तमिल भाषाविज्ञान शोध में ऐतिहासिक उपलब्धि
तमिल भाषाविज्ञान को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाने की दिशा में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने तमिल और भारोपीय भाषाओं के बीच ऐतिहासिक संबंधों को उजागर करने वाले तुलनात्मक व्युत्पत्तिशास्त्रीय शब्दकोश की पहली कड़ी और परिचय पुस्तक जारी की। यह भारत में इस प्रकार की पहली परियोजना है, जिसे तमिलनाडु पाठ्यपुस्तक एवं शैक्षणिक सेवाएं निगम और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस के सहयोग से क्रियान्वित किया जा रहा है। यह परियोजना 12 खंडों में प्रकाशित होगी।
शासकीय समर्थन और शैक्षणिक नेतृत्व
इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए राज्य सरकार ने ₹8 करोड़ का अनुदान स्वीकृत किया है। परियोजना 2022 से प्रगति पर है और इसे प्रोफेसर जी. अरसेந்தिरन के नेतृत्व में 20 भाषाविदों की टीम द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है। यह पहल तमिल भाषा के संरक्षण, वैश्विक स्वीकृति और शैक्षणिक योगदान को उजागर करने की दिशा में तमिलनाडु सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
तमिल की ऐतिहासिक भाषाई भूमिका का अन्वेषण
शब्दकोश का पहला खंड 19 शब्दों की तुलनात्मक व्युत्पत्ति का विश्लेषण प्रस्तुत करता है, जो लैटिन, यूनानी, फ्रेंच, अंग्रेज़ी, जर्मन जैसी पश्चिमी भारोपीय भाषाओं तथा संस्कृत, पाली, सिंहली जैसी पूर्वी भारोपीय भाषाओं में पाए जाते हैं। विद्वानों की परिकल्पना के आधार पर कुछ शब्दों की प्राचीन तमिल से उत्पत्ति मानी गई है, जो भाषा परिवारों के बीच गहरे ऐतिहासिक संबंधों का संकेत देती है।
आगामी खंड और वैश्विक महत्व
यह 12 खंडों की श्रृंखला तमिल और अन्य वैश्विक भाषाओं के बीच व्यवस्थित भाषाई संबंधों को स्थापित करने का प्रयास करेगी। यह परियोजना भाषा उत्पत्ति की समझ को नया दृष्टिकोण दे सकती है और तमिल को वैश्विक भाषाओं की आधारभूत भाषा के रूप में स्थान दिला सकती है। आने वाले खंडों में ध्वन्यात्मक विकास, मूल शब्दों की समानता, और सांस्कृतिक संदर्भों को शामिल किया जाएगा।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान सारांश (STATIC GK SNAPSHOT – हिंदी में)
विषय | विवरण |
परियोजना का नाम | तमिल और भारोपीय भाषाओं का तुलनात्मक व्युत्पत्तिशास्त्रीय शब्दकोश |
शुभारंभकर्ता | तमिलनाडु के मुख्यमंत्री |
सहयोगी संस्थाएं | तमिलनाडु पाठ्यपुस्तक निगम और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस |
परियोजना प्रमुख | प्रोफेसर जी. अरसेंतिरन |
प्रारंभ वर्ष | 2022 |
कुल नियोजित खंड | 12 खंड |
स्वीकृत राशि | ₹8 करोड़ |
तुलनात्मक भाषाएं | तमिल, लैटिन, यूनानी, जर्मन, फ्रेंच, अंग्रेज़ी, संस्कृत, पाली, सिंहली |
खंड 1 का विषय | 19 शब्दों की व्युत्पत्ति का तुलनात्मक विश्लेषण |
शैक्षणिक महत्व | पहली बार तमिल को वैश्विक भाषाओं से जोड़ने वाली तुलनात्मक परियोजना |