धनुष्कोडी को नया संरक्षण दर्जा
विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर तमिलनाडु सरकार ने रमनाथपुरम जिले के धनुष्कोडी को ग्रेटर फ्लेमिंगो अभयारण्य घोषित किया है। यह 524.7 हेक्टेयर में फैला है और मन्नार की खाड़ी जैवमंडल आरक्षित क्षेत्र के भीतर आर्द्रभूमियों की रक्षा को मजबूत करता है। यह घोषणा 5 जून 2025 को मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की गई थी, जबकि 4 जून को आधिकारिक आदेश (G.O.) पहले ही जारी किया जा चुका था।
धनुष्कोडी का महत्व क्या है?
धनुष्कोडी सिर्फ एक सुंदर तटीय नगर नहीं है, बल्कि यह सेंट्रल एशियन फ्लाईवे पर एक अहम पड़ाव है, जहाँ हर साल 10,700 से अधिक प्रवासी पक्षी आते हैं। यहाँ के मुख्य आकर्षण हैं ग्रेटर और लेसर फ्लेमिंगो, साथ ही हेरॉन, इग्रेट्स, सैंडपाइपर जैसे पक्षी भी नियमित रूप से देखे जाते हैं।
यह क्षेत्र समुद्री जैव विविधता, समुद्री कछुओं के घोंसले, और तटीय कटाव से सुरक्षा प्रदान करता है। यहाँ की विविध पारिस्थितिकी—मैन्ग्रोव, कीचड़ भूमि, दलदल, रेत के टीले—इसे पारिस्थितिक रूप से विशिष्ट बनाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय लक्ष्यों को समर्थन
यह घोषणा भारत की कन्वेंशन ऑन माइग्रेटरी स्पीशीज़ (CMS) के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह कदम भारत के रामसर वेटलैंड लक्ष्यों को भी समर्थन देता है और वैश्विक जैव विविधता संरक्षण में देश की भूमिका को सुदृढ़ करता है।
आर्थिक और पारिस्थितिक अवसर
अभयारण्य से ईको–पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय रोजगार और जलवायु शिक्षा को बल मिलेगा। राज्य बजट 2025 में ₹50 करोड़ की मरीन कंज़र्वेशन फाउंडेशन की घोषणा भी ऐसे ही संरक्षण प्रयासों के लिए की गई थी।
2023–24 सर्वेक्षण में 128 पक्षी प्रजातियाँ दर्ज की गई थीं, जिससे यह क्षेत्र बर्डवॉचर्स, शोधकर्ताओं और पर्यावरणविदों का प्रमुख केंद्र बन सकता है।
सरकार और अधिकारी
इस महत्वपूर्ण पर्यावरणीय पहल का उद्घाटन मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने किया। इस अवसर पर पर्यावरण मंत्री थंगम तेनारासु, सुप्रिया साहू (अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण एवं वन) और वरिष्ठ वन अधिकारी राकेश कुमार डोगरा और श्रीनिवास रेड्डी भी उपस्थित थे।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
स्थान | धनुष्कोडी, रमनाथपुरम जिला, तमिलनाडु |
अभयारण्य क्षेत्रफल | 524.7 हेक्टेयर |
घोषणा तिथि | 5 जून 2025 (विश्व पर्यावरण दिवस) |
पक्षी संख्या (2023-24) | 10,700+ प्रवासी पक्षी |
प्रमुख प्रजातियाँ | ग्रेटर फ्लेमिंगो, लेसर फ्लेमिंगो, हेरॉन, इग्रेट्स |
प्रमुख फ्लाईवे | सेंट्रल एशियन फ्लाईवे |
जैवमंडल क्षेत्र | मन्नार की खाड़ी |
पारिस्थितिक तंत्र | मैन्ग्रोव, कीचड़भूमि, दलदल, रेत के टीले |
सरकारी आदेश (G.O.) | 4 जून 2025 को जारी |
सहायता निधि | ₹50 करोड़ मरीन संरक्षण फाउंडेशन |
अंतरराष्ट्रीय समझौता | कन्वेंशन ऑन माइग्रेटरी स्पीशीज़ (CMS) |
मुख्यमंत्री | एम. के. स्टालिन |
प्रमुख अधिकारी | सुप्रिया साहू, थंगम तेनारासु, आर.एस. राजाकन्नप्पन |