प्रवाहकीयता की द्वैधता को तोड़ता हुआ खोज
जब हम किसी धातु की विद्युत चालकता की बात करते हैं, तो हम दो मुख्य अवस्थाओं की कल्पना करते हैं—सामान्य धातु, जहाँ ठंडा करने पर प्रतिरोध घटता है, और सुपरकंडक्टर, जहाँ प्रतिरोध पूरी तरह गायब हो जाता है। लेकिन 2025 में वैज्ञानिकों ने नियोबियम डिसेलेनाइड (NbSe₂) में एक तीसरी, अनोखी अवस्था देखी—बोस मेटल, जो इस पारंपरिक सोच को चुनौती देती है। इस अवस्था में पदार्थ न तो पूरी तरह सुपरकंडक्टर बनता है और न ही सामान्य धातु जैसा बर्ताव करता है।
कूपर जोड़ी लेकिन बिना सुपरकंडक्टिविटी
सुपरकंडक्टर कूपर जोड़ी पर निर्भर करते हैं—दो इलेक्ट्रॉन की जोड़ी जो बिना प्रतिरोध के गति करती है। ये जोड़ियाँ बोसॉन्स की तरह होती हैं, जो एक ही क्वांटम अवस्था में रह सकती हैं। लेकिन बोस मेटल में, ये जोड़ियाँ बनती तो हैं, लेकिन एकीकृत प्रवाह में परिवर्तित नहीं होतीं। नतीजा: कम प्रतिरोध तो होता है, पर पूर्ण शून्य प्रतिरोध नहीं होता।
NbSe₂ को क्या बनाता है विशेष?
नियोबियम डिसेलेनाइड पहले से ही एक टाइप-II सुपरकंडक्टर के रूप में जाना जाता है। इसका मतलब है कि यह चुंबकीय क्षेत्रों को पूरी तरह बाहर नहीं निकालता, बल्कि उन्हें छोटे भंवरों के रूप में अंदर प्रवेश करने देता है। हाल की खोज में जब इसे ठंडा करते हुए उस पर चुंबकीय क्षेत्र बढ़ाया गया, तो यह पूरी तरह से सुपरकंडक्टिव नहीं हुआ, बल्कि मिश्रित अवस्था में चला गया। यहीं पर बोस मेटल की विशेषता सामने आई।
खोज का वैज्ञानिक महत्व
यह खोज केवल एक प्रयोगशाला की जिज्ञासा नहीं है। यह बताती है कि कूपर जोड़ियाँ सिर्फ सुपरकंडक्टिविटी तक सीमित नहीं हैं। बोस मेटल का अस्तित्व दर्शाता है कि क्वांटम उतार-चढ़ाव पूरी सुपरकंडक्टिव अवस्था को रोक सकते हैं। यह खोज भविष्य की क्वांटम कंप्यूटिंग और नियंत्रित इलेक्ट्रॉनिक अवस्थाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकती है। हालाँकि अभी इसका व्यावहारिक उपयोग नहीं हुआ है, लेकिन यह नई सामग्री डिजाइन में मदद कर सकता है।
STATIC GK SNAPSHOT
विषय | विवरण |
अध्ययन की सामग्री | नियोबियम डिसेलेनाइड (NbSe₂) |
विशिष्ट अवस्था | बोस मेटल – असामान्य धात्विक अवस्था |
मूल प्रक्रिया | कूपर जोड़ियाँ, लेकिन संक्षेपण नहीं |
सुपरकंडक्टिविटी प्रकार | टाइप-II – चुंबकीय भंवरों की अनुमति |
सुपरकंडक्टिविटी की खोज | 1911 में हाइके कैमरलिंग ओन्नेस द्वारा |
संबंधित सिद्धांत | BCS सिद्धांत – आधुनिक सुपरकंडक्टिविटी का आधार |
खोज वर्ष | 2025 में बोस मेटल प्रमाण |
उपयोग क्षेत्र | क्वांटम सामग्री, भविष्य की इलेक्ट्रॉनिक्स, सैद्धांतिक भौतिकी |