वर्षा वनों से मिली नई खोज
भारत के पश्चिमी घाट में Lyriothemis abrahami नामक एक नई ड्रैगनफ्लाई प्रजाति की आधिकारिक रूप से पहचान की गई है। यह क्षेत्र विश्व प्रसिद्ध जैव विविधता हॉटस्पॉट है। इस प्रजाति को पहले Lyriothemis flava समझा गया था, क्योंकि दोनों की बाहरी रचना काफी मिलती-जुलती है।
शोध और वैज्ञानिक विश्लेषण
यह खोज Travancore Nature History Society और साझेदार संस्थाओं द्वारा किए गए क्षेत्रीय अनुसंधान पर आधारित है। वैज्ञानिकों ने लार्वा पालन प्रयोग, विस्तृत विच्छेदन, और वयस्क संरचना विश्लेषण का प्रयोग किया। नतीजे Entomon जर्नल के जून 2025 अंक में प्रकाशित हुए।
Static GK fact: पश्चिमी घाट को UNESCO विश्व धरोहर स्थल का दर्जा प्राप्त है और यह अनेक स्थानिक पौधों और जीवों का घर है।
सम्मानस्वरूप नामकरण
इस प्रजाति का नाम Abraham Samuel के सम्मान में रखा गया, जो केरल के एक प्रसिद्ध ओडोनैटोलॉजिस्ट (ड्रैगनफ्लाई विशेषज्ञ) हैं। यह नाम उनकी भारत में कीट अध्ययन में दी गई सेवाओं की सराहना करता है।
अनोखी प्रजनन आदतें
Lyriothemis abrahami पेड़ों के खोखलों में इकट्ठे हुए पानी (phytotelmata) में प्रजनन करता है। ये छोटे जल निकाय वनों के सूक्ष्म आवास के रूप में बेहद महत्त्वपूर्ण हैं।
Static GK fact: phytotelmata वर्षावनों की सूक्ष्म पारिस्थितिक प्रणाली का आधार होते हैं और कई कीट प्रजातियों के लिए ज़रूरी होते हैं।
सीमित लेकिन स्थानिक
यह प्रजाति केवल पश्चिमी घाट के दक्षिण और मध्य हिस्सों में पाई जाती है, विशेषकर निचले वर्षावनों, सदाबहार वनों और पतझड़ी वनों में, जो 50 से 1100 मीटर ऊंचाई के बीच हैं।
हालांकि इसकी पारिस्थितिक सीमा व्यापक है, यह बेहद दुर्लभ और स्थान–विशिष्ट है।
पूर्व संग्रह का पुनरीक्षण
शोधकर्ताओं ने 2013 से पुरानी संग्रहीत नमूनों की दोबारा जांच की और पाया कि जिन्हें पहले Lyriothemis flava समझा गया था, वे वास्तव में Lyriothemis abrahami थे। इससे यह स्पष्ट हुआ कि यह प्रजाति दशकों से गलत पहचानी जा रही थी।
केरल के लिए जैव विविधता में वृद्धि
इस खोज के साथ, केरल की ड्रैगनफ्लाई (odonate) प्रजातियों की संख्या 191 हो गई है, जिनमें से 78 प्रजातियां स्थानिक हैं। यह खोज भारत को जैव विविधता के मामले में और मज़बूत बनाती है।
Static GK Tip: भारत में 500 से अधिक ड्रैगनफ्लाई और डैमसेलफ्लाई प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से कई सिर्फ पश्चिमी घाट और पूर्वोत्तर भारत के वनों में मिलती हैं।
संरक्षण की ज़रूरत
यह प्रजाति वनों के सूक्ष्म आवासों जैसे कि पेड़ों के खोखलों में जल पर निर्भर है। छत्रपटल (canopy) और पुराने वृक्षों के क्षरण से इन प्रजनन स्थलों को खतरा है। वैज्ञानिकों ने इन सूक्ष्म आवासों की संरक्षण की अपील की है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
प्रजाति का नाम | Lyriothemis abrahami |
खोज स्थान | पश्चिमी घाट |
प्रकाशन | Entomon जर्नल, जून 2025 |
अग्रणी संस्था | Travancore Nature History Society |
नाम किसके नाम पर | Abraham Samuel, ओडोनैटोलॉजिस्ट |
विशेषता | नर–मादा में भिन्नता, विशेष hamules |
आवास | 50–1100 मीटर की ऊंचाई वाले वन |
प्रजनन स्थल | phytotelmata (पेड़ों के खोखले जल-पूल) |
केरल की odonate संख्या | 191 प्रजातियां (78 स्थानिक) |
जैव विविधता क्षेत्र | पश्चिमी घाट (UNESCO स्थल) |