अब नहीं आएगा विदेशों का प्लास्टिक
1 जनवरी 2025 से थाईलैंड ने सभी प्लास्टिक कचरे के आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लागू कर दिया है। यह निर्णय उन विकासशील देशों द्वारा वैश्विक प्रदूषण के खिलाफ उठाया गया बड़ा कदम है, जिन्हें लंबे समय से समृद्ध देशों द्वारा अपने कचरे का डंपिंग ग्राउंड बनाया गया था।
2018 से 2023 के बीच थाईलैंड ने 11 लाख टन से अधिक प्लास्टिक कचरा आयात किया, जिनमें प्रमुख निर्यातक अमेरिका, जापान और जर्मनी थे — लेकिन अब यह सिलसिला थम गया है।
प्लास्टिक कचरे से क्या समस्या थी?
2018 में जब चीन ने प्लास्टिक कचरे के आयात पर रोक लगाई, तब विकसित देशों ने अपना कचरा थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया और वियतनाम भेजना शुरू कर दिया। हालांकि इससे रिसायक्लिंग उद्योग को थोड़ी मदद मिली, लेकिन:
- ग्रामीण क्षेत्रों में वायु प्रदूषण
- नदियों में जहरीले रसायन
- और स्वास्थ्य समस्याएं गंभीर रूप से बढ़ीं।
निम्न–गुणवत्ता वाला प्लास्टिक जलाया जाता या लैंडफिल में डाला जाता, जिससे माइक्रोप्लास्टिक भोजन, जल और मानव रक्त में भी मिलने लगे — यह कैंसर और श्वसन रोगों से जुड़ा है।
“वेस्ट कॉलोनियलिज्म”: विकसित देशों द्वारा प्रदूषण का निर्यात
Waste Colonialism (कचरा उपनिवेशवाद) वह अवधारणा है, जिसमें अमीर देश अपने कचरे की जिम्मेदारी गरीब देशों पर डालते हैं।
जर्मनी, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश दक्षिण एशिया को वर्षों से कचरा–निर्यात केंद्र के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
थाईलैंड का यह प्रतिबंध बताता है कि अब विकासशील देश अपने पर्यावरण और संप्रभुता की रक्षा के लिए खड़े हो रहे हैं — यह केवल पर्यावरण नहीं, बल्कि वैश्विक न्याय और नीति सुधार का मुद्दा बन चुका है।
वैश्विक असर और क्षेत्रीय आंदोलन
थाईलैंड का कदम एक वैश्विक प्रवृत्ति का हिस्सा है:
- चीन ने 2018 में यह बदलाव शुरू किया
- यूरोपीय संघ ने घोषणा की कि वह 2026 तक गैर-OECD देशों को प्लास्टिक कचरा भेजना बंद कर देगा
- इंडोनेशिया, वियतनाम और मलेशिया भी अब सख्त नियम लागू कर रहे हैं
- तुर्की पर ब्रिटेन से कचरा आयात बंद करने का दबाव है
इस दबाव से विकसित देशों को अपने रीसायक्लिंग ढांचे में निवेश करने की मजबूरी होगी।
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विषय | विवरण |
प्रतिबंध प्रभावी तिथि | 1 जनवरी 2025 |
कुल प्लास्टिक आयात (2018–2023) | 11 लाख टन से अधिक |
प्रमुख निर्यातक देश | जर्मनी, अमेरिका, ब्रिटेन |
चीन का प्रतिबंध वर्ष | 2018 |
जापान से थाईलैंड को कचरा (2023) | लगभग 50,000 टन |
यूरोपीय संघ का लक्ष्य | 2026 तक गैर-OECD देशों को प्लास्टिक निर्यात पर प्रतिबंध |
प्रमुख शब्द | वेस्ट कॉलोनियलिज्म (कचरा उपनिवेशवाद) |
माइक्रोप्लास्टिक खतरा | भोजन, हवा, रक्त में मौजूद; कैंसर और फेफड़ों की बीमारी से जुड़ा |