स्मारकों के माध्यम से सांस्कृतिक विरासत
पिछले चार वर्षों में तमिलनाडु सरकार ने राष्ट्रीय नेताओं और तमिल विद्वानों को अमर बनाने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। राज्यभर में 63 प्रतिमाएँ और 11 स्मृति सभागार स्थापित किए गए हैं। ये परियोजनाएँ ऐतिहासिक स्मरण और जन शिक्षा का माध्यम बन चुकी हैं, जिनका उद्देश्य आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करना है।
राष्ट्रीय नेताओं को श्रद्धांजलि
तमिलनाडु में महात्मा गांधी, डॉ. बी. आर. आंबेडकर, डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम और पूर्व मुख्यमंत्री के. कामराज की प्रतिमाएँ स्थापित की गई हैं। इन नेताओं ने भारत के लोकतंत्र, विज्ञान, और सामाजिक समानता की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
Static GK Fact: के. कामराज 1954 से 1963 तक तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे और उन्होंने स्कूलों में मिड–डे मील योजना की शुरुआत की।
तमिल विद्वानों और साहित्यिक व्यक्तित्वों का सम्मान
राज्य सरकार ने सुबरमण्यम भारती, भारतीदासन, और वेदनायगम पिल्लै जैसे तमिल साहित्यकारों की भी प्रतिमाएँ स्थापित की हैं। ये प्रतिमाएँ तमिल भाषा और सामाजिक सुधारों में उनके योगदान को स्मरण कराती हैं और तमिल सांस्कृतिक गर्व का प्रतीक बन चुकी हैं।
तिरुवल्लुवर प्रतिमा की 25वीं वर्षगांठ
कन्याकुमारी स्थित तिरुवल्लुवर प्रतिमा की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में, 30 दिसंबर 2024 को मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने ‘विजडम डोम’ का उद्घाटन किया। यह डोम, तिरुक्कुरल के लेखक को समर्पित आध्यात्मिक स्थल के रूप में उनकी दार्शनिक विरासत को सशक्त करता है।
Static GK Tip: तिरुवल्लुवर प्रतिमा 133 फीट ऊँची है, जो तिरुक्कुरल के 133 अध्यायों का प्रतीक है, और वर्ष 2000 में उद्घाटित हुई थी।
गुमनाम नायकों के लिए स्मृति
राज्य सरकार ने वीरन सुंदरलिंगम, कुइली और वी. ओ. चिदंबरम पिल्लै जैसे कम चर्चित स्वतंत्रता सेनानियों को भी स्थायी स्मारकों के ज़रिए सम्मानित किया है। इसके अतिरिक्त, मुवालूर रामामिर्तम अम्मैयार, डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी, और गायक टी. एम. सुंदरराजन को भी श्रद्धांजलि दी गई है।
Static GK Fact: कुइली, रानी वेलु नचियार की सेना की प्रमुख थीं और 1780 में बलिदान देने वाली भारत की पहली महिला योद्धाओं में एक मानी जाती हैं।
समावेशी स्मृति की दिशा में पहल
तमिलनाडु की यह पहल केवल स्मारकों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सामाजिक सुधारकों, कलाकारों, साहित्यकारों और राष्ट्रीय नेताओं की विरासत को जीवंत रूप में प्रस्तुत करती है। यह संस्कृति, संघर्ष और पहचान का जीता-जागता प्रतीक है।
Static Usthadian Current Affairs Table (Hindi)
विषय | विवरण |
स्थापित प्रतिमाएँ (2019–2024) | 63 प्रतिमाएँ |
स्मृति सभागार | 11 सभागार |
तिरुवल्लुवर प्रतिमा वर्षगांठ | दिसंबर 2024 में 25वीं वर्षगांठ |
विजडम डोम उद्घाटन तिथि | 30 दिसंबर 2024 |
तिरुवल्लुवर प्रतिमा ऊँचाई | 133 फीट |
प्रतिमा उद्घाटन वर्ष | 2000 |
सम्मानित प्रमुख व्यक्ति | गांधी, आंबेडकर, भारतियार, कामराज, कलाम |
महिलाओं को समर्पित प्रतिमाएँ | मुवालूर रामामिर्तम, मुथुलक्ष्मी रेड्डी, कुइली |
साहित्यिक हस्तियाँ | भारतीदासन, वेदनायगम पिल्लै |
स्वतंत्रता सेनानी | वी. ओ. चिदंबरम, वीरन सुंदरलिंगम |