ओलंपिक विजेता भारतीय सेना की सम्मानित पंक्तियों में शामिल
भारत के प्रसिद्ध भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा को टेरिटोरियल आर्मी में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की उपाधि से सम्मानित किया गया है। यह घोषणा 13 मई 2025 को रक्षा मंत्रालय द्वारा की गई, जो नीरज के खेल के माध्यम से देश को गौरवान्वित करने की सराहना के रूप में आया। यह सम्मान उन्हें उन चुने हुए नागरिकों की सूची में शामिल करता है जिन्हें सेना द्वारा राष्ट्रीय प्रेरणा स्रोत के रूप में मान्यता दी गई है।
गांव के खिलाड़ी से राष्ट्रीय गौरव तक की यात्रा
हरियाणा के पानीपत जिले के खांद्रा गाँव से आने वाले नीरज चोपड़ा ने टोक्यो 2020 में स्वर्ण, पेरिस 2024 में रजत, और बुडापेस्ट 2023 में विश्व चैंपियनशिप जीतकर खुद को एक खेल आइकन के रूप में स्थापित किया। पहले से ही वह भारतीय सेना में सूबेदार मेजर के पद पर कार्यरत थे। यह मानद उपाधि उनके सेना से लंबे जुड़ाव और अनुशासन को और भी मजबूती देती है।
उपाधि का महत्व क्या है?
टेरिटोरियल आर्मी, जो 1949 में गठित की गई थी, एक स्वैच्छिक रिजर्व बल है जो जरूरत पड़ने पर भारतीय सेना की सहायता करता है। टेरिटोरियल आर्मी रेगुलेशन, 1948 की धारा 31 के तहत यह उपाधि उन व्यक्तियों को दी जाती है जिन्होंने समाज में असाधारण योगदान दिया हो। यह प्रतीकात्मक सैन्य पद उन्हें औपचारिक समारोहों में भाग लेने की अनुमति देता है और नागरिक–सैन्य एकता को दर्शाता है। अब नीरज, महेंद्र सिंह धोनी (2011) जैसे चुनिंदा खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो गए हैं जिन्हें यह गौरव मिला है।
अगली पीढ़ी के लिए देशभक्ति का प्रतीक
नीरज को यह उपाधि देना इस बात को रेखांकित करता है कि खेल में उत्कृष्टता भी राष्ट्र सेवा का एक रूप है। यह सम्मान युवाओं के लिए एक प्रेरणा है कि वे केवल पदक जीतने तक सीमित न रहें, बल्कि अनुशासन, समर्पण और देशभक्ति जैसे मूल्यों को भी अपनाएं। एक खिलाड़ी और मानद सैनिक के रूप में उनकी दोहरी पहचान खेल और सेवा के बीच एक सशक्त सेतु बनाती है।
STATIC GK SNAPSHOT
विषय | विवरण |
मानद पद | लेफ्टिनेंट कर्नल – टेरिटोरियल आर्मी |
सम्मान प्राप्तकर्ता | नीरज चोपड़ा |
घोषणा करने वाला | भारत सरकार का रक्षा मंत्रालय |
प्रभावी तिथि | 16 अप्रैल 2025 |
वैधानिक आधार | टेरिटोरियल आर्मी नियम, 1948 की धारा 31 |
टेरिटोरियल आर्मी की स्थापना | 9 अक्टूबर 1949 |
प्रमुख खेल उपलब्धियाँ | टोक्यो 2020 गोल्ड, पेरिस 2024 सिल्वर, 2023 विश्व चैंपियन |
सेना में पिछला पद | सूबेदार मेजर |
पूर्व समान सम्मान प्राप्त | एम.एस. धोनी – 2011 |
महत्व | नागरिक-सैन्य एकता, युवा प्रेरणा, राष्ट्रीय गौरव |