जुलाई 24, 2025 7:43 अपराह्न

तमिलनाडु में पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर में तेज़ गिरावट: बाल स्वास्थ्य में एक आदर्श मॉडल

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Tamil Nadu’s Under-Five Mortality Rate Falls Sharply: A Model in Child Health

बाल मृत्यु दर में ऐतिहासिक गिरावट

तमिलनाडु ने सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। राज्य की पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर 2022–23 में प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर 10.9 से घटकर 2024–25 में सिर्फ 8.2 हो गई है। यह तेज़ गिरावट राज्य सरकार की लक्ष्य आधारित योजनाओं, स्वास्थ्य निगरानी और पोषण पहलों की सफलता को दर्शाती है। यह इस बात का संकेत है कि अब पहले की तुलना में कम बच्चे पाँच साल की उम्र से पहले मर रहे हैं — जो परिवारों और नीति निर्माताओं के लिए एक बड़ी राहत है।

पाँच वर्ष से कम आयु की मृत्यु दर क्या होती है?

Under-Five Mortality Rate (U5MR) एक अहम स्वास्थ्य संकेतक है, जो यह बताता है कि हर 1,000 जीवित जन्मों पर पाँच साल की उम्र से पहले कितने बच्चों की मृत्यु होती है। यह दर इस बात का संकेत देती है कि राज्य या देश स्वास्थ्य सेवाओं, पोषण, टीकाकरण और जीवन स्तर के मामले में कितना सक्षम है। दर जितनी कम होगी, स्वास्थ्य प्रणाली उतनी ही मजबूत मानी जाती है।

तमिलनाडु की रणनीति: पोषण को प्राथमिकता

राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई उत्तथाईयोजना इस गिरावट का एक प्रमुख कारण है। इसके अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्रों में नियमित स्वास्थ्य जांच के ज़रिए कुपोषित बच्चों की पहचान की जाती है। फिर उन्हें अतिरिक्त पोषण, चिकित्सकीय देखभाल और फॉलोअप सेवाएं प्रदान की जाती हैं। यह योजना समय रहते बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार करती है, जिससे गंभीर स्थिति आने से पहले ही समाधान हो जाता है।

ICDS और सामुदायिक भागीदारी

एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS) योजना, जिसे केंद्र सरकार ने शुरू किया था, तमिलनाडु में सफलतापूर्वक लागू की जा रही है। इसके अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों को पूरक पोषण, स्वास्थ्य जांच और पूर्वप्राथमिक शिक्षा दी जाती है। माताओं को भी स्वच्छता, स्तनपान और पोषण के प्रति जागरूक किया जाता है। इन केंद्रों की गतिविधियाँ विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मददगार हैं।

अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा

तमिलनाडु की यह उपलब्धि केवल एक आँकड़ा नहीं है, बल्कि यह दर्शाती है कि यदि योजनाएं जमीनी स्तर पर सही तरीके से लागू की जाएं, तो बच्चों की मृत्यु दर में तेजी से गिरावट संभव है। भारत के कई राज्यों में अभी भी यह दर अधिक है, लेकिन तमिलनाडु का मॉडल राजनीतिक इच्छाशक्ति, फंडिंग और सामुदायिक भागीदारी के ज़रिए सफलता का मार्ग दिखाता है।

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सूचकांक विवरण
पाँच वर्ष से कम आयु की मृत्यु दर (2024–25) 8.2 प्रति 1,000 जीवित जन्म (तमिलनाडु)
पिछली दर (2022–23) 10.9 प्रति 1,000 जीवित जन्म
प्रमुख योजना उत्तथाई (कुपोषण की शीघ्र पहचान हेतु)
सहायक कार्यक्रम ICDS (एकीकृत बाल विकास सेवा)
कार्यान्वयन केंद्र आंगनवाड़ी केंद्र
उद्देश्य स्वास्थ्य जांच, पोषण और पूर्व-प्राथमिक शिक्षा
Tamil Nadu’s Under-Five Mortality Rate Falls Sharply: A Model in Child Health
  1. तमिलनाडु में 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर 2024–25 में घटकर प्रति 1,000 जीवित जन्म पर2 हो गई है।
  2. यह दर 2022–23 में9 थी, जिससे यह स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति को दर्शाती है।
  3. यह गिरावट तमिलनाडु को बाल स्वास्थ्य और पोषण में एक राष्ट्रीय आदर्श के रूप में स्थापित करती है।
  4. बाल मृत्यु दर प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर 5 वर्ष की आयु से पहले मरने वाले बच्चों की संख्या को दर्शाती है।
  5. कम मृत्यु दर मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली और प्रभावी पोषण कार्यक्रमों को इंगित करती है।
  6. इस सफलता के पीछे प्रमुख योजनाउत्तसत्तै उरुथि सेई है, जो प्रारंभिक पोषण जांच पर केंद्रित है।
  7. स्वास्थ्य टीमें नियमित रूप से आंगनवाड़ी केंद्रों का दौरा करती हैं ताकि कमज़ोर पोषण वाले बच्चों की शीघ्र पहचान की जा सके।
  8. पहचान होने पर बच्चों को पूरक पोषण और चिकित्सकीय फॉलोअप प्रदान किया जाता है।
  9. आईसीडीएस योजना पूरक आहार और स्वास्थ्य शिक्षा के ज़रिए बाल कल्याण को बढ़ावा देती है।
  10. आंगनवाड़ी केंद्र विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय बाल देखभाल केंद्रों की तरह कार्य करते हैं।
  11. माताओं को इन केंद्रों के माध्यम से खानपान, स्वच्छता और बाल देखभाल पर प्रशिक्षण दिया जाता है।
  12. बच्चों का नियमित वजन और निगरानी की जाती है, जिससे समय पर हस्तक्षेप संभव होता है।
  13. सामुदायिक भागीदारी और सरकारी पहल इस मॉडल की सफलता में मुख्य भूमिका निभाते हैं।
  14. यह प्रणाली एक निवारक स्वास्थ्य सुरक्षा जाल की तरह काम करती है, जो समस्याओं को समय रहते पकड़ लेती है।
  15. राजनीतिक प्रतिबद्धता और स्थिर वित्त पोषण ने बाल कल्याण में दीर्घकालिक सफलता सुनिश्चित की है।
  16. यह उपलब्धि राष्ट्रीय पोषण मिशन और एनएफएचएस के लक्ष्यों के साथ मेल खाती है।
  17. तमिलनाडु का उदाहरण दर्शाता है कि जमीनी स्तर पर की गई पहलें ठोस स्वास्थ्य परिणाम दे सकती हैं।
  18. अन्य भारतीय राज्य भी इस तरह के मॉडल अपनाकर बाल मृत्यु दर और कुपोषण को कम कर सकते हैं।
  19. यह प्रयास दिखाता है कि आईसीडीएस जैसी योजनाओं के ज़रिए राज्य और केंद्र का सहयोग कैसे स्थायी बदलाव ला सकता है।
  20. तमिलनाडु की प्रगति, भारत की एसडीजी लक्ष्य 3 – बेहतर स्वास्थ्य और कल्याण के तहत वैश्विक प्रतिबद्धताओं में योगदान देती है।

Q1. 2024–25 में तमिलनाडु की पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर क्या है?


Q2. तमिलनाडु में कुपोषित बच्चों की पहचान करने वाली बाल स्वास्थ्य पहल कौन सी है?


Q3. तमिलनाडु में एकीकृत बाल विकास योजना (ICDS) के अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्रों की भूमिका क्या है?


Q4. पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर क्या मापती है?


Q5. तमिलनाडु की आंगनवाड़ी संरचना को समर्थन देने वाली केंद्र सरकार की योजना कौन सी है?


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