राज्य की स्थापना: मद्रास से तमिलनाडु तक
1 नवंबर 1956 को, राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत, भारत में भाषाई आधार पर राज्यों की सीमाएं पुनः निर्धारित की गईं। इसके तहत मद्रास राज्य का गठन हुआ, जो बाद में तमिलनाडु के नाम से जाना गया। यह अधिनियम क्षेत्रीय भाषाओं और सांस्कृतिक पहचान को राजनीतिक रूप देने का एक प्रयास था।
नाम परिवर्तन के पीछे राजनीतिक इच्छा
1960 के दशक में राज्य का नाम बदलने की मांग ने गति पकड़ी। 18 जुलाई 1967 को, मुख्यमंत्री सी. एन. अन्नादुरई के नेतृत्व में राज्य विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें मद्रास का नाम बदलकर “तमिलनाडु“ रखने की सिफारिश की गई। यह कदम तमिल अस्मिता को संस्थागत रूप देने के लिए ऐतिहासिक माना गया।
शंकरलिंगनार का बलिदान
तमिल पहचान आंदोलन की जड़ें इससे पहले भी देखी जा सकती हैं, जब तमिल राष्ट्रवादी शंकरलिंगनार ने 13 अक्टूबर 1956 को विरुधुनगर में आमरण अनशन के दौरान अपनी जान गंवाई। उनका बलिदान तमिल समाज में गहरी छाप छोड़ गया।
Static GK fact: 2015 में विरुधुनगर में शंकरलिंगनार की स्मृति में स्मारक का निर्माण किया गया।
“तमिलनाडु” नाम की आधिकारिक घोषणा
लगातार जनदबाव और राजनीतिक सहमति के चलते 14 जनवरी 1969 को केंद्र सरकार ने मद्रास राज्य का नाम आधिकारिक रूप से “तमिलनाडु“ करने को मंजूरी दे दी। “तमिलनाडु“ का अर्थ है – “तमिलों की भूमि”। यह केवल एक नाम नहीं था, बल्कि तमिल गौरव और संस्कृति की विजय का प्रतीक था।
तमिलनाडु दिवस की तारीख में बदलाव
2019 में, मुख्यमंत्री एडप्पाडी के. पलानीस्वामी ने 1 नवंबर को तमिलनाडु दिवस घोषित किया, जो राज्य गठन की तारीख है। लेकिन जुलाई 2022 में, मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने इसे बदलकर 18 जुलाई कर दिया, ताकि 1967 के नाम परिवर्तन प्रस्ताव को याद किया जा सके।
Static GK tip: यह बदलाव बताता है कि राज्य सांस्कृतिक पहचान को प्रशासनिक निर्माण से ऊपर मानता है।
राजनीतिक एकता का क्षण
1967 का प्रस्ताव राज्य के इतिहास में एक दुर्लभ अवसर था जब सभी राजनीतिक दल एकमत थे। यह एकता तमिल संस्कृति और उसकी पहचान को राष्ट्रीय पटल पर स्थापित करने की सामूहिक इच्छाशक्ति को दर्शाती है।
तमिलनाडु दिवस 2025 और उसकी विरासत
18 जुलाई 2025 को जब तमिलनाडु दिवस मनाया जाएगा, तो यह न केवल एक ऐतिहासिक क्षण का उत्सव होगा, बल्कि उन बलिदानों, आंदोलनों और राजनीतिक एकता का स्मरण भी होगा, जिसने तमिलनाडु को एक स्वाभिमानी सांस्कृतिक पहचान दी।
Static GK fact: तमिलनाडु आज भारत के सबसे प्रगतिशील राज्यों में गिना जाता है — औद्योगिक विकास, साक्षरता, और सामाजिक संकेतकों के मामले में शीर्ष स्थानों पर है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
मूल नाम | मद्रास राज्य |
राज्य पुनर्गठन अधिनियम | 1 नवंबर 1956 से लागू |
शंकरलिंगनार का बलिदान | 13 अक्टूबर 1956, विरुधुनगर |
नाम परिवर्तन प्रस्ताव | 18 जुलाई 1967 को पारित |
उस समय के मुख्यमंत्री | सी. एन. अन्नादुरई |
नाम परिवर्तन की तारीख | 14 जनवरी 1969 |
तमिलनाडु दिवस (2019) | 1 नवंबर (एडप्पाडी के. पलानीस्वामी) |
तमिलनाडु दिवस (2022) | 18 जुलाई (एम. के. स्टालिन) |
तमिलनाडु की GDP रैंक | भारत में छठवां स्थान |
स्मारक | 2015 में विरुधुनगर में शंकरलिंगनार स्मारक |