जुलाई 27, 2025 1:06 अपराह्न

तमिलनाडु में बढ़ाया गया मगरमच्छ जनगणना अभियान – मानव-वन्यजीव संघर्षों को कम करने की दिशा में कदम

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Tamil Nadu Steps Up Mugger Crocodile Mapping to Reduce Human-Wildlife Conflicts

संरक्षण मानचित्रण में नया अध्याय

तमिलनाडु वन विभाग ने राज्य के कावेरी डेल्टा और कोल्लीडम नदी क्षेत्र में मगरमच्छों (Crocodylus palustris) की जनसंख्या का गहन मानचित्रण कार्य प्रारंभ किया है। अणकरई क्षेत्र में पहले ही 50 से अधिक मगरमच्छों की पुष्टि हो चुकी है। यह पहल बढ़ते मानवमगरमच्छ टकराव को देखते हुए की गई है, क्योंकि नदियाँ, नहरें और तालाब जैसे साझा संसाधन इन टकरावों के केंद्र बनते जा रहे हैं।

सर्वेक्षण का दायरा और महत्त्व

यह लगभग 1,000 किलोमीटर लंबे जलाशयों तक फैला सर्वेक्षण थेनपन्नैयार और वीरानम झीलों जैसे प्रमुख जल निकायों को कवर करता है। अब तक 85 जीवित मगरमच्छ देखे जा चुके हैं, जो यह संकेत देता है कि राज्य में इनकी संख्या पहले से कहीं अधिक है। इससे पहले तमिलनाडु में मगरमच्छों के लिए कोई मूलभूत जनसंख्या डेटा मौजूद नहीं था। Wildlife Portal of India ने इस प्रयास को समर्थन देकर जोखिम भरे क्षेत्रों और धूप सेंकने वाले स्थलों की पहचान में मदद की है।

इस प्रकार का वैज्ञानिक निगरानी तंत्र केवल वन्यजीवों की सुरक्षा नहीं, बल्कि आम नागरिकों को आकस्मिक मुठभेड़ों से बचाने के लिए भी आवश्यक है।

मानव-वन्यजीव संपर्क और जोखिम क्षेत्र

अध्ययन से पता चला है कि अधिकांश महत्वपूर्ण मगरमच्छ आवास रिजर्व फॉरेस्ट से बाहर स्थित हैं, जिससे वे सामान्य जनता की पहुँच में आसानी से जाते हैंमछली पकड़ना और खुले में शौच जैसी दैनिक गतिविधियाँ अक्सर उन्हीं क्षेत्रों में होती हैं जहां मगरमच्छ दिन में धूप सेंकते हैं। खासकर गर्मी के मौसम में, जब जल स्रोत सीमित हो जाते हैं, यह स्थिति संघर्ष को और बढ़ा देती है

मगरमच्छ हॉटस्पॉट और प्रजनन केंद्र

तमिलनाडु में तीन सरकारी मगरमच्छ प्रजनन केंद्र पहले से मौजूद हैं:

  • सथानूर – 299 मगरमच्छ
  • होगेनक्कल – 93 मगरमच्छ
  • अमरावती – 82 मगरमच्छ

ये केंद्र प्रजाति को जीवित बनाए रखने में भूमिका निभाते हैं, लेकिन ये प्राकृतिक आवासों की सुरक्षा का विकल्प नहीं बन सकते। मैदान में देखे गए मगरमच्छों के साथ इन केंद्रों के डेटा का उपयोग, भविष्य की संरक्षण रणनीति तैयार करने में किया जा रहा है।

सरकारी रणनीति और समाधान योजनाएँ

तमिलनाडु सरकार ने कडलूर जैसे उच्च जोखिम वाले जिलों मेंआपातकालीन प्रतिक्रिया टीम बनाने का प्रस्ताव रखा है। ये टीमें मगरमच्छ दिखने की स्थिति में तेजी से कार्यवाही कर नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी।

साथ ही सरकार द्वारा:

  • धूप सेंकने वाले स्थलों तक पहुँच पर नियंत्रण,
  • स्वच्छता ढाँचे का विकास,
  • नदी किनारे बसे समुदायों के लिए जागरूकता अभियान
    जैसी योजनाओं पर काम किया जा रहा है।

सरकार ने ₹2.5 करोड़ की राशि अणकरई मगरमच्छ संरक्षण केंद्र के लिए स्वीकृत की है। जमीन से जुड़ी अड़चनों के बाद वैकल्पिक स्थान तय किया गया है, जहाँ अब गंभीर शोध और पुनर्वास कार्य की योजना बनाई गई है।

STATIC GK SNAPSHOT

विषय विवरण
प्रजाति नाम मगरमच्छ (Crocodylus palustris)
मूल क्षेत्र भारतीय उपमहाद्वीप, भारत में व्यापक वितरण
तमिलनाडु में आवास कोल्लीडम नदी, कावेरी डेल्टा, अणाइकरई
प्रजनन केंद्र सथानूर (299), होगेनक्कल (93), अमरावती (82)
सर्वेक्षण क्षेत्र लगभग 1,000 किमी जल स्रोत
नया केंद्र बजट ₹2.5 करोड़ (अणाइकरई मगरमच्छ केंद्र)
संरक्षण मॉडल आपातकालीन टीमें + जन जागरूकता

 

Tamil Nadu Steps Up Mugger Crocodile Mapping to Reduce Human-Wildlife Conflicts
  1. तमिलनाडु सरकार ने मगरमच्छ (Crocodylus palustris) की जनसंख्या का मानचित्रण करने के लिए बड़े पैमाने पर सर्वेक्षण शुरू किया है।
  2. यह प्रयास कावेरी डेल्टा, कोल्लिडम नदी, और आनैक्करई क्षेत्र पर केंद्रित है।
  3. केवल आनैक्करई में 50 से अधिक मगरमच्छों की उपस्थिति दर्ज की जा चुकी है।
  4. यह प्रजाति भारतीय उपमहाद्वीप की मूल निवासी है और मीठे पानी की पारिस्थितिकी में पाई जाती है।
  5. तमिलनाडु वन विभाग इस सर्वेक्षण का नेतृत्व कर रहा है, जो लगभग 1,000 किमी जल स्रोतों को कवर करता है।
  6. थेनपन्नैयार और वीरानम झीलें इस चल रहे मगरमच्छ आकलन में शामिल हैं।
  7. अब तक 85 जीवित मगरमच्छों की पुष्टि की जा चुकी है।
  8. इससे पहले तमिलनाडु में मगरमच्छ जनसंख्या का कोई आधारभूत डेटा मौजूद नहीं था
  9. वाइल्डलाइफ पोर्टल ऑफ इंडिया संघर्ष क्षेत्र मानचित्रण और धूप सेंकने वाले स्थानों के डेटा में सहायता कर रहा है।
  10. कई मगरमच्छ आवास रिजर्व फॉरेस्ट क्षेत्र के बाहर, जन निर्माण विभाग के नियंत्रण में स्थित हैं।
  11. मछली पकड़ना और खुले में शौच जैसी गतिविधियाँ अक्सर मगरमच्छ क्षेत्रों के साथ ओवरलैप होती हैं
  12. यह ओवरलैप, खासकर सूखे मौसम में मानवमगरमच्छ संघर्षों का खतरा बढ़ा देता है
  13. तमिलनाडु में तीन प्रजनन केंद्र हैं: सथनूर (299), होगेनक्कल (93), और अमरावती (82) मगरमच्छ।
  14. ये प्रजनन केंद्र प्रजातियों के संरक्षण में सहायक हैं, लेकिन जंगली आवास की सुरक्षा नहीं करते।
  15. कडालूर जैसे उच्च जोखिम वाले जिलों में आपातकालीन प्रतिक्रिया दल गठित करने की योजना है।
  16. रणनीतियों में धूप सेंकने वाली जगहों पर प्रवेश को सीमित करना और स्वच्छता ढांचे को बेहतर बनाना शामिल है।
  17. नदी किनारे की बस्तियों में मगरमच्छ सुरक्षा पर जागरूकता अभियान शुरू किए जा रहे हैं।
  18. ₹2.5 करोड़ की लागत वाला मगरमच्छ संरक्षण केंद्र आनैक्करई में स्थापित किया जा रहा है।
  19. यह निधि अनुसंधान, फील्ड उपकरणों, और शैक्षणिक गतिविधियों के लिए उपयोग की जा रही है।
  20. प्रारंभिक भूमि समस्याओं के बाद एक वैकल्पिक स्थान को अंतिम रूप दिया गया है ताकि संरक्षण और पुनर्वास को समर्थन मिल सके

 

Q1. मगरमच्छ (Mugger Crocodile) का वैज्ञानिक नाम क्या है?


Q2. तमिलनाडु में मगरमच्छ मैपिंग का मुख्य ध्यान किस नदी क्षेत्र पर है?


Q3. अनैक्कराई मगरमच्छ संरक्षण केंद्र के लिए प्रस्तावित बजट कितना है?


Q4. सथानूर प्रजनन केंद्र में वर्तमान में कितने मगरमच्छ हैं?


Q5. तमिलनाडु ने आबादी वाले क्षेत्रों में मगरमच्छ के खतरे से निपटने के लिए क्या उपाय प्रस्तावित किया है?


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