चार दशकों की ग्रामीण प्रगति का उत्सव
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (NABARD) ने 12 जुलाई 2025 को अपना 44वां स्थापना दिवस मनाया, जिसमें ग्रामीण भारत के आर्थिक सशक्तिकरण में बैंक की भूमिका को रेखांकित किया गया। 1982 में स्थापित NABARD ने कृषि ऋण प्रणाली और ग्रामीण अवसंरचना को सुधारने में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाई है।
इस अवसर पर खासकर अरुणाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश में किए गए प्रभावी हस्तक्षेपों को प्रमुखता दी गई।
संस्थागत गठन और मुख्य उद्देश्य
NABARD की स्थापना B. शिवरमन समिति की सिफारिशों के आधार पर एक विशेष संसदीय अधिनियम के तहत हुई थी।
Static GK Fact: NABARD को RBI के Agricultural Credit Department से अलग कर तथा ARDC को समाहित कर भारत की शीर्ष ग्रामीण वित्त संस्था के रूप में गठित किया गया था।
इसका उद्देश्य है: ग्रामीण ऋण संस्थानों को पुनर्वित्त देना, अवसंरचना विकास को प्रोत्साहित करना, और सहकारी संस्थाओं व स्व–सहायता समूहों के माध्यम से वित्तीय पहुँच सुनिश्चित करना।
स्थापना वर्ष की प्रमुख पहलें
NABARD ने अपने 44वें वर्ष में “Roots of Change” नामक एक लघु फिल्म जारी की, साथ ही “NIDHI” जैसी नई प्रकाशन सामग्रियाँ और किसान समूहों और कारीगरों द्वारा प्रदर्शनी आयोजित की।
PACS और DCCBs को उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया गया, जिससे NABARD की जमीनी स्तर की डिजिटल और वित्तीय सुदृढ़ता पर ध्यान केंद्रित हुआ।
आंध्र प्रदेश में वित्तीय गतिविधियाँ
2024–25 में NABARD ने आंध्र प्रदेश को ₹42,842 करोड़ का ऋण और ₹31.83 करोड़ के अनुदान प्रदान किए।
Static GK Tip: आंध्र प्रदेश, NABARD निधियों के सर्वाधिक प्रभावी उपयोगकर्ता राज्यों में अग्रणी है, विशेषकर सिंचाई, भंडारण और ग्रामीण सड़कों में।
East Godavari, West Godavari और Nandyal में नए जिला विकास प्रबंधक (DDM) कार्यालय भी खोले गए, जिससे स्थानीय सहभागिता को बल मिला।
अरुणाचल प्रदेश में परिवर्तनकारी निवेश
NABARD ने ₹4,613 करोड़ की राशि से Rural Infrastructure Development Fund (RIDF) के तहत 485 अवसंरचना परियोजनाओं को वित्त पोषित किया।
इनसे ग्रामीण क्षेत्रों में बाजार, जल संसाधनों और परिवहन तक पहुंच सुधर रही है।
“Cooperatives Build a Better World” विषय पर एक सत्र का आयोजन भी हुआ जिसमें RBI, SIDBI, NCDC जैसी संस्थाओं ने भाग लिया।
भविष्य की रणनीति: समावेशन और लचीलापन
NABARD अब जलवायु–संवेदनशील कृषि, डिजिटल ग्रामीण बैंकिंग और कमजोर राज्यों में संस्थागत क्षमता को बढ़ाने पर ध्यान देगा।
केंद्र सरकार की योजनाओं से समन्वय कर NABARD पूर्वी और उत्तर–पूर्वी राज्यों में लचीले ग्रामीण अर्थतंत्र का निर्माण करना चाहता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
NABARD स्थापना | 12 जुलाई 1982, संसद के अधिनियम से |
स्थापना समिति | बी. शिवरमन समिति |
आंध्र प्रदेश ऋण (2024–25) | ₹42,842 करोड़ |
आंध्र प्रदेश अनुदान (2024–25) | ₹31.83 करोड़ |
नए DDM कार्यालय | ईस्ट गोदावरी, वेस्ट गोदावरी, नंद्याल |
अरुणाचल RIDF परियोजनाएं | 485 परियोजनाएं ₹4,613 करोड़ की |
प्रमुख दस्तावेज | “Roots of Change” डॉक्यूमेंट्री |
कार्यक्रम का विषय | Cooperatives Build a Better World |
NABARD का उद्देश्य | समावेशी कृषि और ग्रामीण विकास |
प्रमुख कार्यक्षेत्र | वित्तीय समावेशन, अवसंरचना, सहकारी संगठन, डिजिटल ऋण वितरण |