टूट गया।
  7. भारत नेSAARC वीज़ा छूट योजना (SVES) से भी वापसी की घोषणा की, जिससे 24 विशिष्ट श्रेणियाँ प्रभावित हुईं।
  8. 1992 में शुरू हुई SVES योजना सांसदों, राजनयिकों और पत्रकारों को वीज़ा-मुक्त यात्रा की अनुमति देती थी।
  9. नई दिल्ली में तैनात सभी पाकिस्तानी सैन्य सलाहकारों को निष्कासित कर दिया गया।
  10. भारत ने इस्लामाबाद स्थित अपने राजनयिक कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 करने का निर्णय लिया।
  11. CCS भारत की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा निर्णय लेने वाली संस्था है, जो संकट की स्थिति में बैठक करती है।
  12. कारगिल युद्ध और IC 814 विमान अपहरण के समय भी CCS ने महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे।
  13. IWT का निलंबन, भारत की जल कूटनीति में एक बड़ा बदलाव है, विशेष रूप से किशनगंगा और रतले परियोजनाओं के संदर्भ में।
  14. भारत को नदी प्रवाह मोड़ने के लिए बुनियादी ढांचे को उन्नत करना होगा, पर इससे प्रतीकात्मक दबाव अवश्य बना है।
  15. ये कदम पाकिस्तान प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद के विरुद्ध भारत की सख्त नीति को दर्शाते हैं।
  16. हमले के बाद भारत ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज़ कर दिया है।
  17. प्रारंभिक रिपोर्टों में बैसारन हमलावरों के पाकिस्तानी नागरिक होने की बात सामने आई है।
  18. इस हमले के बाद देश में कड़े आतंकवाद विरोधी नीति की मांग तेज़ हुई है।
  19. भारत की ये कार्रवाइयाँSAARC सहयोग और द्विपक्षीय कूटनीति को प्रभावित कर सकती हैं।
  20. CCS की रणनीति, आतंकवाद और विदेशी ठिकानों के प्रति भारत की शून्य सहनशीलता नीति का स्पष्ट संकेत है।

Q1. पहलगाम आतंकी हमला कब हुआ था?


Q2. पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने कौन-सा प्रमुख जल-साझा समझौता निलंबित किया?


Q3. SAARC वीज़ा छूट योजना के संदर्भ में भारत ने क्या कदम उठाया?


Q4. भारत और पाकिस्तान के बीच कौन-सा प्रमुख ज़मीनी मार्ग प्रतिक्रिया के रूप में बंद किया गया?


Q5. हमले के बाद भारत द्वारा उठाया गया एक कूटनीतिक कदम क्या था?


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