जुलाई 31, 2025 4:25 अपराह्न

नारियल तेल की कीमतों में उछाल वैश्विक आपूर्ति संकट को दर्शाता है

चालू घटनाएँ: नारियल तेल कीमतें, वैश्विक आपूर्ति संकट, एल नीनो सूखा, खाद्य तेल महंगाई, इंडोनेशिया निर्यात प्रतिबंध, फिलीपींस बायोडीज़ल नीति, केरल खुदरा मूल्य, पाम ऑयल कीमतें, भारत खाद्य तेल बाजार, बायोडीज़ल मिश्रण अनिवार्यता

Coconut Oil Price Surge Highlights Global Supply Woes

भारत में सबसे महंगा खाद्य तेल बना नारियल तेल

वर्ष 2025 में नारियल तेल की कीमतों में तेज़ बढ़ोतरी देखी गई है, खासकर केरल में खुदरा मूल्य ₹460/किग्रा तक पहुंच चुका है, जो परंपरागत रूप से महंगा माने जाने वाले तिल के तेल से भी अधिक है। हालांकि जून 2025 में खुदरा खाद्य मुद्रास्फीति -1.06% तक गिर गई है, लेकिन वनस्पति तेलों की कीमतें अब भी आम उपभोक्ताओं के लिए चिंता का विषय बनी हुई हैं।

एल नीनो के कारण वैश्विक आपूर्ति पर असर

इस मूल्यवृद्धि का प्रमुख कारण फिलीपींस और इंडोनेशिया जैसे प्रमुख निर्यातकों में एल नीनो से उत्पन्न सूखा है, जो जुलाई 2023 से जून 2024 तक रहा। इससे नारियल के फूल आने और फल देने की प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।
स्थैतिक जीके तथ्य: एल नीनो एक जलवायु परिघटना है जो प्रशांत महासागर के तापमान में असामान्य वृद्धि लाकर वैश्विक मानसून और फसल उत्पादन को प्रभावित करती है।

घरेलू उत्पादन नहीं कर पा रहा मांग की पूर्ति

भारत में नारियल तेल का वार्षिक उत्पादन लगभग 5.7 लाख टन है, जिसमें से केवल 3.9 लाख टन ही खाद्य प्रयोजन के लिए प्रयोग होता है। शेष तेल सौंदर्य प्रसाधन और औद्योगिक उपयोग में चला जाता है। इसके उलट पाम, सोयाबीन और सूरजमुखी तेल जैसे आयातित तेलों का बाजार हिस्सेदारी 72% है।

केरल अब शीर्ष उत्पादक नहीं रहा

केरल, जो कभी भारत में नारियल का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य था, अब तमिलनाडु और कर्नाटक से पीछे है। यहां प्रति व्यक्ति वार्षिक खपत केवल 2 लीटर है, जबकि पाम तेल की खपत 4 लीटर है। यह बदलाव बढ़ती कीमतों और बदलते उपभोग व्यवहार के कारण है।
स्थैतिक जीके तथ्य: नारियल विकास बोर्ड, कृषि मंत्रालय के अधीन, भारत में नारियल की खेती और प्रसंस्करण को बढ़ावा देता है।

वैश्विक नीतियों से संकट और गहराया

इंडोनेशिया कच्चे नारियल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है। वहीं फिलीपींस ने नारियल तेल को डीज़ल के साथ मिलाकर बायोडीज़ल बनाने को अनिवार्य कर दिया है। इससे वैश्विक निर्यात आपूर्ति घट गई है।
स्थैतिक जीके टिप: फिलीपींस नारियल उत्पादन में दुनिया में इंडोनेशिया के बाद दूसरे स्थान पर है।

दीर्घकालीन संकट: उत्पादन नहीं बढ़ सकता तुरंत

नारियल के पेड़ों को 3–5 वर्ष में फल देने की क्षमता आती है। इस वजह से आपूर्ति में सुधार तत्काल संभव नहीं है। इसके चलते मध्यम अवधि का संकट बना रहेगा। खुदरा बाज़ार में लोग तेल जमा करने लगे हैं, जिससे कीमतों पर और दबाव पड़ रहा है।

उपभोक्ताओं पर असर और बाज़ार की दिशा

भारत के खाद्य तेल बाजार में नारियल तेल की हिस्सेदारी कम है, इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर असर सीमित है। लेकिन केरल और तटीय तमिलनाडु जैसे क्षेत्रों में प्रभाव अधिक है। यह स्थिति सस्ते आयातित तेलों की ओर झुकाव को तेज़ कर सकती है और तेल आयात पर निर्भरता को और मज़बूत कर सकती है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
केरल में खुदरा नारियल तेल कीमत ₹460/किग्रा (जुलाई 2025)
भारत की खुदरा खाद्य मुद्रास्फीति -1.06% (जून 2025)
भारत में नारियल तेल की खाद्य उपयोग मात्रा 3.9 लाख टन
नारियल के पेड़ की फलने की अवधि 3–5 वर्ष
एल नीनो सूखा अवधि जुलाई 2023 – जून 2024
प्रमुख वैश्विक उत्पादक इंडोनेशिया, फिलीपींस
केरल में प्रति व्यक्ति खपत 2 लीटर/वर्ष
पाम तेल का बाजार हिस्सा अत्यधिक; सस्ता और अधिक उपयोग
फिलीपींस नीति नारियल तेल से बायोडीज़ल अनिवार्य
भारत में संबंधित एजेंसी नारियल विकास बोर्ड (कृषि मंत्रालय)
Coconut Oil Price Surge Highlights Global Supply Woes
  1. केरल में नारियल तेल का खुदरा मूल्य जुलाई 2025 में ₹460/किग्रा तक पहुँच गया।
  2. यह तिल के तेल को पीछे छोड़कर भारत का सबसे महंगा खाद्य तेल बन गया।
  3. कीमतों में यह उछाल इंडोनेशिया और फिलीपींस में अल नीनो के कारण पड़े सूखे के कारण हुआ।
  4. भारत में खाद्य मुद्रास्फीति घटकर -1.06% रह गई, लेकिन खाद्य तेल महंगे रहे।
  5. फिलीपींस ने नारियल तेल में बायोडीजल मिलाना अनिवार्य कर दिया।
  6. इंडोनेशिया कच्चे नारियल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहा है।
  7. भारत का वार्षिक नारियल तेल उत्पादन7 लाख टन है, लेकिन खाना पकाने में केवल 3.9 लाख टन का ही उपयोग होता है।
  8. ताड़, सोयाबीन और सूरजमुखी के तेल 72% हिस्सेदारी के साथ भारत के तेल बाजार पर हावी हैं।
  9. केरल में नारियल तेल का उपयोग 2 लीटर/व्यक्ति/वर्ष है जबकि ताड़ के तेल का उपयोग 4 लीटर प्रति व्यक्ति/वर्ष है।
  10. तमिलनाडु और कर्नाटक अब नारियल उत्पादन में अग्रणी हैं।
  11. लंबी अवधि (3-5 वर्ष) के कारण नारियल तेल की कमी एक मध्यम अवधि की समस्या है।
  12. खरीदार कीमतों में और बढ़ोतरी की उम्मीद में तेल का भंडारण कर रहे हैं।
  13. भारत सस्ते आयातित तेलों की ओर रुख कर सकता है, जिससे निर्भरता बढ़ सकती है।
  14. नारियल विकास बोर्ड खेती और प्रसंस्करण को बढ़ावा दे रहा है।
  15. भारत का घरेलू उत्पादन खाद्य तेल की माँग को पूरा नहीं कर सकता।
  16. केरल के घरों पर सबसे ज़्यादा क़ीमतों का बोझ है।
  17. तेल की बढ़ती क़ीमतें पोषण और भोजन की पहुँच को प्रभावित कर सकती हैं।
  18. अल नीनो और नीतिगत बदलावों के बाद वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएँ दबाव में हैं।
  19. तेल मुद्रास्फीति खाद्य मुद्रास्फीति के रुझान को पुनर्जीवित कर सकती है।
  20. नारियल तेल संकट तेल स्रोतों में विविधीकरण की आवश्यकता का संकेत देता है।

Q1. जुलाई 2025 में केरल में नारियल तेल की खुदरा कीमत क्या थी?


Q2. कौन-से देश एल नीनो के कारण पड़े सूखे से प्रभावित हुए जिससे नारियल की आपूर्ति घट गई?


Q3. भारत का कौन-सा राज्य कभी शीर्ष नारियल उत्पादक था लेकिन अब नीचे आ गया है?


Q4. भारत में नारियल की खेती को बढ़ावा देने वाली एजेंसी कौन सी है?


Q5. नारियल के पेड़ों का सामान्य परिपक्वता काल (ग्रेस्टेशन पीरियड) कितना होता है?


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