तमिलनाडु का चौंकाने वाला स्वर्ण रहस्य
जहां दुनिया के देश अपने स्वर्ण को केंद्रीय बैंकों में जमा करते हैं, वहीं तमिलनाडु ने चुपचाप वैश्विक सुर्खियां बटोरी हैं। यह बार मंदिरों या प्रौद्योगिकी के कारण नहीं, बल्कि वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु अब विश्व में सबसे अधिक निजी स्वर्ण रखने वाला क्षेत्र बन गया है, जो कई विकसित देशों से भी आगे निकल गया है। यह खोज दक्षिण भारत की सांस्कृतिक परंपरा से गहराई से जुड़ी हुई है।
महाशक्तियों से भी अधिक स्वर्ण
तमिलनाडु के घरों में लगभग 6,720 टन सोना मौजूद है। तुलना करें तो संयुक्त राज्य अमेरिका में 8,000 टन स्वर्ण है, लेकिन वह राष्ट्रीय भंडार है। जबकि तमिलनाडु में यह स्वर्ण लोगों के घरों में संग्रहित है। जर्मनी (3,300 टन), इटली (2,450 टन), रूस (1,900 टन) जैसे देश भी इस मामले में पीछे हैं। यह केवल भारत में नहीं, बल्कि दुनिया भर में तमिलनाडु को अग्रणी बनाता है।
सांस्कृतिक धरोहर, केवल निवेश नहीं
तमिलनाडु में सोना केवल विलासिता नहीं, बल्कि सुरक्षा, परिवार और परंपरा का प्रतीक है। किसी लड़की के जन्म से ही, उसके विवाह के लिए सोने की बचत शुरू हो जाती है। दिवाली या पोंगल जैसे त्योहारों पर सोना खरीदना एक रस्म है, न कि महज फैशन। आज भी, डिजिटल वॉलेट और शेयरों के युग में, अनेक तमिल परिवार सोने के आभूषणों में निवेश करना पसंद करते हैं।
तमिलनाडु में स्वर्ण के प्रति भावनात्मक लगाव
स्वर्ण को कठिन समय के लिए बीमा की तरह देखा जाता है। यह चिकित्सा आपातकाल में गिरवी रखा जा सकता है या शिक्षा हेतु बेचा जा सकता है। और सबसे महत्वपूर्ण, दुल्हन द्वारा पहना गया स्वर्ण अक्सर परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा को दर्शाता है।
दक्षिण भारतीय महिलाएं: असली स्वर्ण संरक्षक
भारतीय घरों में संग्रहित कुल 24,000 टन स्वर्ण में से 40% से अधिक दक्षिण भारतीय महिलाओं के पास है। इस प्रवृत्ति में तमिलनाडु सबसे आगे है। यहां की महिलाएं केवल परंपराओं की संरक्षक नहीं, बल्कि देश की छिपी हुई संपत्ति की संरक्षक भी हैं।
चमकते मंदिर और सोने की वर्षा
तमिलनाडु के प्राचीन मंदिरों जैसे कि मदुरै का मीनाक्षी अम्मन मंदिर और पलानी मुरुगन मंदिर, प्रत्येक वर्ष बड़ी मात्रा में सोने का दान प्राप्त करते हैं। इन मंदिरों के गोपुरम (टावर) और आभूषण सोने से ढंके होते हैं। अनुमान है कि भारत के मंदिरों में लगभग 3,000 टन सोना है, जिसमें बड़ा हिस्सा तमिलनाडु से आता है।
भारत में स्वर्ण पर आयकर नियम
भारतीय कानून के अनुसार:
• विवाहित महिलाएं बिना दस्तावेज़ के 500 ग्राम तक सोना रख सकती हैं।
• अविवाहित महिलाओं को 250 ग्राम की अनुमति है।
• पुरुषों को 100 ग्राम तक रखने की छूट है।
यदि इससे अधिक है, तो घोषित आय या विरासत के प्रमाण के साथ रखना होगा। यह नियम दर्शाता है कि भारत में सोना कितना सामान्य और सांस्कृतिक रूप से स्वीकार्य है।
क्या डिजिटल गोल्ड परंपरा को बदल पाएगा?
नई पीढ़ी डिजिटल गोल्ड और ETF में निवेश करने लगी है, जो सुरक्षित और संग्रह–मुक्त विकल्प हैं। लेकिन, विवाह और पारिवारिक अवसरों पर पारंपरिक सोने के आभूषण अभी भी पहली पसंद बने हुए हैं। तमिलनाडु की यह परंपरा और तकनीक का संगम, स्वर्ण के साथ उसके evolving संबंध को दर्शाता है।
STATIC GK SNAPSHOT – प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए जानकारी सारांश
विषय | तथ्य |
तमिलनाडु का निजी स्वर्ण भंडार | 6,720 टन |
भारत के घरेलू स्वर्ण का कुल भंडार | 24,000 टन |
अमेरिका का आधिकारिक स्वर्ण भंडार | 8,000 टन |
जर्मनी का स्वर्ण भंडार | 3,300 टन |
दक्षिण भारतीय महिलाओं का हिस्सा | 40% (घरेलू स्वर्ण में) |
विवाहित महिला की टैक्स–मुक्त सीमा | 500 ग्राम |
प्रमुख मंदिर जो स्वर्ण प्राप्त करते हैं | मीनाक्षी मंदिर, पलानी मुरुगन मंदिर |
वैश्विक रिपोर्ट स्रोत | वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल रिपोर्ट, 2025 |