लुधियाना में दो जीएम मक्का किस्मों का परीक्षण
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना में दो प्रकार की जेनेटिकली मॉडिफाइड (GM) मक्का किस्मों का फील्ड ट्रायल चालू है, जो खरीफ 2025 सीज़न के दौरान शुरू हुआ। ये किस्में दो प्रमुख गुणों से युक्त हैं – एक ग्लायफोसेट जैसे खरपतवार नाशक के प्रति सहनशील (HT) और दूसरा कीटरोधी (BT), जो विशेषकर लेपिडॉप्टेरन कीटों से सुरक्षा प्रदान करता है।
बायर कंपनी द्वारा विकसित, BRL-I और BRL-II चरण में परीक्षण
इन जीएम मक्का किस्मों को वैश्विक कृषि रसायन कंपनी बायर (Bayer) ने विकसित किया है। यह परीक्षण बायोसेफ्टी रिसर्च लेवल I और II (BRL-I और BRL-II) चरणों के अंतर्गत आते हैं, जिनका उद्देश्य खेतों में ग्लायफोसेट-K नमक की प्रभावशीलता और BT मक्का की कीट नियंत्रण क्षमता को परखना है।
GEAC से मिली मंज़ूरी, पंजाब सरकार की सहमति के बाद
GEAC (Genetic Engineering Appraisal Committee) ने जुलाई 2025 में इन परीक्षणों के लिए मंजूरी दी। इसके लिए पंजाब सरकार की लिखित सहमति अनिवार्य थी। GEAC भारत में जीएम फसलों को नियंत्रित करने वाली शीर्ष संस्था है और यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC) के अधीन कार्य करती है।
Static GK fact: GEAC की स्थापना पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत की गई थी और यह देश में जीएमओ के बड़े पैमाने पर उपयोग के लिए अनुमोदन देती है।
ग्लायफोसेट विवाद और सीमित उपयोग की अनुमति
ग्लायफोसेट, जो HT मक्का पर प्रयोग होने वाला रसायन है, 2018 में पंजाब सरकार द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था, क्योंकि इसे जनस्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए जोखिम भरा माना गया था। वर्तमान परीक्षण सीमित वैज्ञानिक निगरानी में किया जा रहा है।
Static GK Tip: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार ग्लायफोसेट को “संभावित मानव कैंसरकारक” के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
भारत के कृषि क्षेत्र के लिए निर्णायक क्षण
यदि ये परीक्षण सफल रहते हैं, तो भारत में पहली बार जीएम मक्का का वाणिज्यिक स्तर पर उत्पादन संभव हो सकता है। समर्थक इसे कीटनाशकों की खपत में कमी और उत्पादकता में वृद्धि के रूप में देखते हैं, जबकि आलोचक जैव सुरक्षा और पारिस्थितिकी तंत्र पर खतरे की चेतावनी देते हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
परीक्षण स्थान | पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना |
GM मक्का के गुण | खरपतवार सहनशीलता और कीट प्रतिरोध |
डेवलपर | बायर (Bayer) |
प्रयोग में रसायन | ग्लायफोसेट-K नमक |
लक्षित कीट | लेपिडॉप्टेरन कीट |
GEAC मंजूरी | पंजाब सरकार की सहमति के बाद मिली |
नियामक निकाय | GEAC (MoEF&CC के अंतर्गत) |
ग्लायफोसेट प्रतिबंध वर्ष | 2018 |
कानूनी आधार | पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 |
परीक्षण चरण | BRL-I और BRL-II |