प्रशासन में भाषा अधिकारों को सुदृढ़ करना
तमिल विकास और सूचना विभाग द्वारा एक नवीनीकृत परामर्श जारी कर राज्य के सभी अधिकारियों और विभागों को सरकारी संचार में तमिल का अनिवार्य उपयोग करने को कहा गया है। यह कोई नया नियम नहीं है, बल्कि पहले से मौजूद आदेशों की याद दिलाने वाला कड़ा निर्देश है, जो तमिलनाडु में प्रशासन की आधिकारिक भाषा के रूप में तमिल के उपयोग को सुदृढ़ करता है।
यह परामर्श अतिरिक्त मुख्य सचिवों, जिला कलेक्टरों और विभागाध्यक्षों को भेजा गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सभी प्रकार के आदेश, परिपत्र, पत्राचार और टिप्पणियाँ तमिल में ही की जानी चाहिए, केवल कुछ सीमित अपवादों को छोड़कर।
पूर्व आदेशों की पुनः पुष्टि
इस परामर्श में पहले जारी हुए उन आदेशों की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है जिनमें कहा गया था कि सरकारी आदेश और परिपत्र केवल तमिल में ही जारी किए जाएं। यदि किसी नागरिक द्वारा तमिल में पत्र भेजा गया हो, तो उसका उत्तर भी तमिल में ही देना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही उस पत्र से संबंधित आंतरिक टिप्पणियाँ, ज्ञापन और विभागीय मसौदे भी तमिल में ही होने चाहिए।
यहां तक कि सरकारी अधिकारियों के हस्ताक्षर भी तमिल में किए जाने चाहिए, विशेष रूप से जब संचार राज्य के नागरिकों या राज्य के अन्य सरकारी विभागों के साथ हो। यह नीति तमिलनाडु की लंबे समय से चली आ रही भाषायी नीति के अनुरूप है, जो प्रशासनिक कार्यों में तमिल के संरक्षण और संवर्धन को प्राथमिकता देती है।
अनुवाद विभाग की भूमिका
हालाँकि सामान्य रूप से तमिल का उपयोग अनिवार्य है, परंतु कुछ मामलों में राज्य से बाहर या केंद्र सरकार के साथ संप्रेषण के लिए अंग्रेज़ी का उपयोग किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में सचिवालय स्तर पर अंग्रेज़ी में तैयार दस्तावेज़ों को पहले तमिल विकास और सूचना विभाग के अनुवाद प्रभाग को भेजा जाएगा, जो उन्हें तमिल में अनुवादित करेगा और फिर स्थानीय रूप से प्रकाशित या प्रसंस्कृत किया जाएगा।
इस प्रक्रिया के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया है कि तमिल प्रशासनिक कार्यों की प्राथमिक भाषा बनी रहे, साथ ही बहुभाषी कार्यों के लिए व्यावहारिक दक्षता भी बनी रहे।
कानूनी आधार और सांस्कृतिक महत्व
इस निर्णय की जड़ें राजभाषा अधिनियम 1956 में हैं, जिसमें तमिल को तमिलनाडु सरकार की आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दी गई है। तमिलनाडु ने 20वीं सदी के हिंदी थोपने के विरोध आंदोलनों के बाद से ही प्रशासन में क्षेत्रीय भाषा के उपयोग का समर्थन किया है। तमिल भाषा के उपयोग को सुदृढ़ करना, द्रविड़ीय सिद्धांतों, भाषाई आत्मसम्मान और सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में राज्य की प्रतिबद्धता को दोहराता है।
यह केवल प्रशासनिक आदेश नहीं है, बल्कि यह पहचान, सुशासन और नागरिकों तक पहुँच का प्रतीक है। यह सुनिश्चित करता है कि राज्य के नागरिक अपनी मातृभाषा में सरकार से संवाद कर सकें, जिससे प्रशासन अधिक पारदर्शी और समावेशी बन सके।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान झलक (STATIC GK SNAPSHOT)
विषय | विवरण |
हालिया कार्रवाई | तमिल विकास व सूचना विभाग द्वारा परामर्श जारी |
परामर्श के प्राप्तकर्ता | अतिरिक्त मुख्य सचिव, जिला कलेक्टर, विभागाध्यक्ष |
परामर्श का उद्देश्य | सभी सरकारी संचार में तमिल का अनिवार्य उपयोग |
मुख्य निर्देश | आदेश, परिपत्र, पत्र, उत्तर तमिल में हों |
अनुवाद प्रक्रिया | अंग्रेज़ी फाइलों का अनुवाद विभाग द्वारा तमिल में अनुवाद |
हस्ताक्षर की आवश्यकता | सरकारी कर्मचारी तमिल में हस्ताक्षर करें |
अपवाद | अंतर-सरकारी संचार में सीमित अंग्रेज़ी की अनुमति |