जुलाई 19, 2025 1:19 पूर्वाह्न

थाईलैंड ने प्लास्टिक कचरे के आयात पर लगाया प्रतिबंध: पर्यावरणीय न्याय की दिशा में साहसिक कदम

चालू घटनाक्रम प्रमुख शब्द: थाईलैंड प्लास्टिक प्रतिबंध 2025, वैश्विक कचरा व्यापार, माइक्रोप्लास्टिक स्वास्थ्य खतरा, वेस्ट कॉलोनियलिज्म, चीन प्लास्टिक प्रतिबंध 2018, यूरोपीय संघ प्लास्टिक निर्यात प्रतिबंध 2026, स्थैतिक जीके

Thailand Bans Plastic Waste Imports: A Bold Step Toward Environmental Justice

अब नहीं आएगा विदेशों का प्लास्टिक

1 जनवरी 2025 से थाईलैंड ने सभी प्लास्टिक कचरे के आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लागू कर दिया है। यह निर्णय उन विकासशील देशों द्वारा वैश्विक प्रदूषण के खिलाफ उठाया गया बड़ा कदम है, जिन्हें लंबे समय से समृद्ध देशों द्वारा अपने कचरे का डंपिंग ग्राउंड बनाया गया था।

2018 से 2023 के बीच थाईलैंड ने 11 लाख टन से अधिक प्लास्टिक कचरा आयात किया, जिनमें प्रमुख निर्यातक अमेरिका, जापान और जर्मनी थे — लेकिन अब यह सिलसिला थम गया है।

प्लास्टिक कचरे से क्या समस्या थी?

2018 में जब चीन ने प्लास्टिक कचरे के आयात पर रोक लगाई, तब विकसित देशों ने अपना कचरा थाईलैंड, मलेशिया, इंडोनेशिया और वियतनाम भेजना शुरू कर दिया। हालांकि इससे रिसायक्लिंग उद्योग को थोड़ी मदद मिली, लेकिन:

  • ग्रामीण क्षेत्रों में वायु प्रदूषण
  • नदियों में जहरीले रसायन
  • और स्वास्थ्य समस्याएं गंभीर रूप से बढ़ीं।

निम्नगुणवत्ता वाला प्लास्टिक जलाया जाता या लैंडफिल में डाला जाता, जिससे माइक्रोप्लास्टिक भोजन, जल और मानव रक्त में भी मिलने लगे — यह कैंसर और श्वसन रोगों से जुड़ा है।

“वेस्ट कॉलोनियलिज्म”: विकसित देशों द्वारा प्रदूषण का निर्यात

Waste Colonialism (कचरा उपनिवेशवाद) वह अवधारणा है, जिसमें अमीर देश अपने कचरे की जिम्मेदारी गरीब देशों पर डालते हैं

जर्मनी, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश दक्षिण एशिया को वर्षों से कचरानिर्यात केंद्र के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।

थाईलैंड का यह प्रतिबंध बताता है कि अब विकासशील देश अपने पर्यावरण और संप्रभुता की रक्षा के लिए खड़े हो रहे हैं — यह केवल पर्यावरण नहीं, बल्कि वैश्विक न्याय और नीति सुधार का मुद्दा बन चुका है।

वैश्विक असर और क्षेत्रीय आंदोलन

थाईलैंड का कदम एक वैश्विक प्रवृत्ति का हिस्सा है:

  • चीन ने 2018 में यह बदलाव शुरू किया
  • यूरोपीय संघ ने घोषणा की कि वह 2026 तक गैर-OECD देशों को प्लास्टिक कचरा भेजना बंद कर देगा
  • इंडोनेशिया, वियतनाम और मलेशिया भी अब सख्त नियम लागू कर रहे हैं
  • तुर्की पर ब्रिटेन से कचरा आयात बंद करने का दबाव है

इस दबाव से विकसित देशों को अपने रीसायक्लिंग ढांचे में निवेश करने की मजबूरी होगी।

स्थैतिक सामान्य ज्ञान (GK) स्नैपशॉट – प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु

विषय विवरण
प्रतिबंध प्रभावी तिथि 1 जनवरी 2025
कुल प्लास्टिक आयात (2018–2023) 11 लाख टन से अधिक
प्रमुख निर्यातक देश जर्मनी, अमेरिका, ब्रिटेन
चीन का प्रतिबंध वर्ष 2018
जापान से थाईलैंड को कचरा (2023) लगभग 50,000 टन
यूरोपीय संघ का लक्ष्य 2026 तक गैर-OECD देशों को प्लास्टिक निर्यात पर प्रतिबंध
प्रमुख शब्द वेस्ट कॉलोनियलिज्म (कचरा उपनिवेशवाद)
माइक्रोप्लास्टिक खतरा भोजन, हवा, रक्त में मौजूद; कैंसर और फेफड़ों की बीमारी से जुड़ा
Thailand Bans Plastic Waste Imports: A Bold Step Toward Environmental Justice
  1. थाईलैंड ने 1 जनवरी 2025 से प्लास्टिक कचरे के आयात पर आधिकारिक रूप से प्रतिबंध लगा दिया है।
  2. यह घोषणा थाईलैंड के प्राकृतिक संसाधन और पर्यावरण मंत्रालय द्वारा की गई।
  3. 2018 से 2023 के बीच, थाईलैंड ने 1 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक कचरा आयात किया।
  4. चीन ने 2018 में प्लास्टिक कचरे के आयात पर प्रतिबंध लगाया, जिससे यह कचरा दक्षिण एशिया की ओर मोड़ दिया गया
  5. जर्मनी, अमेरिका और ब्रिटेन दुनिया के सबसे बड़े प्लास्टिक कचरा निर्यातक देश हैं।
  6. गरीब देशों में कचरा डालने की इस प्रक्रिया को कचरा उपनिवेशवाद” (Waste Colonialism) कहा जाता है।
  7. थाईलैंड का यह प्रतिबंध वायु और मिट्टी प्रदूषण कम करने और जन स्वास्थ्य की रक्षा के लिए लाया गया है।
  8. यह प्रतिबंध घरेलू पुनर्चक्रण (recycling) को समर्थन देता है और थाईलैंड के सतत विकास लक्ष्यों के अनुकूल है।
  9. सिर्फ 2023 में जापान ने 50,000 टन प्लास्टिक कचरा थाईलैंड भेजा।
  10. प्लास्टिक के टूटने से बने माइक्रोप्लास्टिक हवा, भोजन और यहां तक कि मानव रक्त में भी पाए जा रहे हैं।
  11. लंबे समय तक प्लास्टिक के संपर्क से सांस की बीमारी, हृदय रोग और कैंसर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  12. अनियमित रीसाइक्लिंग प्लांटों के पास रहने वाले समुदायों को सबसे ज्यादा स्वास्थ्य खतरे होते हैं।
  13. मलेशिया, इंडोनेशिया और वियतनाम भी इस वैश्विक कचरा व्यापार के प्रमुख गंतव्य रहे हैं।
  14. यूरोपीय संघ 2026 तक गैर-OECD देशों को प्लास्टिक कचरे का निर्यात प्रतिबंधित करने की योजना बना रहा है।
  15. थाईलैंड का यह कदम तुर्की और मलेशिया जैसे अन्य देशों पर भी ऐसा ही कदम उठाने का दबाव बना सकता है।
  16. पर्यावरणविद वैश्विक प्लास्टिक कचरा प्रबंधन समझौते की मांग कर रहे हैं।
  17. हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की बातचीत एक बाध्यकारी वैश्विक समझौते पर विफल रही।
  18. भारत भी प्लास्टिक कचरे के दुरुपयोग और अवैध आयात जैसी समस्याओं से जूझ रहा है।
  19. थाईलैंड का यह प्रतिबंध पर्यावरणीय न्याय और राष्ट्रीय संप्रभुता का उदाहरण पेश करता है।
  20. यह निर्णय धनी देशों के लिए एक चेतावनी है कि वे अपने प्लास्टिक कचरे का जिम्मेदार प्रबंधन स्वयं करें।

Q1. जनवरी 2025 में थाईलैंड ने प्लास्टिक कचरे को लेकर कौन-सा महत्वपूर्ण कदम उठाया?


Q2. 2018 से 2023 के बीच थाईलैंड प्लास्टिक कचरे के लिए एक प्रमुख गंतव्य क्यों बन गया?


Q3. थाईलैंड द्वारा प्लास्टिक कचरे के आयात से कौन-सी पर्यावरणीय समस्याएं उत्पन्न हुईं?


Q4. चीन द्वारा 2018 में प्रतिबंध लगाने के बाद किन देशों ने प्लास्टिक कचरे के निर्यात को दक्षिण-पूर्व एशिया की ओर मोड़ा?


Q5. थाईलैंड के प्लास्टिक कचरा प्रतिबंध का एक मुख्य उद्देश्य क्या है?


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