पूरे देश में आदिवासी आवाजों को सशक्त बनाना
धरतीआबा जनभागीदारी अभियान केवल एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय स्तर का प्रयास है, जिसका उद्देश्य है हर आदिवासी परिवार तक अधिकारपूर्वक लाभ पहुंचाना। यह अभियान 15 जून 2025 को जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया। यह 549 से अधिक आदिवासी जिलों और एक लाख गांवों तक फैला हुआ है, जिससे यह अब तक का सबसे विस्तृत आदिवासी सशक्तिकरण अभियान बन गया है।
देश के सुदूर कोनों तक सीधी पहुंच
इस अभियान की खासियत है इसका प्रभावी ढंग से गांवों तक पहुंचने वाला ढांचा। झारखंड के घने जंगलों से लेकर पूर्वोत्तर के दुर्गम पहाड़ी इलाकों तक, सरकार गांव–स्तर पर शिविर लगाकर आधार पंजीकरण, आयुष्मान भारत कार्ड, जनधन खाते और पीएम–किसान पंजीकरण जैसी सुविधाएं घर के पास पहुंचा रही है।
अंतिम व्यक्ति तक सेवा – अंत्योदय की भावना
यह अभियान पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा प्रतिपादित ‘अंत्योदय’ के सिद्धांत पर आधारित है। जिलाधिकारियों, पंचायत प्रतिनिधियों और स्थानीय नेताओं की मदद से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि छात्रवृत्ति, जीवन बीमा, पेंशन योजनाएं जैसी सेवाएं हर पात्र आदिवासी परिवार तक पहुंचें। यह प्रधानमंत्री मोदी के ‘विकसित भारत’ के विजन को ज़मीनी स्तर पर साकार कर रहा है।
इस समय इसकी विशेषता क्यों है?
यह अभियान जनजातीय गौरव वर्ष के दौरान संचालित किया जा रहा है, जो भारत की आदिवासी विरासत को सम्मान देने का एक राष्ट्रीय उत्सव है। यह अभियान पीएम–जनमान (जनजातीय न्याय महाभियान) और डाजगुआ (धरतीआबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान) जैसी योजनाओं से जुड़ा है, जिनका उद्देश्य विशेष रूप से दुर्बल जनजातीय समूहों (PVTGs) तक सेवाएं पहुंचाना है।
समावेशी विकास का राष्ट्रव्यापी मॉडल
शिविर आधारित रणनीति के ज़रिए अधिकारी हर आदिवासी बस्ती में जाकर सरकारी सेवाओं की प्रत्यक्ष और उत्तरदायी उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं। पूर्व प्रचार अभियानों के माध्यम से समुदाय को जागरूक किया जाता है। यह एक व्यवहारिक और समन्वित मॉडल है जिसमें अनेक मंत्रालय मिलकर आदिवासी कल्याण के लिए एक साथ कार्य कर रहे हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
सारांश तत्व | विवरण |
अभियान का नाम | धरतीआबा जनभागीदारी अभियान |
शुरू होने की तारीख | 15 जून 2025 |
किसने शुरू किया | जनजातीय कार्य मंत्रालय |
कवरेज | 549 आदिवासी जिले, 207 पीवीटीजी-प्रधान जिले |
कुल पहुँच | 1 लाख से अधिक आदिवासी गांव/बस्तियां |
मुख्य जुड़ी योजनाएं | पीएम-जनमान, डाजगुआ, जनजातीय गौरव वर्ष |
दी जा रही सेवाएं | आधार, आयुष्मान भारत, जनधन, पीएम-किसान, पेंशन सेवाएं |
सेवा वितरण रणनीति | शिविर आधारित गांव-स्तरीय पहुंच |
लक्षित समूह | आदिवासी परिवार, पीवीटीजी समुदाय |
प्रशासनिक सहयोग | जिला अधिकारी, पंचायत संस्थाएं, सामुदायिक नेतृत्व |