पहचान के लिए संघर्ष की याद
हर साल 2 जून को, तेलंगाना के लोग केवल एक राज्य के निर्माण का उत्सव नहीं मनाते, बल्कि यह संघर्ष, संस्कृति और लोकतांत्रिक इच्छाशक्ति की स्मृति होती है। तेलंगाना स्थापना दिवस 2025, भारत के 29वें राज्य के गठन की 11वीं वर्षगांठ है।
इस उत्सव के पीछे एक कठिन यात्रा छुपी है। तेलंगाना राज्य कोई तोहफा नहीं था, बल्कि यह प्रदर्शन, भूख हड़तालों और बलिदानों के बाद मिला। छात्रों से लेकर राजनीतिक नेताओं तक, सभी ने अलग पहचान के लिए आवाज़ बुलंद की।
निजाम से नए राज्य तक की यात्रा
तेलंगाना पहले निज़ाम शासित हैदराबाद राज्य का हिस्सा था। लेकिन 1956 में इसे राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत आंध्र क्षेत्र के साथ मिला दिया गया। भाषा भले ही एक हो, लेकिन विकास की ज़रूरतें भिन्न थीं।
तेलंगाना के लोगों ने नौकरियों, शिक्षा और जल संसाधनों में असमानता महसूस की। इसी से असंतोष पनपा और आगे चलकर आंदोलन बना।
आंदोलन को आकार देने वाली प्रमुख घटनाएँ
- 1969: जय तेलंगाना आंदोलन शुरू हुआ; सड़कों पर अलग राज्य की मांग।
- 1972: जय आंध्र आंदोलन से दोनों क्षेत्रों की नाराज़गी स्पष्ट हुई।
- 2001: के. चंद्रशेखर राव ने तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) की स्थापना की।
- 2009: KCR की भूख हड़ताल को भारी जन समर्थन मिला; युवा बड़ी संख्या में जुड़े।
- 2014: केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम पारित कर तेलंगाना का गठन किया।
यह केवल राजनीतिक जीत नहीं, बल्कि जनआवाज की स्वीकार्यता थी।
2025 में उत्सव की झलक
मुख्य समारोह सिकंदराबाद के परेड ग्राउंड में होगा, जिसमें मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी भाग लेंगे। वे गन पार्क में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे।
जिलों में रंग-बिरंगे कार्यक्रम
राज्य के 33 जिलों में उत्सव मनाया जाएगा। हैदराबाद की गलियों से लेकर खम्मम के गांवों तक स्थानीय संस्कृति से भरपूर कार्यक्रम होंगे:
- वारंगल में पेरिनी शिवतांडवम
- बतुकम्मा पर आधारित नृत्य प्रस्तुतियाँ
- गांवों में ओग्गु कथा की कहानियाँ
तेलंगाना के निर्माणकर्ताओं को सम्मान
शिक्षा, कृषि, कला और लोक सेवा में योगदान देने वाले लोगों को सम्मानित किया जाएगा। इससे न केवल पहचान मिलेगी, बल्कि आगे के प्रयासों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
संस्कृति और दृष्टिकोण का उत्सव
तेलंगाना दक्कनी शैली की वास्तुकला, पोचमपल्ली साड़ियों और एक विशेष तेलुगु बोली के लिए जाना जाता है। स्थापना दिवस इन विशेषताओं को सामने लाने का मंच है।
यह उन युवाओं और छात्रों के बलिदान को भी याद करने का अवसर है जिन्होंने आंदोलन के दौरान 2009–2010 में भूख हड़ताल या आत्मबलिदान किया।
आज का तेलंगाना
तेलंगाना अब केवल एक राजनीतिक जीत नहीं है। यह लोकतांत्रिक माध्यमों और जनएकता से बदलाव लाने की मिसाल बन चुका है।
Static Usthadian Current Affairs Table (Hindi)
विषय | विवरण |
तेलंगाना स्थापना तिथि | 2 जून 2014 |
11वीं वर्षगांठ का वर्ष | 2025 |
पहले मुख्यमंत्री | के. चंद्रशेखर राव (KCR) |
वर्तमान मुख्यमंत्री (2025) | ए. रेवंत रेड्डी |
कुल जिले | 33 |
राजधानी | हैदराबाद |
प्रमुख लोक कला | पेरिनी शिवतांडवम, ओग्गु कथा, बतुकम्मा |
प्रसिद्ध हथकरघा | पोचमपल्ली, गडवाल साड़ियाँ |
प्रमुख पर्यटन स्थल | चारमीनार, गोलकोंडा किला, रामप्पा मंदिर |
राजकीय भाषा | तेलुगु |
साक्षरता दर (2011) | 66.54% |
सीमावर्ती राज्य | महाराष्ट्र, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश |
राज्य का क्षेत्रफल | 112,077 वर्ग किमी |
प्रमुख फसलें | धान, कपास, दालें |
मुख्य उद्योग | आईटी (साइबराबाद – हैदराबाद) |