जुलाई 22, 2025 9:20 अपराह्न

पश्चिम बंगाल में डिजिटल गिरफ्तारी घोटाले में पहली सज़ा

समसामयिक मामले: पश्चिम बंगाल डिजिटल गिरफ्तारी घोटाला, पहली दोषसिद्धि, ₹100 करोड़ की धोखाधड़ी, I4C, समन्वय प्लेटफॉर्म, cybercrime.gov.in, संदिग्ध रजिस्ट्री, CFMC, CERT-IN दिशानिर्देश, साइबर अपराध समन्वय

West Bengal’s First Digital Arrest Scam Conviction

साइबर अपराध पर ऐतिहासिक सजा

पश्चिम बंगाल की एक अदालत ने राज्य के पहले डिजिटल अरेस्ट घोटाले में दोषियों को सजा सुनाई है, जिसमें पूरे देश से 100 से अधिक पीड़ितों से ₹100 करोड़ से अधिक की ठगी की गई थी। यह निर्णय भारत में साइबर अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
अपराधियों ने खुद को पुलिस, वकील या सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को डराया और डिजिटल माध्यमों से पैसे वसूले।

क्या होता है डिजिटल अरेस्ट घोटाला

डिजिटल अरेस्ट एक ठगी की तकनीक है, जिसमें पीड़ितों को फर्जी कॉल, ईमेल या मैसेज भेजकर उन्हें यह विश्वास दिलाया जाता है कि वे किसी अपराध (जैसे पहचान चोरी या मनी लॉन्ड्रिंग) में शामिल हैं।
फिर उन्हें गिरफ्तारी के डर से सुरक्षा राशि या क्लियरेंस फीस के रूप में पैसा भेजने के लिए मजबूर किया जाता है।

मनोवैज्ञानिक दबाव का इस्तेमाल

इस घोटाले में अपराधी डर और भ्रम का इस्तेमाल करते हैं। पीड़ित को लगातार मानसिक दबाव में रखकर वे सत्यापन करने का समय नहीं देते। डर और शर्मिंदगी के कारण पीड़ित अक्सर अपने परिवार या मित्रों से सलाह नहीं लेते।

Static GK Fact: 2020 के बाद से डिजिटल अपनाने में तेजी आने के साथ भारत में सरकारी अधिकारी बनकर की जाने वाली साइबर ठगी में तेजी देखी गई है।

राज्य और केंद्र की संयुक्त भूमिका

भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार, पुलिसऔरसार्वजनिक व्यवस्था राज्य विषय हैं। फिर भी, साइबर अपराधों की अंतरराज्यीय प्रकृति को देखते हुए केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को प्रशिक्षण, फंडिंग और तकनीकी समर्थन देती है।

स्थापित संस्थागत तंत्र

  • I4C (Indian Cyber Crime Coordination Centre): केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 2020 में स्थापित मुख्य नोडल एजेंसी, जो पुलिस, बैंक, टेलीकॉम और अन्य हितधारकों को जोड़ती है।
  • CFMC (Cyber Fraud Mitigation Centre): I4C के अंतर्गत कार्य करता है और वित्तीय और सुरक्षा एजेंसियों के बीच रीयल टाइम समन्वय सुनिश्चित करता है।
    Static GK Tip: I4C को डिजिटल इंडिया मिशन के तहत लॉन्च किया गया था।

डिजिटल सुरक्षा उपकरण

भारत सरकार ने नागरिकों की साइबर सुरक्षा के लिए कई डिजिटल टूल विकसित किए हैं:

  • Samanvaya Platform: अंतर-राज्यीय साइबर अपराध के पैटर्न पर नजर रखता है
  • Suspect Registry: बैंक और डिजिटल सेवाओं में संदिग्धों की सूची
  • Report and Check Suspect: gov.in पर नागरिकों के लिए रिपोर्टिंग टूल

CERT-IN के दिशानिर्देश:

  • कभी घबराएं नहीं
  • कॉल करने वाले की पहचान सत्यापित करें
  • व्यक्तिगत जानकारी या डिवाइस एक्सेस साझा न करें
  • बिना कानूनी पुष्टि के पैसे न भेजें

आगे की राह

पश्चिम बंगाल की यह कार्रवाई सशक्त समन्वय और डिजिटल निगरानी का सकारात्मक परिणाम है। लेकिन जनजागरूकता और शीघ्र रिपोर्टिंग ही भविष्य में इस तरह के घोटालों को रोकने की सबसे अहम कुंजी रहेगी।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
सजा का स्थान पश्चिम बंगाल
घोटाले की राशि ₹100 करोड़ से अधिक
पीड़ितों की संख्या 100 से अधिक लोग
ठगी की विधि अधिकारी बनकर धमकी, पैसों की मांग
साइबर अपराध नोडल एजेंसी I4C (Indian Cyber Crime Coordination Centre)
राज्य बनाम केंद्र भूमिका पुलिस राज्य का विषय; केंद्र सहयोग करता है
नागरिक सहायता पोर्टल cybercrime.gov.in पर “Report and Check Suspect”
समन्वय उपकरण CFMC, Samanvaya Platform, Suspect Registry
CERT-IN सलाह घबराएं नहीं, पहचान सत्यापित करें, जानकारी न साझा करें
I4C की स्थापना 2020
West Bengal’s First Digital Arrest Scam Conviction
  1. पश्चिम बंगाल को ₹100 करोड़ के डिजिटल गिरफ्तारी घोटाले में पहली सज़ा मिली।
  2. आरोपियों ने डर दिखाकर पैसे ऐंठने के लिए अधिकारियों का भेष धारण किया।
  3. पूरे भारत में 100 से ज़्यादा पीड़ितों को निशाना बनाया गया।
  4. घोटाला मनोवैज्ञानिक हेरफेर और दहशत पर आधारित है।
  5. भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) साइबर मामलों को संभालता है।
  6. I4C को डिजिटल इंडिया मिशन के तहत 2020 में लॉन्च किया गया।
  7. नागरिकgov.in पोर्टल के ज़रिए रिपोर्ट कर सकते हैं।
  8. समन्वय प्लेटफ़ॉर्म और संदिग्ध रजिस्ट्री का उपयोग करता है।
  9. पीड़ितों को नकली कानूनी जमा राशि का भुगतान करने के लिए मजबूर किया गया।
  10. मामले ने अंतर-राज्यीय साइबर अपराध समन्वय की सफलता को दर्शाया।
  11. CERT-IN ने जनता के लिए साइबर सुरक्षा सलाह जारी की।
  12. संविधान के अनुसार पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था राज्य के विषय हैं।
  13. केंद्र प्रशिक्षण, उपकरण और धन के माध्यम से राज्यों का समर्थन करता है।
  14. I4C के अंतर्गत CFMC वास्तविक समय में घोटाले को रोकने में सक्षम बनाता है।
  15. दोषसिद्धि बढ़ती साइबर कानून प्रवर्तन क्षमता को दर्शाती है।
  16. घोटाले ने सरकारी प्रतिरूपण धोखाधड़ी के खतरों को उजागर किया।
  17. कोविड के बाद डिजिटल धोखाधड़ी पर कार्रवाई का एक हिस्सा।
  18. CERT-IN जनता से पहचान सत्यापित करने और कभी भी घबराने का आग्रह करता है।
  19. मामले में न्याय के लिए बहु-एजेंसी सहयोग का उपयोग किया गया।
  20. साइबर स्वच्छता और रिपोर्टिंग के महत्व पर जोर दिया गया।

Q1. किस प्रकार की ठगी से पश्चिम बंगाल में पहली साइबर अपराध सजा हुई?


Q2. इस मामले में कितनी धनराशि की ठगी हुई थी?


Q3. भारत में साइबर अपराध का केंद्रीय नोडल एजेंसी कौन है?


Q4. नागरिक साइबर अपराध कहां रिपोर्ट कर सकते हैं?


Q5. 'पुलिस' संविधान की किस सूची में आती है?


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