काशी में युवा सम्मेलन से नशामुक्त भारत की शुरुआत
काशी घोषणा को हाल ही में युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन में अपनाया गया, जो नशामुक्त भारत अभियान को मजबूती देने वाली एक राष्ट्रीय पहल बन गई है। यह सम्मेलन मेरा युवा (MY) भारत पहल के अंतर्गत हुआ, जो नशे की समस्या को आध्यात्मिक और संस्थागत रूप से हल करने पर बल देता है। यह नशे को केवल आपराधिक समस्या न मानकर सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक मुद्दा मानता है।
5-वर्षीय नशामुक्ति रोडमैप
काशी घोषणा भारत में पाँच वर्षों का व्यापक नशामुक्ति रोडमैप प्रस्तुत करती है। इसके तहत एक संयुक्त राष्ट्रीय समिति बनाई जाएगी जो प्रगति की निगरानी करेगी, वार्षिक रिपोर्ट तैयार करेगी और पीड़ितों को सहायता से जोड़ने के लिए एक राष्ट्रीय मंच भी विकसित किया जाएगा। इससे विभिन्न मंत्रालयों और युवाओं के बीच नीति–समन्वय को बढ़ावा मिलेगा।
आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण
घोषणा में नशामुक्त भारत को आध्यात्मिक मूल्यों, शिक्षा और सांस्कृतिक साधनों के माध्यम से जमीनी स्तर पर मजबूत करने का लक्ष्य है। युवाओं को मूल्य–आधारित कार्यक्रमों, सामुदायिक सेवा और डिजिटल आउटरीच के माध्यम से सक्रिय किया जाएगा।
Static GK fact: वाराणसी (काशी) को भारत का आध्यात्मिक केन्द्र और सबसे पुराने जीवित शहरों में एक माना जाता है।
माई भारत का नेतृत्व
MY Bharat भारत सरकार द्वारा 2023 में स्थापित एक स्वायत्त निकाय है जो युवाओं को तकनीक के माध्यम से जोड़कर राष्ट्रीय विकास से जोड़ता है। अब यह संस्था युवाओं के माध्यम से नशामुक्त आंदोलन को गति दे रही है, जिसमें लीडरशिप और सहकर्मी शिक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है।
Static GK Tip: MY Bharat का उद्देश्य 50 करोड़ से अधिक युवाओं को जोड़ना है।
कानूनी और नीतिगत समर्थन
भारत में NDPS अधिनियम 1985 और 1988 का अवैध मादक तस्करी रोकथाम अधिनियम जैसे सशक्त कानून हैं। इसके साथ ही NAPDDR (2018–2025) और नशा मुक्त भारत अभियान 2020 जैसी नीतियाँ इस आंदोलन को समर्थन देती हैं।
भारत में नशे की स्थिति और खतरे
2019 के राष्ट्रीय सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में 14.6% लोग (10–75 आयु वर्ग) वर्तमान में शराब का सेवन करते हैं। इसके बाद गांजा और ओपिओइड सबसे आम मादक पदार्थ हैं। भारत का गोल्डन क्रेसेंट (अफगानिस्तान, ईरान, पाकिस्तान) और गोल्डन ट्रायंगल (म्यांमार, लाओस, थाईलैंड) के बीच स्थित होना तस्करी की चुनौती बढ़ाता है।
नशे के मूल कारण
घोषणा ने निम्न कारणों को नशे के प्रमुख कारक बताया:
- सामाजिक कारक: सहकर्मी दबाव, पारिवारिक संघर्ष, अकेलापन
- आर्थिक कारक: गरीबी, बेरोजगारी
- मानसिक स्वास्थ्य: तनाव, अवसाद, आघात
- शैक्षणिक और कार्य दबाव
- भौगोलिक जोखिम: सीमावर्ती क्षेत्रों में मादक पदार्थों की उपलब्धता
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
काशी घोषणा | नशामुक्त भारत हेतु 2025 में अंगीकृत |
सम्मेलन स्थल | युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन, वाराणसी |
MY Bharat | 2023 में प्रारंभ, युवा विकास निकाय |
NDPS अधिनियम | 1985 में लागू, मादक पदार्थों को नियंत्रित करता है |
NAPDDR | 2018–2025, नशे की माँग को कम करने की नीति |
NMBA | 2020 में MoSJE द्वारा लॉन्च |
शराब सेवन दर | 14.6% (10–75 आयु वर्ग) |
प्रमुख मादक पदार्थ | गांजा, ओपिओइड, शराब |
उच्च जोखिम क्षेत्र | गोल्डन क्रेसेंट और ट्रायंगल से सटे इलाके |
घोषित समाधान | मानसिक स्वास्थ्य, बेरोजगारी, शिक्षा के तनाव से राहत |
निगरानी निकाय | प्रस्तावित संयुक्त राष्ट्रीय समिति |