न्यायपालिका के शीर्ष पर ऐतिहासिक नियुक्ति
30 अप्रैल 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आधिकारिक घोषणा के बाद, न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति ऐतिहासिक होने के साथ-साथ प्रतीकात्मक भी है, क्योंकि वे अनुसूचित जाति समुदाय से आने वाले केवल दूसरे मुख्य न्यायाधीश होंगे — पहले थे न्यायमूर्ति के.जी. बालकृष्णन। उनका शपथग्रहण समारोह 14 मई 2025 को होगा, और वे 23 नवंबर 2025 तक सेवा देंगे, जब वे 65 वर्ष की सेवानिवृत्ति आयु प्राप्त करेंगे।
न्यायिक यात्रा और प्रमुख फैसले
न्यायमूर्ति गवई ने 1985 में वकालत शुरू की और 2003 में बॉम्बे हाई कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त हुए। 2019 में वे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बनाए गए। उनके कार्यकाल के दौरान कई ऐतिहासिक फैसलों में उनकी भूमिका रही:
- अनुच्छेद 370 को निरस्त करने वाले संविधान पीठ के फैसले में वे शामिल थे।
- चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक ठहराने वाले फैसले में भी उनकी राय शामिल थी।
- 2016 विमुद्रीकरण फैसले में उन्होंने बहुमत का समर्थन किया।
- उन्होंने SC आरक्षण में उपवर्गीकरण की अनुमति देने वाले फैसले में योगदान दिया।
- उन्होंने यह भी कहा कि किसी संपत्ति को ध्वस्त करने से पहले शो–कॉज़ नोटिस और 15 दिन का समय अनिवार्य होना चाहिए — यह न्यायिक प्रक्रिया अधिकारों की रक्षा में अहम था।
सामाजिक प्रतिनिधित्व में नई मिसाल
उनकी नियुक्ति को भारत की न्यायपालिका में सामाजिक समावेशन के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है। अनुसूचित जातियों जैसे कम प्रतिनिधित्व वाले वर्गों से सर्वोच्च न्यायिक पद तक पहुँचना एक प्रेरणादायक संकेत है। भले ही उनका कार्यकाल छोटा हो, लेकिन यह प्रतिनिधित्व और योग्यता की नई परिभाषा का संकेत देता है।
भविष्य की जिम्मेदारियाँ और चुनौतियाँ
मुख्य न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति गवई की भूमिका में शामिल होंगे:
- संवैधानिक पीठों की अध्यक्षता
- न्यायिक नियुक्तियों का मार्गदर्शन
- न्यायिक सुधारों का संचालन
चुनाव पारदर्शिता, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक न्याय जैसे क्षेत्रों में नए कानूनी प्रश्नों के समाधान में उनका नेतृत्व निर्णायक रहेगा।
Static GK Snapshot
श्रेणी | जानकारी |
नियुक्ति के रूप में | भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश |
शपथग्रहण तिथि | 14 मई 2025 |
नियुक्ति करने वाली संस्था | राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू |
सेवानिवृत्ति तिथि | 23 नवंबर 2025 |
पूर्व CJI | न्यायमूर्ति संजीव खन्ना |
अनुसूचित जाति प्रतिनिधित्व | SC समुदाय से दूसरे मुख्य न्यायाधीश |
प्रमुख फैसले | अनुच्छेद 370, चुनावी बॉन्ड, विमुद्रीकरण |
ऐतिहासिक निर्णय | ध्वस्तीकरण से पहले शो-कॉज़ नोटिस और 15 दिन का अवसर अनिवार्य |
बार में प्रवेश | 16 मार्च 1985 |
सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति | 24 मई 2019 |