अगस्त 7, 2025 2:06 अपराह्न

द कॉन्शियस नेटवर्क और प्रवासी प्रतिरोध

चालू घटनाएँ: The Conscience Network, सुगाता श्रीनिवासराजु, इंडियंस फॉर डेमोक्रेसी (IFD), आपातकाल 1975, इंदिरा गांधी, भारतीय प्रवासी, गांधीवादी विरोध, अहिंसात्मक प्रतिरोध, नागरिक स्वतंत्रता, अमेरिका–भारत संबंध

The Conscience Network and the Diaspora Resistance

सीमाओं के पार एक मौन क्रांति

भारत में आपातकाल (1975–77) लोकतांत्रिक इतिहास का एक काला अध्याय था। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए इस आपातकाल ने मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया, प्रेस की स्वतंत्रता पर सेंसरशिप लगाई गई और विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया। जब भारत के भीतर विरोध की आवाजें दबा दी गईं, तब एक अप्रत्याशित प्रतिरोध आंदोलन विदेशों में शुरू हुआ — इसे नेतृत्व मिला अमेरिका में रह रहे भारतीय छात्रों और पेशेवरों से, जो राजनेता नहीं थे।

इंडियंस फॉर डेमोक्रेसी की आत्मा

सुगाता श्रीनिवासराजु की पुस्तक The Conscience Network अमेरिका स्थित समूह Indians for Democracy (IFD) की यात्रा का दस्तावेज है। इस समूह ने गांधीवादी सत्याग्रह से प्रेरणा लेकर आपातकाल का विरोध किया। ये लोग साधारण भारतीय प्रवासी थे जिन्होंने प्रदर्शन, व्याख्यान और समाचार लेखों के माध्यम से भारत में संकट के प्रति जागरूकता फैलाई।

उन्होंने अमेरिकी सांसदों से संपर्क, नागरिक अधिकार संगठनों के साथ सहयोग, और भारत सरकार के निर्णयों को खुली चुनौती दी। अमेरिका उस समय वियतनाम युद्ध, वाटरगेट कांड और नागरिक अधिकार आंदोलन के दौर से गुजर रहा था, जिससे IFD की आवाज को वैश्विक पहचान मिली।

साहस और सिद्धांतों का आंदोलन

IFD के कार्यकर्ताओं को वीजा रद्द करने की धमकी और कैरियर पर खतरे जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। फिर भी, उन्होंने भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए डटे रहने का निर्णय लिया — भले ही वे भौगोलिक रूप से भारत से दूर थे।

उनका संघर्ष नैतिक स्पष्टता और राष्ट्रीय जिम्मेदारी से प्रेरित था। उन्होंने यह सिखाया कि लोकतंत्र की रक्षा केवल भारत में नहीं, बल्कि दुनिया भर में हर भारतीय की जिम्मेदारी है — और तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाना देशभक्ति है, कि गद्दारी

Static GK Fact: भारत में आपातकाल 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक लागू था। इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के अंतर्गत लगाया गया था।

लेखक की भूमिका और दृष्टिकोण

The Conscience Network के लेखक सुगाता श्रीनिवासराजु एक प्रतिष्ठित पत्रकार और इतिहासकार हैं, जिन्होंने भारतीय राजनीति और संस्कृति पर 30 वर्षों से लेखन किया है। उनके पिछले प्रसिद्ध कार्यों में शामिल हैं:

  • Furrows in a Field – एच.डी. देवगौड़ा की जीवनी
    Strange Burdens – राहुल गांधी पर अध्ययन
    Pickles from Home और Keeping Faith with the Mother Tongue

इस पुस्तक के माध्यम से वे यह दिखाते हैं कि भारतीय प्रवासी भी भारतीय लोकतंत्र की रक्षा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं — यह पहलू अक्सर मुख्यधारा के इतिहास में अनदेखा रह जाता है।

Static GK Tip: भारत में अब तक तीन बार राष्ट्रीय आपातकाल लगाया गया है — 1962 (चीन युद्ध), 1971 (पाकिस्तान युद्ध) और 1975 (आंतरिक गड़बड़ी) के दौरान।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
पुस्तक का नाम The Conscience Network
लेखक सुगाता श्रीनिवासराजु
विषय-वस्तु भारत में आपातकाल के विरोध में प्रवासी आंदोलन
समय अवधि 1975–1977
प्रमुख समूह Indians for Democracy (IFD)
विरोध की विधि अहिंसात्मक, गांधीवादी सत्याग्रह
कानूनी प्रावधान भारतीय संविधान का अनुच्छेद 352
चुनौतियाँ वीजा रद्द करने की धमकी, राजनयिक दबाव
शामिल देश भारत और अमेरिका
स्थैतिक तथ्य आपातकाल: 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक
The Conscience Network and the Diaspora Resistance
  1. भारत में आपातकाल (1975-77) ने नागरिक स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता को निलंबित कर दिया।
  2. इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा करने के लिए अनुच्छेद 352 का सहारा लिया।
  3. इंडियंस फॉर डेमोक्रेसी (आईएफडी) ने अमेरिका से आपातकाल का विरोध किया।
  4. आईएफडी कार्यकर्ता गांधीवादी सत्याग्रह से प्रेरित थे।
  5. सुगाता श्रीनिवासराजू ने द कॉन्शियस नेटवर्क की रचना की।
  6. आईएफडी ने व्याख्यानों, लेखों और प्रदर्शनों के माध्यम से जागरूकता फैलाई।
  7. भारतीय राजनयिकों ने वीज़ा की धमकियों से असहमति को दबाने की कोशिश की।
  8. कार्यकर्ताओं ने अमेरिका में नागरिक अधिकार समूहों के साथ सहयोग किया।
  9. वियतनाम युद्ध और वाटरगेट कांड के बीच इस आंदोलन ने गति पकड़ी।
  10. प्रवासी प्रतिरोध ने साबित कर दिया कि देशभक्ति सीमाओं से परे होती है।
  11. प्रेस सेंसरशिप और विरोधियों को जेल में डालना आपातकाल की परिभाषा थी।
  12. आईएफडी के कार्यों ने वैश्विक मंच पर भारत के संकट को उजागर किया।
  13. आपातकाल आधिकारिक तौर पर 25 जून, 1975 से 21 मार्च, 1977 तक चला।
  14. भारत में अब तक तीन राष्ट्रीय आपातकाल लग चुके हैं: 1962, 1971, 1975।
  15. आईएफडी का विरोध अहिंसक और नैतिक रूप से प्रेरित था।
  16. प्रवासी सक्रियता ने सार्वभौमिक लोकतांत्रिक मूल्यों को सुदृढ़ किया।
  17. यह पुस्तक भारतीय प्रतिरोध के एक कम-ज्ञात अध्याय पर प्रकाश डालती है।
  18. आईएफडी का कार्य एक विवेक-प्रेरित विरोध था।
  19. एच.डी. देवेगौड़ा और राहुल गांधी श्रीनिवासराजू की पिछली रचनाओं के विषय हैं।
  20. आपातकाल के दौरान प्रतिरोध का नेतृत्व छात्रों ने किया था, राजनेताओं ने नहीं।

Q1. 'द कॉन्शियंस नेटवर्क' पुस्तक किसने लिखी है?


Q2. इंडियंस फॉर डेमोक्रेसी (IFD) आंदोलन की मुख्य रणनीति क्या थी?


Q3. भारत में आपातकाल कब लागू था?


Q4. भारतीय संविधान का कौन-सा अनुच्छेद आपातकाल की घोषणा की अनुमति देता है?


Q5. अमेरिका में IFD कार्यकर्ताओं को कौन-सा मुख्य खतरा था?


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