ऐतिहासिक कर सुधार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नए आयकर विधेयक को मंज़ूरी दे दी है, जिसे बजट सत्र में संसद में पेश किया जाएगा। यह विधेयक 1961 के आयकर अधिनियम की जगह लेगा, जो पिछले छह दशकों से लागू है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह नया कानून सरल, नागरिक–हितैषी और पारदर्शी होगा, जिससे कानूनी विवादों में कमी आएगी।
सरल और स्पष्ट कर व्यवस्था
नए विधेयक का मुख्य उद्देश्य मौजूदा कर प्रणाली को सरल बनाना है। इसमें साधारण और स्पष्ट भाषा का प्रयोग किया गया है ताकि आम नागरिक भी अपनी कर ज़िम्मेदारियों को समझ सकें। वर्तमान अधिनियम की तुलना में नए विधेयक का आकार आधा होगा, जिससे कानूनी व्याख्याओं की निर्भरता कम होगी और स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा मिलेगा।
पुराना अधिनियम अब अप्रासंगिक
1961 का आयकर अधिनियम 23 अध्यायों और 298 धाराओं में विभाजित है। समय के साथ इसमें अनेक संशोधन जुड़े, जिनमें कई अब अप्रासंगिक हो चुके हैं — जैसे वेल्थ टैक्स और गिफ्ट टैक्स, जिन्हें पहले ही समाप्त किया जा चुका है। नया विधेयक इन पुराने और अप्रभावी प्रावधानों को हटाकर एक संक्षिप्त और प्रासंगिक कर कानून पेश करेगा।
आधुनिक भारत के अनुसार
1961 का कानून एक ऐसे समय में बना था जब भारत की अर्थव्यवस्था और तकनीक प्रारंभिक अवस्था में थीं। अब, जब डिजिटल फाइलिंग, पैन–आधार लिंकिंग और ऑटोमेटेड डेटा प्रोसेसिंग आम हो गई है, एक आधुनिक और डिजिटल–उन्मुख कर कानून की आवश्यकता थी। यह विधेयक उसी लक्ष्य की पूर्ति करता है।
राजस्व में कोई अतिरिक्त बोझ नहीं
यह नया विधेयक राजस्व–तटस्थ (Revenue Neutral) है, यानी इससे न तो कर की दरों में कोई बदलाव होगा और न ही करदाताओं पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। टैक्स रेट में कोई संशोधन नहीं किया गया है — यह बदलाव प्रत्येक वर्ष के बजट (Finance Act) के माध्यम से ही होंगे।
करदाताओं के लिए लाभकारी बदलाव
इस विधेयक से करदाताओं को सरल फाइलिंग प्रक्रिया, स्पष्ट दिशा–निर्देश और कम विवादों का लाभ मिलेगा। सरकार को उम्मीद है कि इससे टैक्स अनुपालन में सुधार होगा और करदाताओं तथा प्रशासन के बीच विश्वास मजबूत होगा।
स्टैटिक GK स्नैपशॉट: नया आयकर विधेयक 2025
विषय | विवरण |
मंजूरी प्रदान की | केंद्रीय मंत्रिमंडल (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में) |
वित्त मंत्री | निर्मला सीतारमण |
जिसे प्रतिस्थापित करेगा | आयकर अधिनियम, 1961 |
वर्तमान कानून की संरचना | 23 अध्याय, 298 धाराएँ |
नए विधेयक का उद्देश्य | सरल कर प्रणाली, विवादों में कमी, स्पष्टता |
राजस्व प्रभाव | राजस्व-तटस्थ (Revenue Neutral) |
कर दरों में बदलाव | नहीं, बजट के माध्यम से ही संभव |
नीति समंजन | डिजिटल अनुपालन, आधुनिक अर्थव्यवस्था, नागरिक-प्रथम दृष्टिकोण |
भारत का पहला आयकर कानून | आयकर अधिनियम, 1860 (अब निरस्त) |
वेल्थ टैक्स समाप्त | 2015 में |