जुलाई 19, 2025 2:10 पूर्वाह्न

तमिलनाडु ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए सख्त कानून लागू किए: नए संशोधनों से न्याय प्रणाली मजबूत हुई

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Tamil Nadu Introduces Stricter Laws to Protect Women: New Amendments Strengthen Justice System

महिलाओं की सुरक्षा के लिए ऐतिहासिक कानूनी सुधार

जनवरी 2025 में, तमिलनाडु सरकार ने महिलाओं के लिए सार्वजनिक और डिजिटल स्थानों को अधिक सुरक्षित बनाने हेतु राष्ट्रीय आपराधिक कानूनों में राज्यविशिष्ट संशोधन पेश किए। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने विधानसभा में इस कदम का नेतृत्व किया, जिससे यह स्पष्ट संकेत गया कि राज्य में लैंगिक अपराधों पर अब और सख्त दंड लागू होंगे।

ये संशोधन एक प्रगतिशील कानूनी सोच को दर्शाते हैं — जो डिजिटल उत्पीड़न जैसे आधुनिक अपराधों को ध्यान में रखते हुए पीड़ितों को त्वरित सुरक्षा देने की मांग करते हैं।

कठोर सजा और स्पष्ट परिभाषाएँ

भारतीय न्याय संहिता (BNS) और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) — जो IPC और CrPC के आधुनिक संस्करण हैं — के तहत तमिलनाडु सरकार ने अधिक प्रभावी कानूनी प्रावधानों को लागू किया है।

प्रमुख संशोधन इस प्रकार हैं:
बलात्कार की सजा: न्यूनतम सजा अब 14 वर्ष, और यदि पीड़िता एक ही हो तो 20 वर्ष
आजीवन कारावास: अब “प्राकृतिक जीवनकाल” तक माना जाएगा — रिहाई का रास्ता बंद
पीछा करना (Stalking): पहली बार पर अधिकतम 5 वर्ष, पुनरावृत्ति पर 7 वर्ष
एसिड अटैक: न्यूनतम सजा आजीवन कारावास
डिजिटल उत्पीड़न: ऑनलाइन धमकी या अपशब्द भेजने पर 5 साल की जेल + ₹1 लाख जुर्माना

ये प्रावधान साइबर अपराध, पीछा करना, और दोहराए गए यौन अपराधों को गंभीर अपराध के रूप में मान्यता देते हैं।

अब सार्वजनिक संस्थानों पर भी कानूनी ज़िम्मेदारी

अस्पतालों, मॉल, कॉलेज, बस अड्डों अन्य सार्वजनिक स्थलों को अब अनिवार्य रूप से:

  • CCTV कैमरे लगाना होगा
    एंटीहरासमेंट नीति लागू करनी होगी
    नियमित सुरक्षा ऑडिट कराना अनिवार्य

इन प्रावधानों का उल्लंघन करने पर कड़ी सजा दी जाएगी — जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सुरक्षा ढांचा अब कानून का हिस्सा है, न कि केवल सलाह।

“सुरक्षा आदेश”: पीड़िताओं को कानूनी कवच

तमिलनाडु ने सुरक्षा आदेश” (Protection Orders) की व्यवस्था शुरू की है, जिसके अंतर्गत आरोपी को पीड़िता से संपर्क करने या पास आने पर प्रतिबंध रहेगा।

  • ये आदेश न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किए जाएंगे
    तत्काल सुरक्षा कवच के रूप में काम करेंगे
    • उल्लंघन की स्थिति में जेल और जुर्माना लगाया जाएगा

यह व्यवस्था महिलाओं को विशेषकर कानूनी कार्यवाही के संवेदनशील चरणों में तत्काल कानूनी संरक्षण प्रदान करती है।

स्थैतिक जीके स्नैपशॉट – परीक्षा हेतु

विषय विवरण
संशोधित कानून BNS (भारतीय न्याय संहिता), BNSS
किसे प्रतिस्थापित किया IPC और CrPC
बलात्कार की न्यूनतम सजा 14 वर्ष (दोहराव पर 20 वर्ष)
आजीवन कारावास अब “प्राकृतिक जीवनकाल” माना जाएगा
पीछा करने पर सजा 5 वर्ष (पहली बार), 7 वर्ष (दोहराव)
एसिड अटैक की सजा न्यूनतम: आजीवन कारावास
डिजिटल उत्पीड़न 5 वर्ष तक जेल + ₹1 लाख जुर्माना
सार्वजनिक सुरक्षा नियम अनिवार्य CCTV, ऑडिट, उत्पीड़न नीति
सुरक्षा आदेश मजिस्ट्रेट द्वारा जारी, संपर्क/निकटता पर रोक
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री (2025) एम.के. स्टालिन

 

Tamil Nadu Introduces Stricter Laws to Protect Women: New Amendments Strengthen Justice System
  1. तमिलनाडु सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए ऐतिहासिक कानूनी संशोधन पेश किए हैं।
  2. मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने स्पष्ट कानूनों, कड़े दंड और तेज़ न्याय के लिए संशोधन विधेयकों का नेतृत्व किया।
  3. भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह अब भारतीय न्याय संहिता (BNS) और फौजदारी प्रक्रिया संहिता (CrPC) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) लाई गई है।
  4. बलात्कार की सजा 10 साल से बढ़ाकर 14 साल कर दी गई है, और आजीवन कारावास का अर्थ अब प्राकृतिक जीवनकाल तक की कैद के रूप में स्पष्ट किया गया है।
  5. बलात्कार के दोहराए जाने वाले अपराधियों को कम से कम 20 साल की सजा अनिवार्य रूप से दी जाएगी।
  6. पीछा करने (Stalking) की सजा पहली बार में 5 साल और दूसरी बार में 7 साल कर दी गई है।
  7. तेजाब हमलों (Acid Attacks) के लिए सजा अब आजीवन कारावास है, जो पहले 10 साल थी।
  8. डिजिटल उत्पीड़न, जैसे कि साइबरबुलिंग और ऑनलाइन धमकियां, अब नए कानूनों के तहत दंडनीय हैं।
  9. डिजिटल उत्पीड़न के पहली बार अपराध करने वाले व्यक्ति को 5 साल तक की जेल और ₹1 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।
  10. मॉल, अस्पताल और शैक्षणिक संस्थानों जैसे सार्वजनिक स्थलों पर CCTV कैमरे अनिवार्य किए गए हैं और एंटीहरासमेंट नीतियां लागू करनी होंगी
  11. सार्वजनिक स्थलों पर सुरक्षा मानकों का पालन करने पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
  12. प्रोटेक्शन ऑर्डर (Protection Orders) लागू किए गए हैं, जिनके तहत मजिस्ट्रेट आरोपी को पीड़िता से संपर्क या नजदीक जाने से रोक सकते हैं।
  13. प्रोटेक्शन ऑर्डर का उल्लंघन करने पर जेल और आर्थिक दंड दोनों लग सकते हैं।
  14. ये संशोधन सार्वजनिक, निजी और डिजिटल स्थानों को कवर करते हैं, जिससे समग्र महिला सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
  15. नए कानूनों का उद्देश्य अपराधियों को डराना और महिलाओं को आत्मविश्वास के साथ अपराध की रिपोर्ट करने के लिए सशक्त बनाना है।
  16. तमिलनाडु ने दंड को कड़ा करके और डिजिटल खतरों को संबोधित करके राष्ट्रीय स्तर पर उदाहरण पेश किया है।
  17. इन सुधारों से सार्वजनिक सुरक्षा में वृद्धि होगी और संस्थानों के लिए अनिवार्य सुरक्षा ऑडिट भी लागू होंगे।
  18. महिलाओं की सुरक्षा अब और मजबूत हो गई है क्योंकि कानून स्पष्ट और दंड अधिक कड़े किए गए हैं
  19. नया कानून अब और अधिक समावेशी है, जो शारीरिक और डिजिटल दोनों प्रकार की सुरक्षा को कवर करता है।
  20. ये कानूनी सुधार महिलाओं के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक समाज की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।

 

Q1. तमिलनाडु में नए संशोधनों के तहत बलात्कार के लिए न्यूनतम सजा क्या है?


Q2. नए संशोधनों में "आयु कारावास" की परिभाषा में क्या बदलाव किया गया है?


Q3. नए संशोधनों के तहत पीछा करने के अपराधियों के लिए सजा क्या है?


Q4. तमिलनाडु में नए संशोधनों के तहत अम्ल हमलों के लिए न्यूनतम सजा क्या है?


Q5. तमिलनाडु में नए संशोधनों के तहत कौन सी नई अपराध श्रेणी जोड़ी गई है?


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