जुलाई 28, 2025 3:56 अपराह्न

पर्यावरणीय प्रवाह के माध्यम से नदी स्वास्थ्य की बहाली

चालू घटनाएँ: पर्यावरणीय प्रवाह (E-flow), जल शक्ति मंत्रालय, गंगा नदी, मीठे पानी की पारिस्थितिकी, पारिस्थितिक संतुलन, ई-फ्लो मानदंड, बांध नियंत्रण, जल गुणवत्ता, केंद्रीय जल आयोग, पर्यावरणीय स्थिरता

Restoring River Health through Environmental Flow

पर्यावरणीय प्रवाह की परिभाषा और महत्व

पर्यावरणीय प्रवाह (Environmental Flow) का आशय केवल नदी में पानी की मात्रा से नहीं है, बल्कि उस प्राकृतिक प्रवाह प्रणाली से है जो पारिस्थितिक तंत्र और मानवीय आजीविका को बनाए रखती है। इसमें प्रवाह की मात्रा, समय और गुणवत्ता सभी महत्वपूर्ण हैं। गंगा और उसकी सहायक नदियाँ बांध निर्माण, शहरी प्रदूषण और नदी तट अतिक्रमण जैसे मानवीय हस्तक्षेपों के कारण गंभीर पारिस्थितिक दबाव झेल रही हैं।

केंद्र सरकार की पहल

हाल ही में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने गंगा बेसिन में E-flow क्रियान्वयन की समीक्षा हेतु उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इसमें न्यूनतम फ्लो मानदंडों को लागू करने पर जोर दिया गया ताकि पारिस्थितिकीय विनाश को रोका जा सके। बैठक में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सिंचाई विभाग, और केंद्रीय जल आयोग (CWC) के बीच समन्वय को विशेष रूप से रेखांकित किया गया, जिससे शुष्क मौसम में भी नदी में न्यूनतम प्रवाह सुनिश्चित हो सके।

क्यों आवश्यक है ई-फ्लो

E-flow के बिना नदी जैव विविधता, आर्द्रभूमियाँ, और मत्स्य संसाधन प्रभावित होते हैं। इससे नदियों की प्राकृतिक स्वसफाई क्षमता घट जाती है और वे प्रदूषण के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाती हैं। ई-फ्लो कृषि चक्र, तटवर्ती मिट्टी की नमी, और आसपास के पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखने में भी सहायक होता है। यह संपूर्ण नदी पारिस्थितिकी की अखंडता के लिए आवश्यक है।

Static GK Fact: भारत में 20 से अधिक प्रमुख नदी घाटियाँ हैं, जिनमें गंगाब्रह्मपुत्र प्रणाली सबसे बड़ी है।

निगरानी और अनुपालन

नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत कार्यरत राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG), E-flow अनुपालन की प्रमुख निगरानी संस्था है। इसमें रिमोट सेंसिंग, टेलीमेट्री, और हाइड्रोलॉजिकल मॉडलिंग जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। 2018 में केंद्रीय जल आयोग ने गंगा के विभिन्न खंडों के लिए न्यूनतम प्रवाह (cumecs में) निर्धारित किए थे, जिन्हें सालभर बनाए रखना अनिवार्य है।

Static GK Tip: गंगा भारत की सबसे लंबी नदी है, जिसकी लंबाई 2,500 किमी से अधिक है और यह देश की लगभग 40% जनसंख्या को पोषण देती है।

भविष्य की दिशा

सरकार अब इस रणनीति को यमुना, कृष्णा, गोदावरी जैसी अन्य नदियों पर भी लागू करने की योजना बना रही है। साथ ही हाइड्रोपावर और सिंचाई परियोजनाओं में भी ई-फ्लो की अनिवार्यता पर ज़ोर दिया जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, वैज्ञानिक बेसिन योजना और जनभागीदारी के ज़रिए ही इस नीति से दीर्घकालिक पारिस्थितिक लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
E-flow की परिभाषा पारिस्थितिकी के लिए आवश्यक जल की मात्रा, समय, गुणवत्ता
उत्तरदायी मंत्रालय केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय
प्रमुख नदी गंगा नदी
मुख्य निगरानी संस्था केंद्रीय जल आयोग (CWC)
सहायक मिशन राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (NMCG)
ई-फ्लो मानदंड की शुरुआत वर्ष 2018
कार्यक्रम का नाम नमामि गंगे
प्रमुख पारिस्थितिक लाभ जैव विविधता संरक्षण, प्राकृतिक सफाई क्षमता
उपयोग की गई तकनीक रिमोट सेंसिंग, टेलीमेट्री, हाइड्रोलॉजिकल मॉडलिंग
भविष्य की नदियाँ यमुना, कृष्णा, गोदावरी
Restoring River Health through Environmental Flow
  1. पर्यावरणीय प्रवाह (ई-फ्लो) प्राकृतिक नदी प्रणालियों को बनाए रखने के बारे में है।
  2. ई-फ्लो नदी की जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र के कार्यों को बनाए रखता है।
  3. इस पहल के अंतर्गत गंगा नदी एक प्रमुख केंद्र बिंदु है।
  4. केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय इसके कार्यान्वयन का नेतृत्व कर रहा है।
  5. केंद्रीय जल आयोग ने 2018 में ई-फ्लो मानदंड जारी किए।
  6. राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) नमामि गंगे के तहत अनुपालन की निगरानी करता है।
  7. ई-फ्लो स्व-शुद्धिकरण और प्रदूषण नियंत्रण सुनिश्चित करता है।
  8. रिमोट सेंसिंग और टेलीमेट्री प्रवाह के स्तर की निगरानी में मदद करते हैं।
  9. व्यवधान से मत्स्य पालन, आर्द्रभूमि और मिट्टी की नमी प्रभावित होती है।
  10. गंगा भारत की 40% आबादी का भरण-पोषण करती है।
  11. जलविद्युत और सिंचाई परियोजनाओं को अब ई-फ्लो सुनिश्चित करना होगा।
  12. अगले लक्ष्यों में यमुना, कृष्णा और गोदावरी नदियाँ शामिल हैं।
  13. नदी अतिक्रमण और बांध प्रवाह पैटर्न को बाधित करते हैं।
  14. प्रवाह को बहाल करने से कृषि चक्रों को बनाए रखने में मदद मिलती है।
  15. समुदाय-नेतृत्व वाली नदी बेसिन योजना को प्रोत्साहित करता है।
  16. ई-प्रवाह वर्ष भर न्यूनतम जल उपलब्धता सुनिश्चित करता है।
  17. नदी पारिस्थितिकी तंत्र स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं।
  18. भारत में 20 से अधिक प्रमुख नदी बेसिन हैं।
  19. ई-प्रवाह जल प्रशासन सुधार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  20. भारत को पारिस्थितिक और विकासात्मक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।

Q1. पर्यावरणीय प्रवाह (E-flow) का क्या अर्थ है?


Q2. E-flow के कार्यान्वयन की निगरानी कौन-सा मंत्रालय करता है?


Q3. गंगा नदी के लिए E-flow मानदंड पहली बार कब जारी किए गए थे?


Q4. नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत E-flow अनुपालन की निगरानी कौन करता है?


Q5. भारत की सबसे लंबी नदी गंगा कितने किलोमीटर तक बहती है?


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